उप राष्ट्रपति सचिवालय

विकास का लाभ बिना किसी देरी के अपने मूल रुप में लोगों तक सही तरीके से पहुंचना चाहिए - उपराष्ट्रपति


सांसदों को अन्य जन प्रतिनिधियों के लिए एक आर्दश स्थापित करना चाहिए - उपराष्ट्रपति

राज्य सरकारों और स्थानीय प्राधिकारियों से सांसद निधि से जुड़ी परियोजनाओं का समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने का आग्रह किया

सांसदों से आदर्श गांव विकसित करने के लिए सांसद निधियों का उपयोग करने का आग्रह किया

कहा -सांसद निधि जन प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्रों के लोगों की सेवा करने के लिए सशक्त बनाती है

उपराष्ट्रपति ने "राजस्थान में संसद के दूत"पुस्तक का विमोचन किया

सांसद के रूप में डॉ अभिषेक सिंघवी के कार्यों की प्रशंसा की

Posted On: 05 FEB 2021 6:37PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज जनप्रतिनिधियों और सरकारों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया विकास का फायदा बिना किसी देरी के अपने मूल रूप में सही तरीके से लोगों तक पहुंचे। उन्होंने यह इच्छा भी व्यक्त की कि सांसद लोकलुभावने तरीकों से दूर रहें और लोगों का उनकी विकास संबंधी जरूरतों पर मार्गदर्शन करें।

वर्चुअल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में '' राजस्थान में संसद के दूत '' नामक पुस्तक का विमोचन करने के बाद अपने संबोधन में  उपराष्ट्रपति ने सांसदों से आदर्श ग्राम योजना के लिए सांसद निधियों का उपयोग करने का आग्रह किया। डॉ के.एन. भंडारी द्वारा लिखित पुस्तक राजस्थान में संसद के दूत पुस्तक  2006 से 2018 तक 12 वर्षों में राजस्थान में डॉ अभिषेक सिंघवी की अनुशंसा पर सांसद निधि योजना के माध्यम से शुरू की गई स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में की गई पहलों पर केंद्रित है।

श्री नायडू ने जन प्रतिनिधियों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास में सक्षम बनाने की सांसद निधि योजना के उद्देश्य को हवाला देते हुए कहा कि 1993 में अपनी स्थापना के बाद से सांसद निधियों के माध्यम से 19 करोड़ 47 हजार से अधिक के काम पूरे किए जा चुके हैं और इसने देशभर में परिसंपत्तियां बनाने में मदद की है।

योजना के कार्यान्वयन की निगरानी पर तैयार की गई रिपोर्टों में कुछ कमियों के उल्लेख पर  उपराष्ट्रपति ने कहा कि योजना के सकारात्मक पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इनमें से कार्यों की पहचान के लिए व्यापक स्तरपर सामुदायिक भागीदारी भी एक महत्वपूर्ण पहलु है। 

उन्होंने पारदर्शी तरीके से सांसद निधियों के निष्पादन के लिए तीसरे पक्ष द्वारा निगरानी किए जाने के सरकार के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि सांसदों के ज्ञान और अनुभव के साथ तीसरे पक्ष के निगरानी के माध्यम से परिसंपत्तियों के निर्माण की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।"

उपराष्ट्रपति ने इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए संसदीय समितियों द्वारा सांसद निधियों को समय पर जारी करने, धन का उचित उपयोग, कार्यों / परियोजनाओं की गुणवत्ता और इन सबके लिए सांसदों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच प्रभावी समन्वय की आवश्यकता से संबधित सुझावों का उल्लेख किया। 

श्री नायडू ने राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन से सांसदों के सुझावों का अक्षरशः पालन करते हुएसांसद निधियोंसे जुड़ी परियोजनाओं का समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने का भी आह्वान  किया ।

उन्होंने सदन में बहस के स्तर और राजनेताओं की छवि लोगों की नजरों में खराब होने का उल्लेख करते हुए कहा कि सांसदों को चाहिए कि वह संसद की गरिमा और शालीनता बनाए रखें और अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाएं। उन्होंने कहा कि  "सांसदों को अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए एक आर्दश बनना चाहिए"

श्री नायडू ने एक वकील और एक सांसद के रूप में तथा कई साल पहले कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ. अभिषेक सिंघवी के कार्यों और उनके योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सांसद निधि के माध्यम से जनकल्याणकारी कार्य कैसे होते हैं इनका बखूबी चित्रण करती है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यह पुस्तक सांसद निधि के माध्यम से किए जाने वाले विकास कार्यों में शामिल सभी हितधारकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी।

राज्य सभा के उपाध्यक्ष श्री हरिवंश, केंद्रीय मंत्री श्री थावरचंद गहलोत , राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री गुलाम नबी आज़ाद , डॉ. अभिषेक सिंघवी  और अन्य सांसदों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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