विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) - बीआईआरएसी समर्थित जाईडस की ‘वाईराफिन’ को मध्यम श्रेणी के वयस्क कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए आपात स्वीकृति मिली


(उपचार प्राप्त रोगियों के 91.5 प्रतिशत का आरटी-पीसीआर परीक्षण सातवें दिन नेगेटिव मिला और इस उपचार से रोगियों में अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति के घंटों में भी उल्लेखनीय कमी आई)

इस औषधि को चिकित्सीय परीक्षणों के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) - बीआईआरएसी के अनुसन्धान संकाय का समर्थन प्राप्त था

Posted On: 24 APR 2021 12:10PM by PIB Delhi

भारत के औषधि नियन्त्रण महानिदेशक – (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया-डीसीजीआई) ने मध्यम श्रेणी के कोविड-19 लक्षणों वाले रोगियों के उपचार के लिए जाईडस कैडिला द्वारा निर्मित ‘वाईराफिन’ के सीमित उपयोग की आपात स्वीकृति दे दी है I वाईराफिन एक पैगाइलेटेड इन्टरफेरोन अल्फ़ा-2बी (पीईजीआईएफएन) है जिसे संक्रमण की शुरुआत वाले रोगियों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के रूप में दिया गया जिससे वे अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो गए I

वाईराफिन का विकास करने के लिए जाईडस ने एनबीएम के माध्यम से द्वितीय चरण (फेज-2) के मानव चिकित्सकीय परीक्षण अध्ययनों को समर्थन देने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) - जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसन्धान सहायता परिष - बीआईआरएसी के  अनुसन्धान संकाय की सराहना की है I इन अध्ययनों से वाईराफिन की निरापदता (सुरक्षित होने), सहनशीलता और प्रभावशीलता की पुष्टि हुई है I अध्ययनों से यह भी जानकारी मिली कि वाईराफिन वाइरल लोड (विषाणुओं की अधिकता) में कमी लाने के साथ-साथ इस रोग का बेहतर तरीके से उपचार करने में कारगर है I इसमें पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता में कमी लाना शामिल है जिससे ऑक्सीजन का स्तर घटने के कारण सांस लेने में हो रही कठिनाइयों को कम किया जा सकता है I

इस उपलब्धि की चर्चा करते हुए जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव और बीआईआरएसी की अध्यक्ष डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा कि “ सरकार कोविड-19 महामारी  के विरुद्ध शमन रणनीतियों और हस्तक्षेप की दिशा में काम करने के लिए देश में उद्योगों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वाईराफिन को दी गई आपात स्वीकृति इस दिशा में एक नया पड़ाव है  जो चिकित्सा सुविधा प्रदाताओं के लिए एक वरदान है। मैं इस उपलब्धि के लिए किए गए प्रयासों की बहुत सराहना करती हूंI

इस घोषणा के लिए उत्तेजित कैडिला हैल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. शिवराज पाटिल ने कहा कि “ यह अनुभूति हो रही है  कि अब  हम एक ऐसा उपचार देने में सक्षम हैं जिससे वायरल लोड को काफी हद तक कम किया जा सकता है और इस संक्रमण की शुरुआत में ही इस रोग का बेहतर ढंग से उपचार में मदद मिल सकती है I यह ऐसे समय आई है जब रोगियों को इसकी आवश्यकता है I कोविड-19 के खिलाफ एक साथ चल रही इस लड़ाई के दौरान भी हम रोगियों को अपनी ओर से उपचार देना जारी रखेंगे I

तृतीय चरण (फेज-3) के चिकित्सकीय अध्ययनों से यह जानकारी मिली है कि जब कोविड संक्रमित रोगियों में से बड़ी संख्या में जिन रोगियों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के रूप में वाईराफिन दी गई उनकी 07 दिन बाद आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई जो कि अन्य एंटी -वाइरल दवाएं दिए जाने के बाद ठीक होने की अवधि की तुलना में बेहतर परिणाम है I

जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के बारे में: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन यह विभाग कृषि, स्वास्थ्य देखरेख, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योगों के लिए जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं अनुप्रयोगों को बढ़ावा देता है I यह जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने, जैव-प्रौद्योगिकी को एक प्रमुख सटीक साधन के रूप में ढालकर भविष्य में सम्पदा निर्माण के साथ ही विशेषकर गरीबों के  के कल्याण हेतु सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने पर ध्यान देता है I www.dbtindia.gov.in .

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसन्धान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के बारे में : बीआईआरएसी, जैव-प्रौद्योगिकी विभाग डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी डीबीटी), भारत सरकार द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी धारा 8, अनुसूची बी, सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो देश की आवश्यकताओं के अनुरूप विकास कर सकने में सक्षम हो सकने वाले जैव-प्रौद्योगिकी उद्यमों में रणनीतिक अनुसंधान और नवाचार को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए एक इंटरफेस एजेंसी के रूप में कार्य करता है। www.birac.nic.in  

जाईडस कैडिला के बारे में: जाईडस कैडिला को कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के रूप में भी जाना जाता है जो एक भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी है, इसका मुख्यालय अहमदाबाद, गुजरात, भारत में है, यह कम्पनी मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं के निर्माण में लगी हुई है। अधिक जानकारी के  लिए http://www.zyduscadgeta.com/ पर लॉग ऑन करें I

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