कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, मौजूदा कोविड महामारी को देखते हुए बैंकों को जल्द से जल्द पेंशन देने का निर्देश दिया गया


इस कदम से वृद्ध नागरिकों के लिए "ईज ऑफ लिविंग" का मार्ग प्रशस्त होगा

Posted On: 18 JUN 2021 6:29PM by PIB Delhi

वृद्ध नागरिकों के लिए "ईज ऑफ लिविंग" की मांग के उद्देश्य से एक बड़े सुधार में, बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे वर्तमान कोविड महामारी को देखते हुए पेंशन का तेजी से वितरण करें। निर्देश में यह भी कहा गया है कि पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में मृतक पेंशनभोगी के पति या पत्नी या परिवार के सदस्य को अनावश्यक विवरण और दस्तावेज मांग कर किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े, बल्कि जल्द से जल्द पेंशन का वितरण किया जाए।

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए परिपत्र के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभाग के संज्ञान में कुछ ऐसे मामले आए हैं जिनमें पेंशनभोगी की मृत्यु होने के बाद मृतक के परिवारों को पेंशन प्रदान करने वाले बैंकों से उनको विवरण और दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, जो कि पारिवारिक पेंशन की शुरूआत करने के लिए आवश्यक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पेंशनभोगियों सहित सभी नागरिकों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' प्रदान करने के प्रति प्रतिबद्ध है और इसलिए विशेष रूप से महामारी के दौरान बुजुर्ग नागरिकों को इस प्रकार की होने वाली असुविधाओं से मुक्त करना होगा।

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पेंशन वितरण करने वाले सभी बैंकों के प्रमुखों को एक विज्ञप्ति जारी कर यह निर्देश दिया गया है कि मृतक पेंशनभोगी के परिवार के सदस्यों को पेंशन के लिए परेशान किए बिना, मृतक पेंशनभोगी का मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर पेंशन की शुरूआत कर दी जानी चाहिए और जहां पर पेंशनभोगी का अपने पति या पत्नी के साथ एक संयुक्त खाता मौजूद था, वहां पर पारिवारिक पेंशन की शुरूआत करने के लिए एक साधारण पत्र या आवेदन पत्र जमा करवाना पर्याप्त होना चाहिए।

ऐसे मामलों में जहां पर पति या पत्नी का मृतक पेंशनभोगी के साथ संयुक्त खाता उपलब्ध नहीं है, दो गवाहों के हस्ताक्षर वाले फॉर्म-14 में एक साधारण आवेदन के माध्यम से पारिवारिक पेंशन की शुरूआत को वैध माना जाना चाहिए।

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीडब्ल्यू) द्वारा बैंकों के संबंधित अधिकारियों को जागरूकता प्रदान करने के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे उन्हें नवीनतम निर्देशों के साथ-साथ पारिवारिक पेंशन मामलों को अनुकंपा के आधार पर निपटाने के लिए जागरूक किया जा सके।

यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि बैंक की वेबसाइट पर एक नोडल अधिकारी का नाम और संपर्क विवरण प्रमुखता के साथ प्रदर्शित किया जाए, पेंशनभोगी की मृत्यु होने के बाद पारिवारिक पेंशन मामलों में की जाने वाली कार्यवाही के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा होने की स्थिति में उनसे पारिवारिक पेंशनभोगी द्वारा संपर्क स्थापित किया जा सके। इसके अलावा, परिवार पेंशन मामलों की स्वीकृति की प्रगति रिपोर्ट का एक अर्ध-वार्षिक विवरण, पेंशन विभाग को निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।

पेंशन विभाग द्वारा हाल ही में पेंशनभोगियों, बुजुर्ग नागरिकों और उनके परिवारों को लाभ प्रदान करने की दिशा में किए गए किए गए सुधार, पथ-प्रदर्शक सुधारों की एक श्रृंखला का एक हिस्सा है।

 

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