पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने जम्मू और कश्मीर में वन्यजीव तस्करी सिंडिकेट का पता लगाया; भारी मात्रा में वन्यजीवों के वर्जित सामान जब्त किए गए


केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इस बड़ी बरामदगी पर एजेंसियों की सराहना की

Posted On: 30 JAN 2021 4:34PM by PIB Delhi

वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी), नई दिल्ली के एक खुफिया अभियान के तहत जम्मू और कश्मीर में वन्यजीव अवैध शिकार और व्यापार के दो प्रमुख केंद्रों की पहचान की गई। पहला केंद्र श्रीनगर घाटी के अनंतनाग क्षेत्र में और दूसरा जम्मू क्षेत्र के मनवल में स्थित है।

जम्मू और कश्मीर के मुख्य वन्यजीव वार्डन और स्थानीय पुलिस के अधिकारी के साथ दिल्ली से गए डब्ल्यूसीसीबी अधिकारियों के एक संयुक्त अभियान में, इन दोनों स्थानों पर 29 जनवरी, 2021 को एक साथ छापे मारे गए।

एक ट्वीट संदेश में, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने वन्यजीव अपराध को समाप्त करने की अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के लिए डब्ल्यूसीसीबी को बधाई दी।

अनंतनाग की छापेमारी में श्री गुल मोहम्मद गनी निवासी- शेरपुरा, अनंतनाग से 08 तेंदुए के खाल, 38 भालू के पित्त व 04 कस्तूरी जब्त की गई।

जम्मू क्षेत्र के मनवल में श्री कौशल हुसैन निवासी किंगरियाल, जम्मू से 05 तेंदुए की खाल, 07 तेंदुए के नाखून, 08 कुत्ते, 02 दांत, 02 तेंदुए की खोपड़ी और तेंदुए की हड्डियां (04 जबड़े की हड्डियां, 140 हड्डियों के टुकड़े), 01 कस्तूरी दांत को जब्त किया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो स्थानों पर गिरफ्तार किए गए दोनों अपराधी अवैध वन्यजीव व्यापार में भागीदार थे।

आगे की जांच से पता चलेगा कि वे इस अवैध व्यापार में कितने समय से शामिल हैं। जांच से इस अवैध कारोबार की मात्रा, विस्तार और सहयोगियों का भी पता चलेगा। इस गैरकानूनी गतिविधि के आगे और पीछे के संपर्कों, मांग और आपूर्ति श्रृंखला और आगे के व्यापारियों के लिंक का पता लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

वर्तमान जब्ती, हाल के दिनों की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है। कस्तूरी मृग और हिमालय काले भालू लुप्तप्राय प्रजातियां हैं और कस्तूरी व भालू-पित्त के लिए इनका अवैध शिकार किया जाता है, जिसका उपयोग पारंपरिक चीनी दवाओं (टीसीएम) में होता है। इन शिकार किए गए जानवरों - तेंदुए, भालू और कस्तूरी हिरण को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-एक में सूचीबद्ध किया गया है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, इन जानवरों का अवैध शिकार और उनके अंगों के व्यापार करने की सजा न्यूनतम 03 वर्ष का कारावास है, जिसे 07 साल तक बढ़ाया जा सकता है। 

इस सम्बन्ध में थाना अनंतनाग में मामला दर्ज किया गया है। 

 एमजी / एएम / जेके / डीसी



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