वित्‍त मंत्रालय

सीजीएसटी अधिकारियों ने 91 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने वाली 23 फर्मों के नेटवर्क का खुलासा किया

Posted On: 11 JUL 2021 10:27AM by PIB Delhi

विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, दिल्ली (पश्चिम) की चोरी-रोधी शाखा के अधिकारियों ने लगभग 91 करोड़ रुपये के माल रहित चालान के माध्यम से अस्वीकार्य इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लाभ/उपयोग और पारित करने के फर्जी मामले का पता लगाया है। इस मामले में अस्वीकार्य क्रेडिट का लाभ उठाने/इनका उपयोग करने और पारित करने की कार्य-प्रणाली में कई फर्में शामिल थीं।

इस नेटवर्क में शामिल फर्मों में मेसर्स गिरधर एंटरप्राइजेज, मेसर्स अरुण सेल्स, मेसर्स अक्षय ट्रेडर्स, मेसर्स श्री पद्मावती एंटरप्राइजेज और 19 अन्य शामिल हैं। ये 23 फर्में सरकार को वास्तविक जीएसटी का भुगतान किए बिना धोखाधड़ी वाले आईटीसी को पारित करने के इरादे से माल-रहित चालान बनाने में शामिल थीं। स्वर्गीय श्री दिनेश गुप्ता, श्री शुभम गुप्ता, श्री विनोद जैन और श्री योगेश गोयल फर्जी चालान बनाने/बेचने के उक्त व्यवसाय से जुड़े थे। ये संस्थाएं विभिन्न वस्तुओं का कारोबार कर रही हैं और 551 करोड़ रुपये के माल-रहित चालान बनाने और 91 करोड़ (लगभग) रूपए की अस्वीकार्य आईटीसी पास करने में शामिल हैं। तीनों आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए स्वेच्छा से बयान दिया है।

इसलिए श्री शुभम गुप्ता, श्री विनोद जैन एवं श्री योगेश गोयल ने जानबूझकरसीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) एवं 132(1)(सी) के तहत अपराध किया जो कि संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध हैं और धारा 132(5) के प्रावधान और उक्त अधिनियम की धारा 132 की उप धारा (1) के खंड (i) के तहत दंडनीय हैं। तदनुसार, उन्हें 10.07.2021 को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत गिरफ्तार किया गया और ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

दिल्ली जोन जीएसटी की चोरी को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, वर्तमान वित्त वर्ष में 91.256 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया है। और इन मामलों में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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एमजी/एएम/एसएस/डीसी


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