जल शक्ति मंत्रालय

जल शक्ति राज्य मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में ब्रह्मपुत्र आमंत्रण अभियान में भाग लिया

Posted On: 30 DEC 2020 8:02PM by PIB Delhi

जल शक्ति और सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने आज ब्रह्मपुत्र आमंत्रण अभियान में शिरकत की। ब्रह्मपुत्र आमंत्रण अभियान एक रीवर राफ्टिंग अभियान है जिसे अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में ब्रह्मपुत्र बोर्ड द्वारा आयोजित किया जाता है। राज्य मंत्री ने ब्रह्मपुत्र बोर्ड द्वारा शुरू किए गए इस अभियान को लेकर श्री पेमा खांडू के नेतृत्व में अरुणाचल प्रदेश सरकार के सहयोग मुहैया कराने की सराहना की। यह राफ्टिंग अभियान और आउटरीच कार्यक्रम 23 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में गेलिंग से शुरू हुआ था, जिसका समापन 21 जनवरी 2021 को असम के असमरलगा में होगा। “नदियों के साथ जीवन” विषय से आयोजित यह कार्यक्रम महीने भर चलता है जिसका उद्देश्य लोगों को ब्रह्मपुत्र नदी के बारे में जागरूक करना है। ब्रह्मपुत्र वह प्रमुख नदी है जो भारत में अरुणाचल प्रदेश के रास्ते प्रवेश करती है और बांग्लादेश में दाखिल होने पहले असम से होकर बहती है, जहां यह गंगा नदी के साथ मिल जाती है और फिर बंगाल की खाड़ी में समा जाती है।

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इस आयोजन को संबोधित करते हुए श्री कटारिया ने आईआईटी गुवाहाटी के छात्रों, एनडीआरएफ के सदस्यों, नॉर्थ इस्टर्न स्पेस एप्लिकेशन सेंटर शिलांग, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय मौसम विभाग गुवाहाटी के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सराहना की और जल शक्ति मंत्रालय के प्रयासों के बारे में उन्हें अवगत कराया। जल शक्ति मंत्रालय एकीकृत दृष्टिकोण अपनाकर जल संबंधित मसलों को सुलझाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि गंगा आमंत्रण अभियान की बड़ी कामयाबी के बाद वर्ष 2019 में मंत्रालय ने ब्रह्मपुत्र आमंत्रण अभियान की तैयारी की और शुरू किया था। उन्होंने प्रतिभागियों को सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत किए जा रहे गुणवत्तापूर्ण कार्यों की भी जानकारी दी।

श्री कटारिया ने नदियों और मानव सभ्यता के बीच के अटूट रिश्तों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक रूप से सभी मानव समाजों की उत्पत्ति और उद्भव नदियों के साथ हुआ है क्योंकि यह इस ग्रह पर जीवन का प्रमुख स्रोत है। हालांकि, जनसंख्या में बढ़ोतरी और उसके बाद के शहरीकरण के कारण हमारी नदियों के सिस्टम पर दबाव बढ़ गया है। देशभर की नदियां प्रदूषण की समस्या का भी सामना कर रही हैं क्योंकि बस्तियों से निकलने वाले अपशिष्ट को बिना किसी ट्रीटमेंट के नदियों में बहा दिया जाता है। श्री कटारिया ने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे नदियों को प्रदूषण मुक्त करने और उनकी “निर्मलता” और “अविरलता” को बनाए रखने की दिशा में काम करने का संकल्प लें। उन्होंने “नदी के समकालिक विकास” की अवधारणा पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नदी संरक्षण और विकास एक-दूसरे के हाथ में रहे और एक दूसरे के पूरक बन सकें। ब्रह्मपुत्र बोर्ड द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए। इस अवसर पर ब्रह्मपुत्र बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजीव यादव, सचिव श्री वी. डी. रॉय, राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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ब्रह्मपुत्र नदी को अपने तटबंध क्षेत्रों में कटाव और बाढ़ के लिए जाना जाता है। इसलिए, जीवन की स्रोत ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर नदियों के साथ जीवन विषय पर आयोजित कार्यक्रम प्रासंगिक बन पड़ा है। अभियान का मुख्य आकर्षण एनडीआरएफ की टीम द्वारा अरुणाचल प्रदेश और असम दोनों राज्यों से गुजरने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे राफ्टिंग का एक दौरा है। इस दौरान नदी किनारे के शहरों और कस्बों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

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