उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

पंजाब के किसानों के खाते में लगभग 8,180 करोड़ रुपये सीधे  स्थानांतरित किये गए


पहली बार, पंजाब के किसानों ने अपनी गेहूं की फसल की बिक्री के लिए बिना किसी देरी के सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त किया

भारत सरकार के तहत एफसीआई और अन्य एजेंसियों ने 25 अप्रैल 2021 तक सेंट्रल पूल में 222.34 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 77.57 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गयी थी

लगभग 21.17 लाख किसानों को मौजूदा रबी विपणन सत्र में खरीद संचालन कार्यों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 43,912 करोड़ रुपये का भुगतान करके पहले ही लाभान्वित किया जा चुका है

2021-22 के रबी विपणन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद संचालन कार्य जोरों पर है

"वन नेशन, वन एमएसपी, वन डीबीटी" मिशन ठोस रूप ले रहा है

Posted On: 26 APR 2021 1:33PM by PIB Delhi

पहली बार, पंजाब के किसानों ने अपनी गेहूं की फसल की बिक्री के लिए सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त करना शुरू कर दिया है। करीब 8,180 करोड़ रुपये पहले ही सीधे पंजाब के किसानों के खातों में भेज दिए गए हैं।

2021-22 के मौजूदा रबी विपणन सत्र (आरएमएस) में, भारत सरकार ने वर्तमान मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर रबी फसल की खरीद जारी रखी है।

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं अन्य खरीद राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में गेहूं की खरीद तेज गति से चल रही है और 25 अप्रैल 2021 तक 222.33 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) से अधिक फसल की खरीद की जा चुकी है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 77.57 लाख मीट्रिक टन फसल की खरीद की गयी थी।

25 अप्रैल, 2021 तक की गयी 222.33 लाख मीट्रिक टन की कुल खरीद में से, पंजाब - 84.15 लाख मीट्रिक टन (37.8 प्रतिशत), हरियाणा- 71.76 लाख मीट्रिक टन (32.27 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश -51.57 लाख मीट्रिक टन (23.2 प्रतिशत) ने प्रमुख योगदान दिया है।

करीब 21.17 लाख गेहूं के किसानों को पहले से ही 43,912 करोड़ रुपए के एमएसपी मूल्य के साथ मौजूदा रबी विपणन सत्र में खरीद अभियानों से लाभान्वित किया जा चुका है।

25 अप्रैल, 2021 तक, पंजाब में लगभग 8,180 करोड़ रुपये और हरियाणा में लगभग 4,668 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में भेजे गए हैं।

इस वर्ष, सार्वजनिक खरीद के इतिहास में तब एक नया अध्याय जुड़ा जब हरियाणा और पंजाब ने एमएसपी के अप्रत्यक्ष भुगतान का तरीका छोड़ते हुए भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी खरीद एजेंसियों द्वारा किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन पैसे भेजने का तरीका अपनाया। इससे पंजाब/ हरियाणा के किसान काफी खुश हैं क्योंकि "वन नेशन, वन एमएसपी, वन डीबीटी" के तहत, पहली बार उन्हें बिना किसी देरी और कांट-छाट के अपनी फसलों की बिक्री के लिए सीधे लाभ प्राप्त हो रहा है।

 

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