रक्षा मंत्रालय

भारतीय वायुसेना ने 3 और 4 फरवरी, 2021 को ग्‍लोबल चीफ्स ऑफ एयर स्‍टॉफ सम्‍मेलन का आयोजन किया

Posted On: 05 FEB 2021 9:33AM by PIB Delhi

भारतीय वायुसेना ने 3 और 4 फरवरी, 2021 को दो दिवसीय ग्‍लोबल चीफ्स ऑफ एयर स्‍टॉफ सम्‍मेलन की मेजबानी की। एयरो इंडिया 2021 के दूसरे और तीसरे दिन का विषय था ‘सुरक्षा और स्थिरता के लिए एयरोस्‍पेस की शक्ति का लाभ उठाना’। इस सम्‍मेलन का उद्घाटन रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 3 फरवरी, 2021 को किया था। अपने उद्घाटन सम्‍मेलन में रक्षा मंत्री ने कहा कि सीएएस सम्‍मेलन दुनिया भर की वायु सेनाओं के प्रमुखों और वरिष्‍ठ गणमान्‍य व्‍यक्तियों को एक मंच पर लाया है और यह एयरोइंडिया के एक हिस्‍से के रूप में शानदार आयोजन है। इस सम्‍मेलन में मुख्‍य रूप से एयर पावर और संबंधित प्रौद्योगि‍कियों पर ध्‍यान केन्द्रित किया गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टॉफ जनरल बिपिन रावत की उद्घाटन सत्र में गरिमामयी उपस्थिति रही।

सभी अतिथियों का स्‍वागत करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भागीदारी करने वाली वायु सेनाओं के बीच विचारों के आदान-प्रदान और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने में इस सम्‍मेलन के महत्‍व को रेखांकित किया। उन्‍होंने इस क्षेत्र में शान्ति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्‍वपूर्ण सक्षमकर्ता के रूप में एयर पावर की भूमिका को दोहराया।

यह सम्‍मेलन कोविड-19 महामारी के कारण लागू किए गए प्रतिबंधों का निवारण करते हुए हाईब्रिड प्रारूप में आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 50 देशों ने भाग लिया। 3 और 4 फरवरी के बीच इस सम्‍मेलन में 28 देशों की वायुसेनाओं के प्रमुख/ कमांडर शामिल हुए। इस सम्‍मेलन को एयरोस्‍पेस क्षेत्र में समकालीन प्रासंगिकता के विषयों पर श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं और विचारों के आदान-प्रदान के लिए आयोजित किया गया था। इस सम्‍मेलन में अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्‍ट, पश्चिम एशिया, मध्‍य एशियाई गणराज्‍य, दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद प्रशांत की वायु सेनाओं के साथ महाद्वीप के देशों ने भागीदारी की।

सीएएस सम्‍मेलन के तीन सत्रों ने एयरोस्‍पेस रणनीति युद्ध स्‍थल पर प्रभाव डालने वाली उभरती हुई प्रौद्योगि‍कियों और ग्‍लोबल कॉमन्‍स की स्थिरता एवं सुरक्षा से संबंधित महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक मंच उपलब्‍ध कराया।

इन सत्रों में विघटनकारी प्रौद्योगि‍कियों और नवाचारों, एशिया प्रशांत क्षेत्र में एयर पावर और एयर पावर एवं एयरोस्‍पेस रणनीति जैसे विषयों को संबोधित करने की योजना बनाई गई थी। 

सीएएस ने सभी वायुसेना प्रमुखों तथा इस आयोजन में भाग ले रहे नामांकित देश, प्रतिनिधियों और शिष्‍टमंडलों का इस सम्‍मेलन के दौरान बहुमूल्‍य योगदान देने के लिए धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि इस सम्‍मेलन से प्राप्‍त जानकारी वायु सेनाओं के बीच समझ और सहयोग को बढ़ाने में समर्थ बनाएंगी और बहुपक्षीय क्षमताओं को बढ़ाने में भी मदद करेगी।

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