वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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केंद्र ने आरओडीटीईपी योजना के दिशानिर्देश और दर अधिसूचित किए


योजना का उद्देश्य निर्यात और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है

समुद्र, कृषि, चमड़ा, रत्न और आभूषण, ऑटोमोबाइल, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी जैसे क्षेत्रों को योजना का लाभ मिलता है

8555 टैरिफ लाइन आरओडीटीईपी की दरें इसके तहत आएंगी

Posted On: 17 AUG 2021 4:16PM by PIB Delhi

केंद्र ने आज आरओडीटीईपी योजना के दिशानिर्देशों और दरों (निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट) को अधिसूचित कर दिया है। निर्यात की शून्य रेटिंग योजना वैश्विक बाजार में हमारे निर्यात और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी। 8555 टैरिफ लाइन आरओडीटीईपी की दरें इसके तहत आएंगी।

 

यह ध्यान देने वाली बात है कि सरकार घरेलू उद्योग को समर्थन देने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। निर्यात केंद्रित उद्योगों में सुधार किया जा रहा है और उन्हें बेहतर मैकेनिज्म के साथ पेश किया जा रहा है ताकि उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया जा सके। जिससे निर्यात को बढ़ावा मिले और रोजगार पैदा किया जा सके। साथ ही इसके जरिए अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दिया जा सके। यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के हमारे दृष्टिकोण को प्राप्त करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

 

निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) एक ऐसा सुधार है, जो विश्व स्तर पर स्वीकृत सिद्धांत पर आधारित है। जिसका मानना है कि करों और शुल्कों का निर्यात नहीं किया जाना चाहिए, और निर्यात किए गए उत्पादों पर वहन किए गए करों और लेवी को या तो छूट दी जानी चाहिए या निर्यातकों को वापस कर देना चाहिए।

 

योजना का उद्देश्य रिफंड करना है, जिनका वर्तमान में रिफंड नहीं किया गया है:

  • निर्यात किए गए उत्पाद पर केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर शुल्क/कर/लेवी, निर्यात किए गए उत्पाद के उत्पादन में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर पहले लगाए गए अप्रत्यक्ष कर और
  • निर्यात किए गए उत्पादों के वितरण के संबंध में ऐसे अप्रत्यक्ष शुल्क/कर/लेवी।

 

यह ध्यान देने की बात है कि योजना के तहत छूट उस समय नहीं मिलेगी, जब पहले से शुल्क और करों के संबंध में छूट दी जा चुकी है।

 

आरओडीटीईपी विदेश में घरेलू उद्योग को समान अवसर प्रदान करके भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने जा रहा है।

 

आरओडीटीईपी समर्थन पात्र निर्यातकों को फ्रेट ऑन बोर्ड (एफओबी) अधिसूचित दर पर मूल्य के प्रतिशत के रूप में उपलब्ध होगा। कुछ निर्यात उत्पादों पर छूट भी निर्यात होने वाले उत्पाद की प्रति यूनिट मूल्य सीमा के आधार पर तय होगी।

 

योजना को सीमा शुल्क विभाग द्वारा सरलीकृत आईटी प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाना है। छूट एक हस्तांतरणीय शुल्क क्रेडिट/इलेक्ट्रॉनिक स्क्रिप (ई-स्क्रिप) के रूप में जारी की जाएगी।  जिसे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक लेजर में रखा मेंटन किया जाएगा।

 

आरओडीटीईपी के तहत पहचाने गए निर्यात क्षेत्रों  में 8555 टैरिफ लाइन शामिल हैं। जिसे वस्त्र मंत्रालय की आरओएससीटीएल योजना के तहत अपैरल और मेड-अप निर्यात के लिए भी विस्तारित कर दिया गया है।

 

आरओडीटीईपी और आरओएसटीएल के तहत रोजगार उन्मुख क्षेत्रों जैसे समुद्री, कृषि, चमड़ा, रत्न और आभूषण, ऑटोमोबाइल, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी आदि जैसे अन्य क्षेत्रों को भी समर्थन मिलता है। ऐसे में दोनो योजनाओं में वस्त्रों की पूरी वाल्व श्रृंखला शामिल हो जाती है।

 

आरओडीटीईपी अधिसूचना को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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