सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने तपस का शुभारंभ किया
एक मानक एमओओसी (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स) प्लेटफॉर्म के रूप में, तपस (उत्पादकता एवं सेवाओं को बढ़ावा देने वाला प्रशिक्षण), सामाजिक रक्षा के क्षेत्र में हितधारकों के बीच क्षमता निर्माण करने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपलब्धता प्रदान करता है
नशीली दवाओं (पदार्थ) के दुर्व्यवहार की रोकथाम करने, जराचिकित्सा/बुजुर्ग लोगों की देखभाल, जड़बुद्धिता वाले लोगों की देखभाल एवं प्रबंधन, ट्रांसजेंडर वाले मुद्दों और सामाजिक रक्षा विषयों पर पांच प्रकार के पाठ्यक्रमों को मुफ्त में उपलब्ध कराता है
तपस के माध्यम से फिल्माए गए व्याख्यानों और ई-अध्ययन सामग्रियों को प्रदान किया जाता है
Posted On:
14 AUG 2021 4:16PM by PIB Delhi
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, डॉ वीरेंद्र कुमार ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान द्वारा विकसित किए गए एक ऑनलाइन पोर्टल तपस (उत्पादकता एवं सेवाओं को बढ़ावा देने वाला प्रशिक्षण) का शुभारंभ किया, इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले और सुश्री प्रतिमा भौमिक भी उपस्थित थे।
तपस के विचार की संकल्पना ऐसे समय पर की गई है जब काम और शिक्षा के लिए ऑनलाइन माध्यम की खोज कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण एक आवश्यकता बन चुकी है। सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण करने के लिए इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों और स्वयं सेवकों की अधिकतम भागीदारी को सुनिश्चित करने के मंत्रालय द्वारा इसे और बढ़ावा दिया जा रहा है।
तपस, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान (एनआईएसडी) की एक पहल है, जो विषय से संबंधित विशेषज्ञों, अध्ययन सामग्रियों और व्याख्यान तक लोगों को एक पहुंच प्रदान करता है, लेकिन इस प्रकार जिससे शिक्षण की गुणवत्ता से समझौता किए बिना उन्हें भौतिक कक्षा का विकल्प प्रदान किया जा सके। पाठ्यक्रम मॉड्यूल की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों के बीच क्षमता निर्माण करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना और ज्ञान एवं कौशल का विकास करना है। इसे किसी व्यक्ति के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जो इन विषयों पर अपने ज्ञान को बढ़ावा देना चाहते हैं और इसमें शामिल होने के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। नशीली दवाओं (पदार्थ) के दुर्व्यवहार की रोकथाम करने, जराचिकित्सा/बुजुर्ग लोगों की देखभाल, जड़बुद्धिता लोगों की देखभाल और प्रबंधन, ट्रांसजेंडर मुद्दों और सामाजिक रक्षा विषयों पर पांच पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
डॉ वीरेंद्र कुमार ने इस पहल के लिए एनआईएसडी टीम को शुभकामनाएं प्रदान कीं और कहा कि मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से लोगों को सामाजिक रक्षा के इस क्षेत्र में सीखने और काम करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचने में सक्षम बनाया जाएगा। उन्होंने सभी लोगों से मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम करने, बुजुर्गों की देखभाल करने, ट्रांसजेंडर कल्याण और भिक्षावृत्ति की रोकथाम करने वाले जैसे मुद्दों के प्रति बेहतर समझ विकसित करने के लिए पाठ्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया। डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि "सामाजिक रक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को पाठ्यक्रम में नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम है और कोई भी व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता के साथ इस सुविधा का उपयोग कर सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि "हमारी शिक्षा प्रणाली में, जहां पर अध्यापन की ऑफलाइन विधा इतनी गहरी पैठ बनाए हुई है, यह पाठ्यक्रम परिवर्तन वाले मार्ग को प्रशस्त करेगा और नई संभावनाओं के रास्तों को खोलेगा। हमारे पास सदियों पुरानी गुरु-शिष्य परम्परा को सम्मान देने के लिए कोई कमी नहीं है लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम इसे ऑनलाइन माध्यम से स्थानांतरित नहीं कर सकते हैं। इसलिए, आइए हम सभी इस नई यात्रा की शुरुआत करें और जब सीखने और ज्ञान प्राप्त करने की बात की जा रही हो तो अपने दायरे का विस्तार करें।”
श्री आर सुब्रह्मण्यम, सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने कहा कि तपस एमओओसी (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स) के लिए एक मानक प्लेटफॉर्म है, जिसमें कोर्स सामग्री के रूप में फिल्माए गए व्याख्यानों और ई-अध्ययन सामग्रियों को शामिल किया गया है। इसमें छात्रों और पाठ्यक्रम समन्वयकों के बीच बातचीत को समर्थन एवं प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए चर्चा मंच को भी शामिल किया गया है।
सुश्री राधिका चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने तपस के घटकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस मंच को चतुर्भुज दृष्टिकोण के साथ बनाया गया है। यह एक वर्चुअल क्लास होगी जिसमें कोई भी विशेषज्ञ या इसका उपयोग करने वाला व्यक्ति एनिमेटेड इंफो ग्राफिक्स और पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के सहयोग से विषय पर व्याख्यान दे सकता है। प्रतिभागियों को संबंधित विषय पर सूचनात्मक सामग्री प्रदान की जाएगी जैसे लेख, केस स्टडी और अन्य अध्ययन सामग्री, जिसे भविष्य में डाउनलोड भी किया जा सकता है। प्रत्येक मॉड्यूल को पूरा करने के बाद, छात्र बहु-विकल्पिक प्रश्नोत्तरी की सहायता से विषय पर अपनी समझ का आकलन भी कर सकते हैं। पोर्टल पर एक चर्चा मंच भी प्रदान किया गया है, जिसके माध्यम से वे कोर्स कोऑर्डिनेटर से अपनी शंकाओं का समाधान भी कर सकते हैं।
इसके बाद तपस प्रॉस्पेक्टस और ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर एक सूचनात्मक वीडियो भी जारी किया गया और डॉ. वीरेंद्र मिश्रा, निदेशक, एनआईएसडी ने धन्यवाद प्रस्ताव भी दिया।
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