इस्‍पात मंत्रालय

इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने आरआईएनएल, एमएसटीसी, केआईओसीएल और एमओआईएल के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक की

Posted On: 13 JUL 2021 6:00PM by PIB Delhi

केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ आज आरआईएनएल और उसकी सहायक कंपनियों बीएसएलसी, ओएमडीसी और एमएसटीसी एवं उसकी सहायक कंपनियां एफएसएनएल, केआईओसीएल और एमओआईएल की कारोबारी गतिविधियों और प्रदर्शन की समीक्षा की।

इस मौके पर आरआईएनएल के सीएमडी ने कंपनी के फिजिकल और वित्तीय प्रदर्शन, निर्माणधीन परियोजनाएं, महत्वपूर्ण कदमों, विभिन्न क्षेत्रों के मुद्दे और भविष्य की योजना के बारे में एक प्रस्तुति दी। इस्पात मंत्री ने फोर्ज्ड व्हील संयंत्र के संचालन और उसके द्वारा रेलवे को पहियों की आपूर्ति की संभावित तिथि के बारे में जानकारी भी ली, उन्होंने आरआईएनएल द्वारा अपने प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी संज्ञान लिया। इसके अलावा, उन्होंने आरआईएनएल को लागत को नियंत्रित करने और उत्पादकता में सुधार के लिए सभी उपाय करने का सुझाव दिया। ओएमडीसी खानों की स्थिति की भी समीक्षा की गई। इस्पात मंत्री को बीएसएलसी के उत्पादन और वित्तीय प्रदर्शन की भी जानकारी दी गई।

एमएसटीसी के सीएमडी ने इस्पात मंत्री को कंपनी के तीन कारोबारी कार्यक्षेत्र ई-कामर्स, ट्रेडिंग और रिसाइक्लिंग के बारे में अवगत कराया। अपने ई-कामर्स बिजनेस के बारे में एमएसटीसी के सीएमडी, ने बिजनेस की विविधता और कंपनी द्वारा दी जा रही खास सेवाओं, जैसे वन और कृषि उत्पादों, कमोडिटी, प्राकृतिक संसाधनों और खनिज जैसे क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। प्रस्तुति में कंपनी की सहायक कंपनी एफएसएनएल की कारोबारी गतिविधियों को भी शामिल किया गया। जो इस्पात संयंत्रों को हॉट स्लैग प्रबंधन और धातु स्क्रैप रिकवरी की महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रही है।

केआईओसीएल के सीएमडी ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कंपनी के ऐतिहासिक विकास के साथ-साथ कंपनी के फिजिकल और वित्तीय प्रदर्शन के बारे में एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कंपनी को विविध क्षेत्रों में काम करने वाली और टिकाऊ कंपनी बनाने के लिए निर्माणधीन परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी । इस्पात मंत्री ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कंपनी के अच्छे प्रदर्शन की सराहना करते हुए केआईओसीएल प्रबंधन को निर्माणधीन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है।

एमओआईएल अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कंपनी की स्थापना के बाद से उसके अब तक के विकास के बारे एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने इसके तहत स्वीकृत पर्यावरण मंजूरी, वर्तमान उत्पादन स्तर और महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 11 खदानों की विकास योजनाओं का विवरण देते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति दी। श्री सिंह ने कहा कि एमओआईएल को खनन की अपनी मुख्य गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और देश में विभिन्न राज्यों में उपलब्ध संसाधनों से उत्पादन बढ़ाना चाहिए।

मंत्री ने यह भी समझा कि फेरो एलॉय इंडस्ट्री की मांग को पूरा करने के लिए देश में बड़ी मात्रा में मैंगनीज अयस्क का आयात किया जा रहा है। इसलिए एमओआईएल को दूसरे राज्यों में मैंगनीज के नए स्रोत और अवसरों का पता लगाना चाहिए, जहां घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए मैंगनीज धातु जमीन में उपलब्ध हैं। ऐसा करने से आत्मनिर्भर भारत के विचार को साकार करने में मदद मिलेगी और आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

इस्पात मंत्री ने कंपनियों को कुशल कारोबारी तरीकों को अपनाने और जिस क्षेत्र में वे काम करते हैं, उसमें प्रतिस्पर्धी में बने रहने का निर्देश दिया।

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) संचालित करता है। जो भारत का पहला तटीय आधारित एकीकृत इस्पात संयंत्र है। वीएसपी एक 7.3 एमटीपीए का संयंत्र है। ईस्टर्न इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (ईआईएल) कंपनी की एक सहायक कंपनी है। ईआईएल की भी मेसर्स उड़ीसा मिनरल डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (ओएमडीसी) और मेसर्स बिसरा स्टोन लाइम कंपनी लिमिटेड (बीएसएलसी) दो सहायक कंपनियां हैं। ओएमडीसी लौह अयस्क और मैंगनीज अयस्क के खनन और उत्पादन में लगी हुई है। बीएसएलसी ओडिशा के सुदरगढ़ में चूना पत्थर और डोलोमाइट खदानों का संचालन करती है।

एमएसटीसी लिमिटेड, एक मिनी रत्न श्रेणी-1 सार्वजनिक उपक्रम है। जो कि ई-नीलामी/ई-बिक्री, ई-खरीद सेवाओं और सॉफ्टवेयर/सॉल्यूशंस सेवाएं देने वाले विविध उद्योगों को ई-कॉमर्स से संबंधित सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई है। एफएसएनएल एक मिनी रत्न-2 श्रेणी, एमएसटीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। जो स्टील मिल सेवा क्षेत्र में अग्रणी संस्थानों में से एक बन गई है।

एमओआईएल एक अनुसूची "ए" मिनीरत्न श्रेणी-1 कंपनी है। वर्तमान में, एमओआईएल 11 खानों का संचालन करती है, जिनमें से सात महाराष्ट्र के नागपुर और भंडारा जिलों में और चार मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित हैं। एमओआईएव विभिन्न ग्रेड के मैंगनीज अयस्क का उत्पादन और बिक्री करती है।

केआईओसीएल लिमिटेड (जिसे पहले कुद्रेमुख आयरन ओर कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) को देश में लौह अयस्क खनन, लाभकारी और आयरन-ऑक्साइड पेलेटाइजेशन के संचालन में चार दशकों से अधिक का अनुभव है। केआईओसीएल के पास कर्नाटक के मंगलुरु में 2.16 लाख टन प्रति वर्ष पिग आयरन के निर्माण के लिए 3.5 एमटीपीए आयरन-ऑक्साइड पैलेट संयंत्र, ब्लास्ट फर्नेस इकाई की संचालन सुविधा है।

 

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