रेल मंत्रालय
केन्द्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने जम्मू-कश्मीर में रेलवे की राष्ट्रीय परियोजना के कार्य में प्रगति की समीक्षा की
यूएसबीआरएल परियोजना के शेष हिस्से के कार्य को मिशन मोड में पूरा किया जाएगा
कश्मीर क्षेत्र को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों के साथ जोड़े रखने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा
रेल लाइन के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिये परियोजना की आवधिक समीक्षा
Posted On:
30 DEC 2020 1:32PM by PIB Delhi
केन्द्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामेल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने जम्मू और कश्मीर में चल रही राष्ट्रीय परियोजना यूएसबीआरएल की प्रगति की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में रेलवे बोर्ड के सीईओ और अध्यक्ष श्री वी के यादव और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल भी उपस्थित थे। यूएसबीआरएल परियोजना के मुख्य प्रशासनिक/निर्माण अधिकारी श्री विजय शर्मा ने माननीय मंत्री जी को कटरा-बनिहाल के बीच परियोजना के अंतिम चरण में हो रहे काम की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।
रेल मंत्री ने परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा की, जम्मू और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को इस परियोजना से पूरा करना होगा जिससे इस क्षेत्र को वर्ष भर देश के बाकी हिस्सों से जुड़े रहने के लिए एक अच्छी परिवहन प्रणाली मिल सके। उन्होंने परियोजना पर काम कर रहे इंजीनियरों से मिशन मोड पर परियोजना के शेष हिस्से को तेज गति से पूरा करने का आह्वान किया। उन्होंने सामग्री खरीद और अनुमति लेने की प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए जिससे रेल लाइन के निर्माण में देरी न हो।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल ने मंत्री जी को जानकारी दी की रामबन और रियासी जिले जहां परियोजना निर्माणाधीन है, वहां कोविड के चलते इलाके को रेड और ऑरेंज जोन के रूप में घोषित किया गया है, वहां कोविड-19 की मानक संचालन प्रक्रिया के साथ परियोजना का काम जारी रहा। कार्यस्थल पर कामगारों के लिए शिविर और आइसोलेशन केंद्र उपलब्ध कराए गए। विभिन्न स्थलों पर काम करने वाले 366 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का पता चला था, वह सभी स्वस्थ हो चुके हैं।
यूएसबीआरएल (उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक) भारतीय रेल द्वारा कश्मीर क्षेत्र को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के उद्देश्य से हिमालय के माध्यम से ब्रॉड-गेज रेलवे लाइन के निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय परियोजना है। यह परियोजना देश के सबसे उत्तरी उच्च पर्वतीय क्षेत्र में सभी मौसमों में आरामदायक, सुविधाजनक और लागत प्रभावी जन परिवहन प्रणाली के रूप में क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उत्प्रेरक होगी।
परियोजना के पहले तीन चरणों का निर्माण पूरा हो चुका है और कश्मीर घाटी में बारामूला-बनिहाल और जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच ट्रेनों के परिचालन के लिए लाइन शुरू की जा चुकी है। 111 किलोमीटर के खंड कटरा-बनिहाल में, इसके भूविज्ञान और गहरे घाटियों से भरे व्यापक नदी तंत्र के कारण इसका कठिन और जोखिम से भरे हिस्से पर काम चल रहा है। इस खंड में कई अनूठे पुल और सुरंगें हैं। इस खंड में अधिकांश रेल ट्रैक सुरंगों में या पुलों पर बने हैं। इस दुर्गम क्षेत्र में एक प्रभावी भूतल परिवहन प्रणाली की अनुपस्थिति में, रेलवे को निर्माण स्थलों तक पहुंचने के लिए पहले 205 किलोमीटर का सड़क मार्ग बिछाना पड़ा था।
तीन एजेंसियां; इरकॉन, केआरसीएल और उत्तर रेलवे अपने व्यापक अनुभव के साथ इस परियोजना की रेल लाइनों के निर्माण कार्य में शामिल हैं। कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां और प्रमुख भारतीय संस्थान जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण इस परियोजना के लिये योजना और कार्यान्वयन में विशेषज्ञता प्रदान कर रहे हैं। परियोजना के लिये सुरंग बनाने की मशीनें और क्रेन भी आयात किए गए हैं।
वर्तमान में विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चेनाब ब्रिज के आर्क का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है जबकि अंजी पुल पर केबल-स्टे रेल ब्रिज के निर्माण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। कुल 97.64 किलोमीटर की मुख्य सुरंग में 81.21 किलोमीटर और 60.5 किलोमीटर में से 53.50 किलोमीटर बची सुरंग का काम पूरा हो चुका है। 12 बड़े और 10 छोटे पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। शेष 12 बड़े पुलों और एक छोटे पुल का निर्माण 2021-22 तक पूरा किया जाना है।
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