कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

पोस्ट-कोविड युग में अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में भारत ने एक नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है : डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 26 NOV 2020 6:44PM by PIB Delhi

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पोस्ट-कोविड युग में अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में भारत ने एक नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। फिक्की और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित वैश्विक अनुसंधान एवं विकास शिखर सम्मेलन-2020, में उन्होंने कहा कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय ने जिस तरह से इस महामारी का सामना किया, वह इस बात का प्रमाण है।

‘बिल्डिंग रेजिलिएंट इकोनॉमी’ विषय पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नवाचार और कौशल पर सरकार का निरंतर ध्यान की देश के समग्र विकास में एक दीर्घकालीन भूमिका है। आम लोगों की अधिक भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को काम में लाने के महत्व पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की अतंरिक्ष यात्रा काफी देर बाद शुरू हुई। पिछले 4-5 वर्षों में अंतरिक्ष तकनीक बुनियादी ढांचे के निर्माण और संवर्द्धन का हिस्सा बन गई है और इसका लाभ प्रत्येक घर तक पहुंच गया है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष विभाग में कुछ उल्लेखनीय ऐतिहासिक सुधारों का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा संभवत: स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार ग्रहों की खोज, बाह्य अंतरिक्ष यात्रा आदि के लिए भविष्य की परियोजनाएं निजी क्षेत्र के लिए खुली होंगी। उन्होंने आगे कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर’ रोडमैप का एक हिस्सा है, जो अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की पहल की परिकल्पना करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निजी कंपनियों को उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरिक्ष आधारित गतिविधियों के लिए एकसमान अवसर दिया जाएगा।

मंत्री ने आगे कहा कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) के निर्माण के साथ एक तंत्र होगा और निजी क्षेत्र को उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो की सुविधाओं और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।   

पोस्ट-कोविड युग के बाद उत्तर-पूर्वी भारत द्वारा आर्थिक और पर्यटन क्षेत्र में एक लंबी छलांग मारने पर विश्वास व्यक्त करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब कोरोना की वजह से विश्व के मुख्य पर्यटन स्थल अभी भी प्रभावित हैं, उस समय उत्तर-पूर्वी क्षेत्र कोरोना-मुक्त होकर दुनिया के पर्यटन क्षेत्र के रूप में उभर सकता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह उत्तर-पूर्व में विशाल बांस संसाधनों और इसके बहुआयामी उपयोग से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को फिर से आकार देने की प्रचुर संभावना है। केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में मोदी सरकार द्वारा 2017 में 100 वर्ष पुराने भारतीय वन अधिनियम में संशोधन का उल्लेख किया। इस संशोधन के परिणामस्वरूप बांस के माध्यम से आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी के लिए घर में उगाए जाने वाले बांस को इस कानून से छूट दी गई।

टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सीपी गुरनानी और एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल ने भी इस सत्र को संबोधित किया और भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष संचार में अग्रणी बनाने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के लिए सहयोग के लिए माननीय मंत्री के विचारों का समर्थन किया।

इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘साइंस मीट्स इंडस्ट्री’ पर फिक्की प्रकाशन का भी शुभारंभ किया।      

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