रक्षा मंत्रालय
गणतंत्र दिवस समारोह 2021
Posted On:
25 JAN 2021 6:31PM by PIB Delhi
भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक और आर्थिक प्रगति 26 जनवरी, 2021 को 72वें गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली के भव्य राजपथ पर प्रदर्शित की जाएगी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के रूप में भारत की प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हुए इस वर्ष दो झांकियों को शामिल किया गया हैं, जिनमें नौसेना के आईएनएस विक्रमादित्य से हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) को उड़ान भरते हुए प्रदर्शित किया गया हैं। भारतीय सेना अपने मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल बॉलवे मशीन पिकेट (बीएमपी-II)- सारथ, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, मोबाइल स्वायत्त लॉन्चर, पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम और समविजय इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम को प्रदर्शित करेगी। भारतीय नौसेना 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लेने वाले पोतों के साथ-साथ अपनी झांकी में पाकिस्तान सेना के आत्मसमर्पण में पेट्या श्रेणी के एक जहाज और भारतीय नौसेना एवं मुक्ति वाहिनी द्वारा संचालित ऑपरेशन एक्स के अलाव कुछ अन्य जहाजों के गोताखोरों के भित्ति चित्रों को प्रस्तुत करेगी। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अपने एमआई-17, वी5, चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टरों का प्रदर्शन करेगी।
17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की बत्तीस, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और अर्धसैनिक बलों की नौ और रक्षा मंत्रालय की छह झांकियां, देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और रक्षा कौशल का चित्रण करते हुए राजपथ से गुज़रेंगी। विद्यालय के छात्र-छात्राऐं पीढ़ियों से चली आ रही लोक कला और शिल्प के साथ ही; ओडिशा के कालाहांडी के सबसे सुंदर लोक नृत्यों में से एक बाजासल; फिट इंडिया मूवमेंट, आत्मनिर्भर भारत का प्रदर्शन करेंगे।
बांग्लादेश सशस्त्र बलों के 122 सदस्यों का गौरवान्वित दस्ता जिसमें बांग्लादेश सेना के सैनिक, नौसेना के नाविक और बांग्लादेश वायु सेना के वायु योद्धा शामिल है, राजपथ पर शानदार मार्च का नेतृत्व करेंगे। बांग्लादेश का ये दस्ता बांग्लादेश के प्रसिद्ध मुक्ति योद्धाओं की विरासत को प्रदर्शित करेगा, जिन्होंने उत्पीड़न और सामूहिक अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और 1971 में बांग्लादेश को आज़ाद कराया। भव्य आयोजन का समापन राफेल विमान की 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से होने वाली 'वर्टिकल चार्ली' उड़ान के साथ होगा।
गणतंत्र दिवस परेड समारोह का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आगमन के साथ होगा। वह देश के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले नायकों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपनी श्रद्धांजलि के माध्यम से राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे। तत्पश्चात, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तित्व परेड अवलोकन के लिए राजपथ के सलामी मंच की ओर प्रस्थान करेंगे।
परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान के पश्चात फहराया जाएगा। परेड की शुभारंभ राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद की सलामी लेने के साथ होगा। परेड की कमान अति विशिष्ट सेवा पदक, दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्र, करेंगे। दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल आलोक काकेर परेड में सेकंड-इन-कमांड होंगे।
इसके पश्चात सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवशाली विजेता उनका अनुसरण करेंगे। इनमें परमवीर चक्र और अशोक चक्र के विजेता शामिल हैं। 18 ग्रेनेडियर्स के परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव, और 13 जेएके राइफल्स के सूबेदार संजय कुमार और अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल डी श्रीराम कुमार जीपों पर डिप्टी परेड कमांडर का अनुसरण करेंगे। परमवीर चक्र दुश्मन के खिलाफ परम वीरता और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। अशोक चक्र का सम्मान भी वीरता और आत्म-बलिदान के उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाता है।
तत्कालीन ग्वालियर लांसर्स की वर्दी में पहले दस्ते 61 कैवलरी का नेतृत्व कैप्टन दीपांशु शियोरन करेंगे। 61 कैवेलरी दुनिया में एकमात्र सक्रिय सेवारत घुड़सवार रेजिमेंट है। छह राज्य बलों की घुड़सवार इकाइयों को सम्मलित करते हुए इसे 01 अगस्त, 1953 को गठित किया गया था।
भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 घुड़सवारों के माउंटिड कॉलम, सात मशीनीकृत कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और रुद्र एवं ध्रुव जैसे उन्नत हल्के हेलीकाप्टरों द्वारा किया जाएगा।
भारतीय सेना के स्वदेशी रूप से विकसित मुख्य बैटल टैंक, टी-90 भीष्म, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (आईसीवी) बॉलवे मशीन पिकेट (बीएमपी II), ब्रह्मोस हथियार प्रणाली, पिनाका सेतु निर्माण टैंक टी-72, समविजय इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और शिल्का हधियार यंत्रीकृत कॉलम में मुख्य आकर्षण होंगे।
सेना की अन्य मार्चिंग टुकड़ियों में जाट रेजिमेंट, गढ़वाल रेजिमेंट, महार रेजिमेंट, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, बंगाल सैपर्स और प्रादेशिक सेना शामिल होंगी। मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर, पैरा रेजिमेंटल सेंटर और जाट रेजिमेंटल सेंटर का संयुक्त बैंड; सिख रेजिमेंटल सेंटर, असम रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर; सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर, लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर और आर्टिलरी सेंटर (नासिक रोड) भी सलामी मंच के सामने मार्च करेंगे।
नौसैन्य दल में 96 नौसेना कर्मी और 04 अधिकारी शामिल होंगे, जिनकी अगुवाई लेफ्टिनेंट कमांडर ललित कुमार करेंगे। इसके बाद 'स्वर्णिम विजय वर्ष' शीर्षक से नौसेना की झांकी का प्रदर्शन होगा। झांकी का अग्र भाग में 04-05 दिसंबर, 1971 की रात को मिसाइल से लैस बोटों के द्वारा कराची बंदरगाह पर भारतीय नौसेना के हमले को प्रदर्शित किया गया है। ट्रैक्टर की ओर, हमलावर यूनिटों द्वारा अपनाए गए मार्ग को चित्रित किया जाएगा।
वायु सेना के दस्ते में, 96 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल हैं, इस दस्ते का नेतृत्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट तनिक शर्मा करेंगे। इसके बाद वायु सेना की झांकी का ‘इंडियन एयर फोर्स: टच द स्काई विद ग्लोरी’ शीर्षक से प्रदर्शन होगा। वायु सेना की झांकी में हल्के लड़ाकू विमान, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, सुखोई-30 एमके-I विमान और आसमानी नीले रंग की पृष्ठभूमि में रोहिणी राडार के मॉडल को दिखाया गया है। गौरवान्वित वायुसेना अधिकारी इन मॉडलों के साथ उपस्थित होंगे।
मुख्य आकर्षण में से एक डीआरडीओ का एक मार्चिंग दस्ता होगा जो बख्तरबंद टैंकों को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का प्रदर्शन करेगा। आधुनिक बख्तरबंद युद्ध में टैंक से मिसाइल का संचालन एक महत्वपूर्ण विशेषता और चुनौतीपूर्ण कार्य है। डीआरडीओ की एटीजीएम झांकी में नाग, हैलिना, एमपीएटीजीएम, सेन्ट और लेजर गाइडेड एटीजीएम मिसाइलों के पूर्ण स्वरूप मॉडल दिखाए जा रहे हैं।
भारतीय तटरक्षक बल के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट आशीष नागर करेंगे। आईसीजी का आदर्श वाक्य 'वयं रक्षाम' है जिसका अर्थ है हम रक्षा करते हैं। भारतीय तटरक्षक बल हमारी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखता है। बल में 155 सरफेस यूनिट्स और 62 वायु संपत्तियां शामिल हैं।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), दिल्ली पुलिस, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ऊंट दस्ता और ब्लैक कैट कमांडो के नाम से भी लोकप्रिय राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के दस्ते मंच को सलामी देंगे। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) लड़कों के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व एनसीसी निदेशालय राजस्थान के कमांडर सीनियर अंडर ऑफिसर रणजीत सिंह गुर्जर करेंगे, जबकि लड़कियों के दस्ते का नेतृत्व एनसीसी निदेशालय, महाराष्ट्र के सीनियर अंडर ऑफिसर समृधि हर्शल करेंगे। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के दस्ते में 100 स्वयंसेवक शामिल हैं, जो पश्चिम बंगाल निदेशालय के श्री अभिजीत भुइन के नेतृत्व में शामिल होंगे। भारतीय सेना का शानदार पाइप और ड्रम बैंड भी प्रदर्शन में शामिल होगा।
गुजरात, असम, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और लद्दाख जैसे विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सत्रह झांकियां परेड के दौरान देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए इनका प्रदर्शन करेंगी।
इन झांकियों में लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल बनाने की परिकल्पना, गुजरात के मेहसाणा जिले के मोढ़ेरा का सूर्य मंदिर, असम की 'चाय-जनजातियों', तमिलनाडु में 'शोर मंदिर' और पल्लव वंश के अन्य स्मारक, महाराष्ट्र के 'भक्ति' आंदोलन 'और संत, देव भूमि' देवताओं की भूमि- केदारनाथ, छत्तीसगढ़ के लोक संगीत की शानदार धनक, श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती, त्रिपुरा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए पर्यावरणनुकूल परंपरा को बढ़ावा देना (आत्म-निर्भर), पश्चिम बंगाल में परिवर्तन के चक्र के रूप में सबूज साथी, सिक्किम का पंग ल्हाबसोल महोत्सव, उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत: अयोध्या, पुरानी दिल्ली में शाहजहानाबाद का पुनर्विकास, केरल का विजयनगर- विजय का शहर, आंध्र प्रदेश की स्थापत्य कला का उत्कृष्ट रूप- लिपाक्षी और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश की पश्चिमी विरासत को प्रदर्शित किया जा रहा हैं।
विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और अर्धसैनिक बलों की नौ झांकियाँ भी प्रदर्शित की जाएगी, इसमें डिजिटल भारत, आत्म-निर्भर भारत, चार श्रम संहिताएँ जिनमें मेहनत एक सम्मान, अधिकार एक सम्मान का प्रदर्शन, वन नेशन, वन साइन लैंग्वेज, ओजो भारत. तेजो भारतः इम्यून इंडिया, सक्रिय भारत, सीआरपीएप: एक पेशेवर ऑप्स फोर्स विद ह्यूमन सेंसिटिविटी, आत्मनिर्भर भारत अभियान: कोविड, समुद्र प्रहरी भारतीय तटरक्षक बल, सूचना और प्रसारण मंत्रालय का न्यू इंडिया: 'वोकल फॉर लोकल', सीमा सड़क संगठन: स्थलों को जोड़ना, लोगों को जोड़ना, 'अमर जवान' और भारतीय स्वतंत्रता का 75वाँ वर्ष शामिल होगा।
इस वर्ष बच्चों के दस्ते में लगभग 400 प्रतिभागी शामिल होंगे। दिल्ली तमिल एसोसिएशन स्कूलों द्वारा तमिलनाडु लोक नृत्य, दिल्ली के गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, यमुना विहार द्वारा हम फिट तो इंडिया फिट, ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर, कोलकाता के द्वारा ओडिशा के कालाहांडी के सर्वाधिक सुंदर नृत्यों में से एक बजासल के प्रदर्शन के साथ माउंट आबू पब्लिक स्कूल और विद्या भारती स्कूल, रोहिणी, दिल्ली के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा और इन नृत्य प्रस्तुतियों में आत्म-निर्भर भारत के दर्शन कराए जाएगें।
ग्रैंड फिनाले और परेड के सबसे प्रतीक्षित अंग के रूप में, फ्लाई पास्ट, रुद्र फॉर्मेशन से युक्त होगा जिसमें दो एमआई-17 IV विमानों के साथ डकोटा विमान शामिल होगा। इसके बाद सुदर्शन के रूप में एक चिनूक और 'विक ’गठन में दो एमआई -17 IV हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। इसके बाद युद्धक हेलीकॉप्टर रक्षक के साथ एक एमआई-35 हेलीकॉप्टर और ’विक’ गठन में चार अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल होंगे। विक ’गठन में तीन सी-130 जे विमान अपना प्रदर्शन करेंगे। भीम के बाद, दी आई इन द स्काई’ के रूप में नेत्र होगा। यह एक स्वदेश में निर्मित एयरबोर्न शीघ्र चेतावनी और नियंत्रण विमान है जिसमें अत्याधुनिक शीघ्र चेतावनी रडार और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्धक उपकरणों के साथ तैनात किया जाता है। इनका डिजाइन और निर्माण डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से किया गया हैं। इसके बाद गरुड़ फार्मेशन के रूप में एक सी-17 ग्लोबमास्टर के साथ दो मिग-29 और दो सुखोई-30 एमकेआई विमान शामिल होंगे। सी-17 एक भारी मालवाहक लंबी दूरी का रणनीतिक एयरलिफ्ट विमान है। सी-17 विमानों ने वायु सेना की रणनीतिक गतिशीलता और पहुंच को बदल दिया है।
अगली उड़ान का प्रदर्शन एक राफेल के साथ दो युद्धक जैगुआर एयरक्राफ्ट और 300 मीटर की ऊंचाई एवं 780 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा के साथ दो मिग-29 द्वारा किया जाएगा। विशेष उत्कृष्ट श्रेणी के तीन सुखोई-30 एमकेआई युद्धक विमानों का एक दस्ता त्रिनेत्र का आकार बनाते हुए उड़ान भरेगा। इसके बाद विजय प्रारूप में तीन एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना की प्रशंसित सारंग का प्रदर्शन करेंगे।
वायुसेना के इन युद्धक विमानों के प्रदर्शन का समापन 900 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने वाले एक एकल राफेल विमान से होगा। इस विमान को शौर्य चक्र विजेता, 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर स्क्वाड्रन लीडर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह, स्क्वाड्रन लीडर किसलय कांत के साथ उड़ाएगें। यह विमान आसमान में ऊँची उड़ान भरकर कलाबाजियां दिखाएगा और भारतीय वायु सेना के आदर्श वाक्य नभ स्पर्शन दीप्थम ’को सलाम करेगा।
समारोह का समापन राष्ट्रगान और तिरंगे रंग में सराबोर गुब्बारों को गगन में छोड़ने के साथ होगा।
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एमजी/एएम/एसएस
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