भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने मोटर वाहन उद्योग में प्रतिस्पर्धा के मुद्दों पर ब्रिक्स देशों की प्रतिस्पर्धा एजेंसियों की वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की

Posted On: 07 NOV 2020 7:09PM by PIB Delhi

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 05-06 नवम्बर 2020 को "मोटर वाहन उद्योग में प्रतिस्पर्धा के मुद्दे" विषय पर ब्रिक्स देशों की प्रतिस्पर्धा एजेंसियों की वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की। सीसीआई, दक्षिण अफ्रीका के प्रतिस्पर्धा आयोग के साथ मोटर वाहन कार्यकारी समूह (एडब्लूजी) परियोजना का सह-प्रमुख है। आयोग के सदस्यों– श्रीमती संगीता वर्मा और श्री भगवंत सिंह बिश्नोई की उपस्थिति में आयोग के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार गुप्ता ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला में ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

इससे पहले, ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा एजेंसियों ने मई 2016 में प्रतिस्पर्धा कानून और नीति के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे (2020 में इसे अनिश्चित अवधि के लिए विस्तार दिया गया है)। इसका उद्देश्य ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा एजेंसियों के बीच आपसी सहयोग और बातचीत को बढ़ावा देना है। इस समझौता ज्ञापन के तहत, महत्वपूर्ण उद्योगों/क्षेत्रों अर्थात फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य, मोटर वाहन और डिजिटल बाजार के लिए चार कार्यकारी समूहों का गठन किया गया। इन कार्यकारी समूहों ने सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग किया है। वर्तमान कार्यशाला एडब्लूजी के तहत आयोजित की गई थी।

सीसीआई के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में विकासशील देशों, विशेष रूप से ब्रिक्स देशों में मोटर वाहन क्षेत्र के महत्व और वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि उत्पादन और विनिर्माण संयंत्रों के लिए विभिन्न सुविधाओं की वजह से ब्रिक्स देशों में कई मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) की मौजूदगी है, जो अग्रणी ओईएम के लिए इसकी क्षमता के उपयोग हेतु इसे पसंदीदा गंतव्य बनाते हैं। श्री गुप्ता ने सुझाव दिया कि बाजार नियामक निश्चित रूप से इस उद्योग के लिए अवरोध पैदा करना नहीं चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर प्रतिस्पर्धा की चिंताओं के लिए सक्रिय होना जरूरी होता है, क्योंकि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि ब्रिक्स क्षेत्राधिकार में अधिकांश वैश्विक ऑटोमोबाइल कंपनियों की मौजूदगी के कारण एक बेहतर सामान्य समाधान निकाला जा सकता है, जिसके आधार पर समान दृष्टिकोण और मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा। उन्होंने इस क्षेत्र में बिग डेटा समेत उभरते मुद्दों पर चर्चा करने की अनिवार्यता को भी रेखांकित किया।

सीसीआई की सचिव श्रीमती ज्योति जिंदगर भानोट ने अपने स्वागत-भाषण में कार्यशाला को संबोधित किया। इसके बाद, ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने अपने देशों में मोटर वाहन क्षेत्र के विकास पर प्रस्तुतियां दीं। नए युग की डिजिटल अर्थव्यवस्था से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला के दौरान, ब्रिक्स देशों द्वारा सामना किये जा रहे मुद्दों तथा इनसे निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की गयी।

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