पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
खोजे गए छोटे क्षेत्रों के लिए बोली चरण- 3 का शुभारम्भ
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसाधनों के जल्द मुद्रीकरण के लिए नए तरीके अपनाने का आह्वान किया
कहा- डीएसएफ पर तेजी से और मिशन की तरह किया जाना चाहिए काम
Posted On:
10 JUN 2021 4:57PM by PIB Delhi
खोजे गए छोटे क्षेत्र (डीएसएफ) निविदा चरण-3 के लिए आज पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली का शुभारम्भ किया गया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में ईएंडपी कंपनियों, संभावित नई कंपनियों और सेवा प्रदाताओं सहित 450 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्य संबोधन देते हुए श्री प्रधान ने डीजी, हाइड्रोकार्बन और पेट्रोलियम मंत्रालय से डीएसएफ 1 और 2 के तहत उत्पादन की समय सीमाओं के पालन सहित संसाधनों के जल्द मुद्रीकरण के नवीन तरीके विकसित करने के लिए कहा। उन्होंने अनुरोध किया कि ज्यादा जन कल्याण के उद्देश्य से हमारे प्राकृतिक संसाधनों को भुनाने के लिए डीएसएफ पर काम तेज गति से और मिशन के रूप में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीएसएफ बोली चरण 3 का शुभारम्भ संसाधनों को खोलने की दिशा में एक और ठोस कदम है।
श्री प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार ने तेल एवं गैस के घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता देने और भारत की हाइड्रोकार्बन संभावनाओं को पूरी तरह भुनाने के लिए निरंतर नियामकीय व्यवस्था को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र में सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सरकार राजनीतिक रूप से सक्षम है। श्री प्रधान ने कहा कि ईएंडपी क्षेत्र में सुधारों से प्रक्रियाएं सरल हुई हैं, पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है, बाधाएं कम हुई हैं और नए निवेश के लिए भारत एक आकर्षक स्थल बन गया है।
इस अवसर पर एमओपीएनजी सचिव, डीजीएच के महानिदेशक और अतिरिक्त सचिव (अन्वेषण) ने भी अपने विचार रखे।
डीएसएफ बोली चरण-3 में 32 अनुबंध क्षेत्रों की पेशकश की जा रही है, जिसमें 75 खोज शामिल हैं। ये क्षेत्र 13,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाली 9 तलछटी बेसिन में फैले हैं और इनमें लगभग 230 एमएमटी हाइड्रोकार्बन होने का अनुमान है। पेशकश वाले क्षेत्रों के भूवैज्ञानिक डाटा को डाटा रूम के माध्यम से व्याख्या की सुविधाओं के साथ प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे संभावित बोलीदाता को उचित फैसला लेने में सहायता मिलेगी। बोलीदाताओं की आशंकाओं को दूर करने के लिए एक ऑनलाइन पूर्व निविदा सम्मेलन 30 जून, 2021 को होना है। बोलीदाता 31 अगस्त, 2021 तक अपनी बोली जमा कर सकेंगे।
डीएसएफ बोली चरण-1 और 2 से उत्साहित होकर, भारत सरकार ने डीएसएफ बोली चरण-3 के आरंभ के द्वारा डीएसएफ नीति का विस्तार कर दिया है। डीएसएफ के पिछले दो चरणों को खासी सफलता मिली थी। डीएसएफ चरण- 1 2016 में शुरू किया गया था, जिसमें 34 अनुबंध क्षेत्रों के लिए 47 कंपनियों द्वारा 134 बोलियां लगाई गई थीं। राजस्व साझेदारी अनुबंधों पर हस्ताक्षर हो गए थे। 2018 में शुरू हुए डीएसएफ चरण- 2 में 24 अनुबंध क्षेत्रों के लिए 145 निविदाएं मिली थीं। 24 राजस्व साझेदारी अनुबंधों पर हस्ताक्षर हुए थे।
भारत सरकार ने 2015 में खोजे गए छोटे क्षेत्र (डीएसएफ) नीति का शुभारम्भ किया था, जो खोजे गए क्षेत्रों के आवंटन और गैर मुद्रीकृत क्षेत्रों के मुद्रीकरण की दिशा में अहम कदम था। डीएसएफ नीति में कम नियामकीय बोझ के साथ राजस्व साझेदारी अनुबंध मॉडल, कोई न्यूनतम बोली योग्य कार्य कार्यक्रम नहीं, कोई पूर्व तकनीक पात्रता की जरूरत नहीं, कोई अग्रिम सिग्नेचर बोनस (कोई समझौता होने पर सरकार को शुल्क के रूप में किया जाने वाला अग्रिम भुगतान) नहीं आदि जैसी कई आकर्षक खूबियां हैं।
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