प्रधानमंत्री कार्यालय

विश्व आर्थिक मंच की दावोस वार्ता में प्रधानमन्त्री के संबोधन का मूल पाठ

Posted On: 28 JAN 2021 7:52PM by PIB Delhi

नमस्कार,

मैं सबसे पहले प्रोफेसर क्लॉस श्वाब और World Economic Forum की पूरी टीम को बधाई देता हूं।विश्व अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण मंच को आपने इस मुश्किल समय में भी जीवंत बनाए रखा है।ऐसे समय में, जब सबसे बड़ा सवाल हो कि दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं कैसे आगे बढ़ेंगी, सभी की नजरें इस Forum पर रहना स्वाभाविक है।

साथियों,

तमाम आशंकाओं के बीच आज मैं आप सभी के सामने 1.3 बिलियन से ज्यादा भारतीयों की तरफ से दुनिया के लिए विश्वास, सकारात्मकता, और उम्मीद का संदेश लेकरके आया हूं।जब कोरोना आया, तो मुश्किलें भारत के सामने भी कम नहीं थीं।मुझे याद है पिछले साल फरवरी-मार्च-अप्रैल में दुनिया के कई नामी experts और बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने क्या-क्या कहा था। भविष्यवाणी की गई थी कि पूरी दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश भारत होगा।कहा गया कि भारत में कोरोना संक्रमण की सुनामी आएगी, किसी ने 700-800 मिलियन भारतीयों को कोरोना होने की बात कही तो किसी ने 2 मिलियन से ज्यादा लोगों की मृत्यु का अंदेशा जताया था।

दुनिया के बड़े-बड़े और आधुनिक health infrastructure वाले देशों का उस समय जो हाल था, वो देखकर भारत जैसे विकासशील देश के लिए दुनिया की चिंता भी स्वाभाविक थी। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि तब हमारी क्या मनोदशा रही होगी।लेकिन भारत ने खुद पर निराशा को हावी नहीं होने दिया।भारत Pro-Active, Public Participation की approach के साथ आगे बढ़ता रहा।

हमने Covid specific health infrastructure develop करने पर जोर लगाया, हमने अपने human resources कोकोरोना से लड़ने के लिए Train किया, Testing और tracking, इसके लिए technology का भरपूर इस्तेमाल किया।

इस लड़ाई में भारत के प्रत्येक व्यक्ति ने धैर्य के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया, कोरोना के खिलाफ लड़ाई को एक जन-आंदोलन में बदल दिया।आज भारत दुनिया के उन देशों में से है जो अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल रहा है और जहां आज कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या, जैसा प्रभु सर ने बताया, तेजी से घट रही है।

साथियों,

भारत की सफलता को किसी एक देश की सफलता से आंकना उचित नहीं होगा। जिस देश में विश्व की 18 प्रतिशत आबादी रहती है, उस देश ने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण करके पूरी दुनिया को, मानवता को बड़ी त्रासदी से भी बचाया है।

कोरोना शुरू होने के समय मास्क, पीपीई किट, टेस्ट किट हम बाहर से मंगाते थे।आज हम न सिर्फ अपनी घरेलू जरूरतें पूरी कर रहे हैं बल्कि इन्हें अन्य देशों में भेजकर वहां के नागरिकों की सेवा भी कर रहे हैं।और आज भारत ही है जिसने दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना vaccination program भी शुरू किया है।

पहले फेज में हम अपने 30 मिलियन health औरfrontline workers का vaccination कर रहे हैं।भारत की स्पीड का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि सिर्फ 12 दिन में भारत अपने 2.3 मिलियन से ज्यादा health workers कोvaccinate कर चुका है। अगले कुछ महीनों में हम अपने करीब 300 मिलियन बुजुर्ग और co-morbidity वाले मरीजों के vaccination का target पूरा कर लेंगे।

साथियों,

सर्वे सन्तु निरामया- पूरा संसार स्वस्थ रहे, भारत की इस हजारों वर्ष पुरानी प्रार्थना पर चलते हुए संकट के इस समय में भारत ने अपनी वैश्विक जिम्मेदारी को भी शुरू से निभाया है। जब दुनिया के अनेक देशों में airspace बंद था तब एक लाख से ज्यादा नागरिकों को उनके देश पहुंचाने के साथ ही भारत ने 150 से ज्यादा देशों को जरूरी दवाइयां भी भेजीं। अनेक देशों के हेल्थ कर्मचारियों को भारत ने Online Trainingदी। भारत की Traditional Medicine- आयुर्वेद कैसे immunity बढ़ाने में सहायक है, हमने दुनिया को इस बारे में भी गाइड किया।

आज भारत, कोविड की वैक्सीन दुनिया के अनेक देशों में भेजकर, वहां पर vaccinationसे जुड़े infrastructure को तैयार करके, दूसरे देशों के नागरिकों का भी जीवन बचा रहा हैऔर ये सुनकर WEF में सभी को तसल्ली होगी कि अभी तो सिर्फ दो Made In India Corona Vaccine दुनिया में आई हैं, आने वाले समय में कई और वैक्सीन भारत से बनकर आने वाली हैं।ये वैक्सीन्स दुनिया के देशों को और ज्यादा बड़े स्केल पर, ज्यादा स्पीड से मदद करने पूरी तरह सहायता करेंगी।

भारत की सफलता की इस तस्वीर, भारत के सामर्थ्य की इस तस्वीर के साथ मैं दुनिया के अर्थ जगत को ये भरोसा भी दिला रहा हूं कि आर्थिक मोर्चे पर भी स्थितियां अब तेजी से बदलेंगी।कोरोना के समय में भी भारत ने infrastructure  के लाखों करोड़ रुपए के projects शुरू करके, Employment के लिए विशेष स्कीम्स चलाकर, Economic Activity को बनाए रखा था।तब हमने एक-एक जीवन को बचाने पर जोर दिया, अब भारत का एक-एक जीवन देश की प्रगति के लिए पूरे जी जान से जुट गया है।

अब भारत, आत्मनिर्भर बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।भारत की आत्मनिर्भरता की ये आकांक्षा, Globalism को नए सिरे से मज़बूत करेगी।और मैं आश्वस्त हूं, कि इस अभियान को Industry 4.0 से भी बहुत बड़ी मदद मिलेगी।इसके पीछे वजह भी है,और इस विश्वास का आधार भी है।

साथियों,

Experts बताते हैं कि Industry 4.0 के चार मुख्य Factors होने वाले हैं-Connectivity, Automation, Artificial Intelligence या Machine Learning और Real-Time Data.आज भारत दुनिया के उन देशों में से है जहां सबसे सस्ता डेटा उपलब्ध है, जहां के दूर-दराज क्षेत्रों में भी mobile connectivity है, smart phone है। भारत का automation, design का expert pool भी बहुत बड़ा है और ज़्यादातर Global कंपनियों के इंजीनियरिंग सेंटर भी भारत में हैं। Artificial Intelligenceऔर Machine Learning में भारत के software engineers, बरसों से अपनी क्षमता से दुनिया को अवगत करा रहे हैं।

साथियों,

बीते 6 वर्षों में भारत में जिस तरह digital infrastructure के लिए काम हुआ है, वो World economy forum के experts के लिए भी एक स्टडी का विषय है।इस infrastructure ने Digital Solutions को भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना दिया है।आज भारत के 1.3 बिलियन से ज्यादा लोगों के पास Universal ID- आधार है।लोगों के बैंक अकाउंट और Universal ID, उनके फोन से connected हैं।अभी दिसंबर के महीने में ही भारत में 4 ट्रिलियन रुपीज का लेन-देन UPI से हुआ है।यहां जो banking sector के लोग हैं, वो जानते हैं कि किस तरह से दुनिया के बड़े-बड़े देश, भारत द्वारा विकसित UPI व्यवस्था को अपने यहां दोहराने का प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

हमने ये भी देखा है कि कोरोना संकट के दौरान अनेक देश परेशान थे कि अपने नागरिकों तक सीधे आर्थिक मदद कैसे पहुंचाएं? आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि इसी दौरान भारत ने 760 मिलियन से ज्यादा लोगों के बैंक खातों में 1.8 ट्रिलियन रुपीज से अधिक सीधे transfer किए। ये भारत के मजबूत Digital Infrastructure की ही ताकत का उदाहरण है।हमारे Digital Infrastructure ने Public Service Delivery को Efficient भी बनाया है और Transparent भीबनाया है।अब भारत अपने 1.3 बिलियन नागरिकों को Healthcare के Easy Access के लिए Unique Health ID देने का भी अभियान शुरू कर रहा है।

और साथियों,

मैं आज इस प्रतिष्ठित forum पर सभी को ये भी आश्वासन देता हूं कि भारत की हर सफलता, पूरे विश्व की सफलता में मदद करेगी।आज हम जो आत्मनिर्भर भारत अभियान- चला रहे हैं वो भी Global Good और Global Supply Chain के प्रति पूरी तरह Committed है।भारत के पास Global Supply Chain को मज़बूत करने के लिए Capacity भी है, Capability भी है और सबसे बड़ी बात Reliability भी है। भारत के पास आज बहुत बड़ा Consumer Base है और इसका जितना विस्तार होगा, उतना ही Global Economy को लाभ होगा।

साथियों,

प्रोफेसर क्लॉस श्वाब ने कभी कहा था- भारत संभावनाओं से भरा वैश्विक खिलाड़ी है। मैं आज उसमें ये भी जोड़ूंगा कि भारत संभावनाओं के साथ-साथ आत्मविश्वास से भरा हुआ है, नई ऊर्जा से भरा हुआ है।बीते वर्षों में भारत ने Reforms और Incentives Based Stimulus पर बहुत जोर दिया है।

कोरोना के इस समय में भी भारत ने करीब-करीब हर सेक्टर में Structural Reforms की गति को तेज़ किया है। इन Reforms को Production Linked Incentives से सपोर्ट किया जा रहा है।अब भारत में Tax Regime से लेकर FDI Norms तक एक Predictable और Friendly Environment है।

भारत में Ease of Doing Business की स्थिति लगातार बेहतर हो, इस दिशा में भी काम जारी है।और एक विशेष बात ये भी है कि भारत अपनी Growth को Climate Change के लक्ष्यों के साथ भी बहुत तेज़ी से Match कर रहा है।

साथियों,

Industry 4.0 को लेकर हो रही इस चर्चा के बीच, हम सभी को एक और बात याद रखनी है।कोरोना क्राइसिस ने हमें मानवीयता का मूल्य फिर याद दिलाया है।हमें याद रखना है कि इंडस्ट्री 4.0 भी Robots के लिए नहीं बल्कि इंसानों के लिए है।हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि Technology, Ease of Living का Tool बने ना कि कोई Trap.इसके लिए पूरी दुनिया को मिलकर कदम उठाने होंगे, हम सबको मिलकर कदम उठाने होंगे।मुझे विश्वास है कि हम इसमें सफल होंगे।

इसी विश्वास के साथअब मैं Questions-Answer सेशन की तरफ बढ़ना चाहूंगा और हम उस दिशा में आगे बढ़ते हैं...

धन्‍यवाद!

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DS/VJ/NS/AK


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