युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय

बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता, दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं

Posted On: 01 AUG 2021 7:51PM by PIB Delhi

मुख्य बिंदु:

सिंधु ने कांस्य पदक के मुकाबले में चीन की ही बिंग जियाओ को 21-13 और 21-15 से हराया

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधु को इस शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी

खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सिंधु को बधाई देते हुए कहा, आपने इतिहास रच दिया

 

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु ने आज टोक्यो ओलंपिक में महिला एकल मैच में कांस्य पदक जीता। पी वी सिंधु ने कांस्य पदक मैच में चीन की ही बिंग जियाओ को 21-13 और 21-15 से हराया और इस जीत के साथ सिंधु दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। सिंधु ने रियो 2016 में रजत पदक जीता था। पहलवान सुशील कुमार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले और एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और देश के कोने-कोने से लोगों ने पी वी सिंधु को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

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राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने सिंधु की जीत पर उन्हें बधाई दी। श्री कोविन्द ने ट्वीट किया, ''पी वी सिंधु दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं हैं। उन्होंने निरंतरता, समर्पण और उत्कृष्टता का एक नया पैमाना स्थापित किया है। भारत को गौरवान्वित करने के लिए उन्हें मेरी ओर से हार्दिक बधाई।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधु को उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दी। श्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, "पी वी सिंधु के उत्कृष्ट प्रदर्शन से हम सभी गर्वित हैं। टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। वे भारत की गौरव हैं और हमारे सबसे उत्कृष्ट ओलंपिक खिलाड़ियों में से एक हैं।"

पी वी सिंधु को बधाई देते हुए खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ट्वीट किया, “पी वी सिंधु की ज़बरदस्त जीत!!! आपने इस गेम पर पूरा दबदबा बनाए रखा और इतिहास रच दिया #Tokyo2020! दो बार की ओलंपिक पदक विजेता! भारत को आप पर बहुत गर्व है और आपकी वापसी का इंतजार है! आपने कर दिखाया!"

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पी वी सिंधु एक रजत पदक विजेता (रियो 2016 ओलंपिक) हैं। उनके माता-पिता दोनों राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। उनके पिता को अर्जुन पुरस्कार मिला हुआ है। पी वी सिंधु ने महबूब अली के मार्गदर्शन में 8 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था और सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्युनिकेशंस के बैडमिंटन कोर्ट में बैडमिंटन की बुनियादी बातें सीखीं। ये खेल सीखने और इसकी प्रैक्टिस करने के लिए पी वी सिंधु अपने घर से बैडमिंटन कोर्ट तक आने-जाने के लिए रोज़ 56 किलोमीटर की दूरी तय करती थीं। फिर वे पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में शामिल हुईं और 10 साल की श्रेणी में कई खिताब जीते।

 

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व्यक्तिगत विवरण :

जन्म तिथि : 05 जुलाई, 1995

घर : हैदराबाद, तेलंगाना

प्रशिक्षणः पीजीबीए और जीएमसी बालायोगी खेल परिसर, गाचीबोवली

व्यक्तिगत कोच: पार्क ताए सांग

राष्ट्रीय कोच: पुलेला गोपीचंद

 

उपलब्धियां:

रजत पदक,  रियो ओलंपिक्स 2016

स्वर्ण पदक,  सीडब्ल्यूजी 2018 (टीम प्रतिस्पर्धा)

रजत पदक,  सीडब्ल्यूजी 2018

रजत पदक, एशियाई खेल 2018

विश्व चैंपियन, 2019

 

मुख्य सरकारी सहायता

विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं और विदेशी प्रशिक्षण के लिए वीजा सपोर्ट लेटर

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं और विदेश में प्रशिक्षण के लिए टीओपीएस के अंतर्गत फिजियोथेरेपिस्ट और फिटनेस प्रशिक्षक

टीओपीएस के अंतर्गत फिजियोथेरेपिस्ट सहयोग (2018 में 3 महीने के लिए गायत्री शेट्टी)

वर्तमान ओलंपिक चक्र में 52 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए वित्तीय सहायता

टोक्यो जाने के उद्देश्य से उनके त्वरित पुनर्वास के लिए गेम रेडी रिकवरी सिस्टम उपलब्ध कराया गया। उनके अनुरोध पर 24 घंटों के भीतर धनराशि जारी की गई।

तेलंगाना राज्य के साथ सहयोग में गाचीबोवली स्टेडियम में विशेष प्रशिक्षण, साथ ही वहां पर कोर्ट मैट्स के लिए वित्तपोषण।

व्यक्तिगत विदेशी कोच के लिए प्रावधान- एसीटीसी के अंतर्गत पार्क ताए सांग

उनके और उनके व्यक्तिगत स्टाफ के लिए कोविड के दौरान अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए लॉजिस्टिक समर्थन।

एसीटीसी के अंतर्गत राष्ट्रीय कोचिंग शिविर

कोविड-19 प्रोटोकॉल, लाइफ एट टोक्यो, एंटी डोपिंग और गर्व के साथ भारत से यात्रा को समझने के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम कराए गए।

 

वित्तीय सहायता

टीओपीएस :  51,28,030 रुपये

एसीटीसी :  3,46,51,150 रुपये

कुल :   3,97,79,180 रुपये

 

पुरस्कार

पद्म भूषण  (2020)

पद्म श्री (2015)

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2016)

अर्जुन पुरस्कार  (2013)

 

ग्रासरूट कोच: महबूब अली (उम्रः 8-10) मोहम्मद अली, आरिफ सर, गोवर्धन सर और टॉम जॉन (उम्र 10-12)

डेवलपमेंट कोचः गोपीचंद एकेडमी के पुलेला गोपीचंद और अन्य

इलीट कोचः मुल्यो, किम, द्वी, रिफान और पार्क ताए सांग (2018 से अभी तक)

 

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