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राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी), आयुष मंत्रालय ने प्रायोजित अनुसंधान परियोजनाओं के तहत तीन पेटेंट आवेदन किए
Posted On:
24 FEB 2021 4:06PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी), आयुष मंत्रालय ने ऐसी पेटेंट योग्य परियोजनाओं की पहचान के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है, जो “औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और टिकाऊ प्रबंधन” पर केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीसीएस) के ‘शोध एवं विकास घटक’ के अंतर्गत प्रायोजित की गई थीं/हैं। एनएमपीबी आम तौर पर सरकार के साथ ही निजी संगठनों के लिए देश भर मेंसीएसएस के तहत विविध आरएंडडी कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है।
इन प्रायोजित/ वित्तीय समर्थित अनुसंधान परियोजनाओं के अंतर्गत, एनएमपीबी अभी तक तीन विशेष परियोजनाओं को चिह्नित कर चुका है, जो स्वरूप में नई और पेटेंट योग्य हैं। वे हैं : (1) ऐगल मार्मिलोज से द्वितीयक उपापचय का जैव उत्पादन जिसे सामान्य रूप से बीईएल (आरएंडडी/टीएन-04/2006-07) के रूप में जाना जाता है; (2). हेयरी रूट कल्चर से दशमूल (आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाली 10 जड़ें) की तीन प्रजातियों से द्वितीयक उपापचय का कृत्रिम उत्पादन (आरएंडडी/टीएन-0112013-14-एनएमपीबी); और (3). डायोस्कोरिया फ्लोरिबंडा से कैंसर रोधी और सूजन रोधी घटकों का विकास (आरएंडडी/यूपी-04/2015-16)। पहली दो परियोजनाएं जहां इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट जेनेटिक्स एंड ट्री ब्रीडिंग (आईएफजीटीबी), कोयम्बटूर से संबंधित हैं, वहीं तीसरी परियोजना केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीआईएमएपी) द्वारा चलाई गई थी। सीआईएमएपी ने “एक सहक्रियाशील बहुपद फॉर्म्यूलेशन संभावित कैंसर गतिविधि का प्रदर्शन करता है।”शीर्षक के साथ पेटेंट आवेदन किया था।
सीईओ-एनएमपीबी ने दोहराया कि एनएमपीबी के दल के लिए यह एक छोटी सी शुरुआत है और आने वाले समय में और पेटेंट आवेदन करेगा। आयुष मंत्रालय के सचिव ने भागीदार संगठनों के साथ मिलकर तीन पेटेंट आवेदन करने के लिए एनएमपीबी के दल को शुभकामनाएं दीं।
एमजी/एएम/एसएस
(Release ID: 1700505)
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