इस्‍पात मंत्रालय

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने पश्चिम बंगाल के बर्नपुर में गैसीय ऑक्सीजन सुविधा के साथ जंबो कोविड-केयर सेंटर का उद्घाटन किया


कोविड -19 महामारी से निपटने के लिए अधिक जांच करने, संक्रमितों का पता लगाने और टीकाकरण का आह्वान

Posted On: 19 MAY 2021 6:51PM by PIB Delhi

केंद्रीय इस्पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज पश्चिम बंगाल के सेल-आईएसपी बर्नपुर द्वारा शुरु किया गया 200 बिस्तरों वाला जंबो कोविड देखभाल सुविधा केंद्र कोविड रोगियों के उपचार के लिए समर्पित किया। इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो, दक्षिण आसनसोल की विधायक सुश्री अग्निमित्रा पॉल और स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड की अध्यक्ष सुश्री सोमा मंडल ने भी इस वर्चुअल समारोह में हिस्सा लिया।

इस मौक़े पर संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने देश की तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की अधिकांश आवश्यकताओं को पूरा करने में बढ़चढ़कर काम करने के लिए इस्पात क्षेत्र की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस्पात संयंत्रों ने फौलादी इरादा दिखाया है। तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस्पात संयंत्रों ने गैसीय ऑक्सीजन का उपयोग कम कर दिया है। इस्पात मंत्री ने कहा कि कोविड की पहली लहर में, ऑक्सीजन की अधिकतम मांग 3000 मीट्रिक टन प्रतिदिन से कम थी, जो अब बढ़कर लगभग 10,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गई है, जिसमें से 4000 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन इस्पात संयंत्रों द्वारा प्रदान की जा रही है, इसमें निजी क्षेत्र का सहयोग भी शामिल है।

माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गैसीय ऑक्सीजन के उत्पादन केंद्रों के पास ही कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करने के आह्वान का उल्लेख करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि उन्हें खुशी है कि बर्नपुर में गैसीय ऑक्सीजन सुविधा के साथ ही सेल आज अपनी पहली ऐसी कोविड - देखभाल सुविधा शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा कि गैसीय ऑक्सीजन को लंबी दूरी तक ले जाना मुश्किल है। श्री प्रधान ने कहा कि स्टील तथा पेट्रोलियम क्षेत्रों ने प्राप्त निर्देशों को लागू करने के लिए त्वरित कार्रवाई की है, जिसने इस महामारी के समय में राहत प्रदान की है।

श्री प्रधान ने बर्नपुर में कोविड केयर सेंटर से आग्रह किया कि ठेका मजदूरों, स्थानीय फेरीवालों और दुकानदारों सहित उन सभी लोगों की देखभाल की जाए जो इसके हितधारक हैं या आसपास रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा होना चाहिए कि टाउनशिप में आने वाले लोगों को वहां स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केयर सेंटर में जांच और संक्रमितों का पता लगाने की सुविधा भी शुरू की जाए, साथ ही सुविधाएं उपलब्ध कराने के अलावा केंद्र के रखरखाव तथा सफाई का काम आईएसपी (एकीकृत इस्पात संयंत्र) द्वारा किया जाना चाहिए। इस्पात मंत्री ने सेल से अपने कर्मचारियों, उनके परिवारों, अनुबंध कर्मचारियों और अन्य जो लोग कंपनी के पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं, उन सभी के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने का आह्वान किया।

श्री कुलस्ते ने संकट के इस समय में सेल की उत्कृष्ट भूमिका के लिए इसका धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सेल अब तक 69,000 मीट्रिक टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन प्रदान कर चुका है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार कर रही है तथा जन सामान्य की मदद कर रही है। श्री कुलस्ते ने कहा कि यह सब इस अदृश्य दुश्मन से लड़ने के प्रति हमारे संकल्प का संकेत है।

सेल के सभी पांच एकीकृत इस्पात संयंत्रों (आईएसपी) ने ऑक्सीजन युक्त कोविड देखभाल अस्पताल स्थापित करने का कार्य अपने हाथ में ले लिया है। आईएसपी बर्नपुर चरणबद्ध तरीके से गैसीय ऑक्सीजन के सुविधा के साथ 500 बिस्तरों वाली जंबो कोविड देखभाल सुविधा प्रदान के लिए तैयार है। पहले चरण में, सेल-आईएसपी बर्नपुर ने अपने 32 कमरों वाले छोटादिघारी विद्यापीठ एचएस स्कूल को 200 बेड वाली जंबो कोविड केयर फैसिलिटी में परिवर्तित कर दिया है, जो आज से सेवाएं प्रदान कर रहा है। 3 सप्ताह से भी कम समय के भीतर अस्पताल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्कूल की इमारत का नवीनीकरण किया गया है। पहली मंजिल तक मरीजों की सुचारू आवाजाही के लिए एक संरचनात्मक स्टील रैंप बनाया गया है। नई सुविधाओं के साथ 8 बिस्तरों वाले आईसीयू का प्रावधान भी रखा गया है। आईसीयू के लिए कंप्रेस्ड एयर और सक्शन लाइन जैसी जरूरी जरूरतें पूरी की जा रही हैं। संयंत्र से गैसीय ऑक्सीजन के परिवहन के लिए 1.5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। केंद्र को संचालन के लिए जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा और संयंत्र मुफ्त पानी, बिजली एवं ऑक्सीजन प्रदान करता रहेगा।

स्टील प्लांट तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति 1 अप्रैल, 2021 को 538 मीट्रिक टन से बढ़ा दी गई है। सेल ने कल 1345 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन का योगदान दिया, जबकि इस्पात क्षेत्र का हिस्सा 3914 मीट्रिक टन था।

 

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