सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
श्री थावरचंद गहलोत ने आभासी माध्यम से "सुगम्य भारत एप्प" और "एक्सेस - द फोटो डाइजेस्ट" नाम की पुस्तिका जारी की
Posted On:
02 MAR 2021 2:46PM by PIB Delhi
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने आज नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से "सुगम्य भारत एप्प" और "एक्सेस - द फोटो डाइजेस्ट" नाम की एक पुस्तिका जारी की। इस अवसर पर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रतन लाल कटारिया, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) की सचिव श्रीमती शकुंतला डी. गामलिन और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) की संयुक्त सचिव श्रीमती तारिका रॉय भी उपस्थित थीं। इस एप्प और पुस्तिका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा विकसित किया गया है। एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं द्वारा इस मोबाइल एप्प को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप्प का आईओएस वर्जन 15 मार्च 2021 से उपलब्ध होगा।
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इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि सुगम्य भारत एप्प – एक क्राउड सोर्सिंग मोबाइल एप्लीकेशन - भारत में एक्सेसिबल इंडिया अभियान के 3 स्तंभों यानी निर्मित वातावरण, परिवहन क्षेत्र और आईसीटी से संबंधित माहौल में संवेदनशीलता और सुगम्यता को बढ़ाने का एक साधन है। यह एप्प पांच मुख्य सुविधाएं प्रदान करता है, जिनमें से 4 का सीधा संबंध सुगम्यता बढ़ाने से है, जबकि पांचवीं सुविधा खासतौर पर सिर्फ कोविड संबंधी मुद्दों से जुड़े दिव्यांगजन के लिए है। सुगम्यता से जुड़ी सुविधाएं इस प्रकार हैं: सुगम्य भारत अभियान के 3 व्यापक स्तंभों में दुर्गमता की शिकायतों का पंजीकरण; जन - भागीदारी के रूप में लोगों द्वारा साझा की जा रही अनुकरणीय उदाहरणों और बेहतरीन प्रथाओं की सकारात्मक प्रतिक्रिया; ताजा विभागीय जानकारियां; और सुगम्यता से संबंधित दिशानिर्देश एवं परिपत्र।
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श्री गहलोत ने कहा कि लोगों को शामिल करते हुए सुगम्यता के मुद्दे को सार्वजनिक पटल में स्थापित करने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री ने एक ऐसे मोबाइल एप्लिकेशन की कल्पना की, जिसमें दिव्यांगजनों तथा अन्य लोगों को पेश आने वाली सुगम्यता से संबंधित समस्याओं को जन -भागीदारी के माध्यम से आमजन के बीच रखा जा सके। आमजन के बीच सुगम्यता से संबंधित समस्याओं को रखे जाने की यह प्रक्रिया सुगम्यता की जरूरत के बारे में संवेदनशीलता और जागरूकता पैदा करने के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करेगी और निर्मित स्थानों, परिवहन और अन्य सेवाओं के क्षेत्र में उपलब्ध कराई जा रही सुगम्यता संबंधी सुविधाओं से जुड़ी धारणाओं में भी एक बदलाव लाएगी। देशभर में सुगम्यता संबंधी गतिविधियों के कार्यान्वयन से सुलभ भारत अभियान के तहत सार्वभौमिक रूप से सुलभ और समावेशी भारत बनाने के दृष्टिकोण को मदद मिलेगी।
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श्री गहलोत ने कहा कि सुगम्य भारत एप्प सरलता के साथ इस्तेमाल किये जा सकनेवाला एक मोबाइल एप्प है। इसकी पंजीकरण प्रक्रिया बेहद आसान है। इसके लिए केवल 3 अनिवार्य बातों - नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल-आईडी - की जरूरत होती है। पंजीकृत उपयोगकर्ता सुगम्यता से संबंधित समस्याओं को उठा सकते हैं। इस एप्प में उपयोगकर्ताओं के अनुकूल कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। जैसेकि आसान ड्रॉप-डाउन मेन्यू, हिन्दी और अंग्रेजी में वीडियो के साथ - साथ इसमें पंजीकरण और तस्वीरों के साथ शिकायतों को अपलोड करने की प्रक्रिया को संकेत भाषा में व्याख्या के साथ प्रदर्शित भी किया गया है। इस एप्प को दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग में आसानी के दृष्टि से सुलभ बनाया गया है, जिसमें फ़ॉन्ट आकार के समायोजन, रंग को कम – ज्यादा करने का विकल्प, लिखित सामग्री से बोलने का विकल्प और हिंदी एवं अंग्रेजी में एक एकीकृत स्क्रीन रीडर जैसी विशेषताएं हैं। यह एप्प 10 क्षेत्रीय भाषाओं - हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल, ओडिया, कन्नड़, तेलुगु, गुजराती, पंजाबी और मलयालम - में उपलब्ध है। इस एप्प में जियो टैगिंग विकल्प के साथ उस परिसर का फोटो आसानी से अपलोड करने का भी प्रावधान है, जहां सुगम्यता संबंधी हस्तक्षेप की जरूरत है। इस एप्प में पंजीकरण के समय उपयोगकर्ताओं को सूचनाएं प्रदान करने, शिकायत की ताजा स्थिति की नियमित जानकारी के साथ-साथ उसके समाधान के समय और उसे बंद करने का भी प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि "एक्सेस - द फोटो डाइजेस्ट" शीर्षक वाली पुस्तिका विभिन्न राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों से प्राप्त तस्वीरों का एक संग्रह है। इस पुस्तिका की परिकल्पना विभिन्न हितधारकों को सुगम्यता से जुड़ी 10 बुनियादी बातों और उससे संबंधित अच्छी - बुरी प्रथाओं के बारे में चित्रात्मक रूप से आसानी से समझाने के उद्देश्य से एक उपकरण और गाइड के रूप में की गई है। इस पुस्तिका का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण विभाग के एप्प और वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगा।
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अपने संबोधन में, श्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि सुगम्य भारत एप्प की परिकल्पना न केवल एक ऐसे उपकरण के रूप में की गई है जो पूरे भारत में सार्वजनिक अवसंरचना और सेवाओं में सुगम्यता में सुधार करने में मदद करेगा, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सुगम्यता के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के एक अभियान के रूप में कार्य करेगा। यह मोबाइल एप्प आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 की धारा 40-46 में वर्णित सुगम्यता संबंधी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक प्रयास है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) की सचिव श्रीमती शकुंतला डी. गामलिन ने अपने संबोधन में इस बात की जानकारी दी कि इस एप्प की निगरानी दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) के तहत एक परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) के माध्यम से की जाएगी। इस एप्प के जरिए प्राप्त शिकायतों को यह पीएमयू पूरे भारत में उपयुक्त प्राधिकारियों को अग्रसारित करेगा। इन प्राधिकारियों में राज्य सरकार के स्वामित्व वाली इमारतों के लिए जिला मजिस्ट्रेट / कलेक्टर या शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के अंतर्गत आने वाले निजी भवनों समेत अन्य किसी इमारतों के लिए शहरी स्थानीय निकायों के कार्यकारी प्रमुख शामिल हैं। केन्द्र सरकार से संबंधित परिसरों या सेवाओं से संबंधित सुगम्यता संबंधी शिकायतों को संबंधित मंत्रालयों / विभागों द्वारा इस उद्देश्य के लिए नामित नोडल अधिकारियों को भेज दिया जाएगा। शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने के स्थिति में, इस मामले को अगले उच्चाधिकारी को भेजा जाएगा।
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इस अवसर पर श्री प्रणव देसाई, संस्थापक, वॉइस ऑफ़ स्पेशलियली एब्ल्ड पीपल, यूएसए; श्री संतोष कुमार रूंगटा, महासचिव, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ द ब्लाइंड; श्री ए.एस. नारायणन, अध्यक्ष, नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ डेफ और श्री अरमान अली, कार्यकारी निदेशक, नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ़ एम्प्लॉयमेंट फ़ॉर डिसेबल्ड पीपल जैसे विशेषज्ञों के वीडियो संदेश भी प्रस्तुत किए गए। सुगम्य भारत एप्प के बारे में दिव्यांगजन के विचारों से जुड़ा एक वीडियो भी दिखाया गया।
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एमजी / एएम / आर
(Release ID: 1702031)
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