विद्युत मंत्रालय

केंद्रीय विद्युत मंत्री और विद्युत राज्य मंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव के एक अंग के रूप में बिजली के उपयोगों के प्रमुख नियामक मानकों पर एक रिपोर्ट जारी की


ग्रामीण विद्युतीकरण निगम ने अपना 52वां स्थापना दिवस मनाया

श्री आर. के. सिंह ने हरियाणा के गुरुग्राम में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम के नए कॉर्पोरेट कार्यालय का उद्घाटन किया

Posted On: 25 JUL 2021 7:10PM by PIB Delhi

      ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के 52वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर, विद्युत मंत्रालय में सचिव श्री आलोक कुमार, आरईसी लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक श्री संजय मल्होत्रा और विद्युत मंत्रालय और आरईसी के प्रमुख अधिकारियों ​​की उपस्थिति में गुरुग्राम, हरियाणा में निगम के नए अत्याधुनिक कॉर्पोरेट कार्यालय का उद्घाटन किया। आरईसी का नया कॉर्पोरेट कार्यालय 4.2 एकड़ में फैला हुआ यह नवीन परिसर एक जैव-पर्यावरणीय अनुकूल भवन है जिसमें एक प्लाजा और 400 सीटों वाला सभागार है। यह अपने स्वयं के छत पर (रूफटॉप) 1मेगावाट  सौर संयंत्र द्वारा संचालित एक शुद्ध-शून्य (बाहरी बिजली आपूर्ति रहित) इमारत है इसे और एकीकृत जल प्रबंधन और ऊर्जा प्रबंधन के लिए जीआरआईएचए शिखर सम्मेलन (एकीकृत आवास मूल्यांकन के लिए ग्रीन रेटिंग) द्वारा सम्मानित किया गया है।

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भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए इस समय देशभर में चल रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में माननीय मंत्रियों ने विद्युत की उपयोगिताओं के प्रमुख नियामक मापदंडों पर एक रिपोर्ट भी जारी की। रिपोर्ट में राज्य के स्वामित्व वाली पारेषण और उत्पादन उपयोगिताओं के अलावा डीआईएससीओएमएस की प्रमुख नियामक जानकारी शामिल है। यह उनके कार्यनिष्पादन (प्रदर्शन) की सार्थक तुलना की सुविधा देगा और नीति निर्माताओं और नियामकों सहित विद्युत क्षेत्र के तत्संबंधी हितधारकों के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि भी प्रदान करेगा। बेंचमार्किंग और प्रमुख नियामक मापदंडों के    तुलनात्मक मूल्यांकन से भी एक ऐसा व्यापक अवलोकन मिलेगा जिससे यह पता चलेगा कि विद्युत उपयोगिताओं का कार्यनिष्पादन कैसा है और उसमें किस प्रकार के सुधारात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

 

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने आरईसी को उसके 52वें स्थापना दिवस पर बधाई दी और कहा कि यह एक ऐसी शानदार यात्रा रही है जिस पर निगम गर्व कर सकता हैI ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) ने हाल ही में रिकॉर्ड समय में हर गांव और गांव को जोड़ने और विद्युत क्षेत्र को बदलने का काम पूरा किया है।

विद्युत राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि पूरे भारत में 22 कार्यालयों के अपने व्यापक नेटवर्क के माध्यम से आरईसी बिजली के वितरण, संचरण (पारेषण), उत्पादन और अक्षय (नवीकरणीय) ऊर्जा क्षेत्रों के विकास के वित्तपोषण का आवश्यक कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि डीडीयूजीजेवाई योजना के तहत देश ने गांवों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरणका लक्ष्य हासिल कर लिया है। रिकॉर्ड समय में 2.81 करोड़ घरों का विद्युतीकरण करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। आरईसी इसके लिए बधाई का पात्र है। रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि विद्युत उपयोगिताओं (पावर यूटिलिटीज) के प्रमुख नियामक मापदंडों पर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा जारी रिपोर्ट विद्युत उपयोगिताओं के लिए कार्य निष्पादन (प्रदर्शन) मापदंडों का एक व्यापक संग्रह प्रदान करने और बेहतर निर्णय लेने के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करने की एक अनूठी पहल है।

इस कार्यक्रम में भारत सरकार की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) योजना की उपलब्धियों पर एक पुस्तिका और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा आरईसी की सीएसआर पहल पर एक संग्रह भी का विमोचन भी  किया गया।

 

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) लिमिटेड के बारे में: आरईसी लिमिटेड एक नवरत्न गैर-बैंकिंग वित्तपोषण संस्था (एनबीएफसी) है जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 1969 में स्थापित ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड ने संचालन के क्षेत्र में अपने पचास वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह राज्य बिजली बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्र/राज्य बिजली उपयोगिताओं, स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की उपयोगिताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण विद्युत क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में परियोजनाओं का वित्तपोषण करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं में उत्पादन, पारेषण, वितरण परियोजनाएं और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। आरईसी के वित्तपोषण से भारत में हर चौथे बल्ब को रोशनी मिलती है।

 

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