विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा विकसित कोवैक्सीन के उपयोग के लिए प्रमुख अणु के संश्लेषण में सीएसआईआर-आईआईसीटी की भूमिका
Posted On:
26 FEB 2021 11:38AM by PIB Delhi
अप्रत्याशित कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए कई चुनौतियाँ लेकर आई हैं और विभिन्न सीएसआईआर घटक प्रयोगशालाएँ प्रक्रिया के विकास और नैदानिक परीक्षणों के माध्यम से इसके निदान में सक्षम औषधियों को लाने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े उद्योगों के साथ मिलकर अथक प्रयास कर रही हैं। सीएसआईआर लैब ने भी सार्स-सीओवी-2 की स्क्रीनिंग के लिए फेलुडा और ड्राई स्वैब डायरेक्ट आरटी-पीसीआर विधि सहित नैदानिक किट पेश करने की दिशा में व्यापक स्तर पर योगदान दिया है।
हमारे देश में, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) कोविड-19, कोवैक्सीनटीएम के लिए स्वदेशी वैक्सीन को तैयार करने के मामले में अग्रणी रही है। बीबीआईएल द्वारा विकसित वैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त करने के मामले में अत्यंत प्रभावी है। वैक्सीन को एएलजीईएल-आईएमडीजी के साथ तैयार किया गया है। इस वैक्सीन में आवश्यक प्रतिरोधी तंत्र को विकसित करने के लिए एल्यूमीनियम हाइड्रॉक्साइड जैल के साथ टीएलआर7/8 एगोनिस्ट रसायन है। हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) के सीएसआईआर की प्रयोगशाला ने बीबीआईएल की सहायता से स्वदेश में ही सस्ते मूल्य और अत्यंत प्रभावकारी निदान के लिए एगोनिस्ट अणु के लिए सिंथेटिक रूट तैयार किया है। इस एगोनिस्ट अणु में सहायक उत्पादन को बढ़ाने के लिए बीबीआईएल से सहायता हासिल की गई है।
इस परियोजना का नेतृत्व आईआईसीटी के निदेशक डॉ. चंद्रशेखर और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजी रेड्डी द्वारा किया गया और इसे रिकॉर्ड 4 माह में पूर्ण किया गया है। इसके अलावा, एसीसीएसआईआर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और प्रो. डॉ. मोहन कृष्ण मुदियम ने इस परियोजना में सीएसआईआर-आईआईसीटी टीम का नेतृत्व करते हुए परियोजना के दौरान अणु के विरूद्ध टीएलआर7/8 परीक्षण के लिए विश्लेषणात्मक विधि को तैयार करने और एनएबीएल प्रत्यायित प्रयोगशाला के माध्यम से इसकी पद्धति प्रमाणन प्रक्रियाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नोवल एगोनिस्ट के विकास की दिशा में सीएसआईआर-आईआईसीटी द्वारा किये गये कार्य की सराहना करते हुए भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्ण इल्ला ने कहा कि एगोनिस्ट अणु के लिए सीएसआईआर-आईआईसीटी द्वारा विकसित प्रक्रिया प्रौद्योगिकी कोवैक्सीनटीएम के लिए सहायक उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। डीएसआईआर के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सीएसआईआर की प्रतिबद्धता की ओर एक और कदम बढ़ते हुए रिकॉर्ड समय में एगोनिस्ट अणु के सस्ते और सक्षम विकास की प्रक्रिया के लिए सीएसआईआर-आईआईसीटी टीम की सराहना की।
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