उप राष्ट्रपति सचिवालय

टेरेस बागवानी हमें लागत प्रभावी और पौष्टिक खाद्य पदार्थ प्रदान कर सकती है: उपराष्ट्रपति


बागवानी हमें प्रकृति के करीब लाती है: श्री नायडू

उपराष्ट्रपति को 'टेरेस गार्डन: मिड्ड थोटा' नामक पुस्तक भेंट की गई

Posted On: 10 JUL 2021 7:00PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू को आज श्री थुमेती राघोथमा रेड्डी की पुस्तक 'टेरेस गार्डन: मिड्ड थोटा' के अंग्रेजी अनुवाद की पहली प्रति प्राप्त हुई।

मूल रूप से तेलुगु में लिखी गई इस पुस्तक में श्री रेड्डी की नारापल्ले हैदराबाद में एक फलदायक टेरेस गार्डन विकसित करने की सफल यात्रा का इतिहास है। पुस्तक को साकार रूप प्रदान करने के प्रयासों के लिए श्री नायडू ने अनुवादक श्री कोडुरू सीताराम प्रसाद और प्रकाशक श्री यदलापल्ली वेंकटेश्वर राव की सराहना की।

उपराष्ट्रपति ने श्री रेड्डी की सराहना करते हुए कहा कि उनके टैरेस गार्डन में खेती के सदियों पुराने पारंपरिक तरीकों का उपयोग किया जा रहा है। पिछले सात साल में श्री रेड्डी 1230 स्क्वेयर फीट के छोटे से एरिया में 25 क्विंटल सब्जियां प्राप्त कर पाए और यह सब सिर्फ मिट्टी और जानवरों की खाद का इस्तेमाल करते हुए किया गया। उनके टेरेस गार्डन में किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया। इस उल्लेखनीय उपलब्धि को देखते हुए श्री नायडू ने कहा "टेरेस बागवानी एक अद्भुत विचार है क्योंकि यह हमें पौष्टिक भोजन प्रदान कर सकता है जो लागत प्रभावी है।"

टेरेस गार्डन होने के फायदों पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इससे न केवल रसायन मुक्त फल और सब्जियों का ताजा उत्पाद प्राप्त होता है बल्कि आसपास की हवा में ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि "बागवानी प्रकृति के करीबी लाती है और यह मानसिक तनाव से राहत भी प्रदान कर सकती है।"

पुस्तक 'टेरेस गार्डन: मिड्ड थोटा' एक छत उद्यान की खेती करते समय अपनाए जा सकने वाले व्यावहारिक तरीकों और तकनीकों में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। श्री नायडू ने कहा कि यह पुस्तक लोगों को टेरेस गार्डनिंग करने के लिए प्रेरित करती है और उन लोगों के लिए एक आदर्श मार्गदर्शक है जो अपने स्वयं के एक टेरेस गार्डन का सदुपयोग करना चाहते हैं। उपराष्ट्रपति ने घर में खाली जगह वाले लोगों से आग्रह किया कि वे शौकिया तौर पर बागवानी की खेती करने का प्रयास करें।

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