वित्त मंत्रालय
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण ने दो विनियमों को मंजूरी दी
Posted On:
27 OCT 2020 10:41PM by PIB Delhi
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) की बोर्ड बैठक में आज गहन विचार-विमर्श के बाद निम्नलिखित नियमों को मंजूरी दी गई :
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण (बुलियन एक्सचेंज) विनियम, 2020
भारत सरकार ने आईएफएससीए के सुझावों को स्वीकार करते हुए बुलियन स्पॉट डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट और बुलियन डिपॉजिटरी रसीद, को आईएफएससीए अधिनियम, 2019 के तहत 30 अगस्त, 2020 को वित्तीय उत्पादों और इससे संबंधित सेवाओं को वित्तीय सेवाओं के रूप में अधिसूचित किया है।
आईएफएससीए को बुलियन एक्सचेंज को संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहली बार भारत में ऐसा एक नियम बनाया गया है जो बुलियंस एक्सचेंज में बुलियंस स्पॉट और डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के कारोबार का नियमन करेगा।
प्राधिकरण ने आज की अपनी बैठक में बुलियन नियमन से संबंधित मसौदे को मंजूरी दे दी। इससे बुलियन ट्रेडिंग अर्थात बुलियन एक्सचेंज डिपॉजिटरी, क्लियरिंग हाउस वाल्ट्स जैसी समूची गतिविधियों के लिए एक सक्षम तंत्र का मार्ग प्रशस्त होगा।
बुलियन एक्सचेंज विनियमनों की प्रमुख विशेषताएं:
- बुलियन एक्सचेंज और क्लियरिंग एक्सचेंज के कार्य और सामान्य दायित्व
- बुलियन एक्सचेंज और क्लियरिंग कॉरपोरेशन का स्वामित्व और शासन संरचना
- बुलियन डिपॉजिटरी, इसके प्रतिभागियों और लाभार्थियों के अधिकार और दायित्व
- प्राधिकरण द्वारा एक वाल्ट प्रबंधक के पंजीकरण की अनुमति
- बुलियन डिपॉजिटरी की भूमिका
- बुलियन एक्सचेंज के अन्य परिचालन पहलें
बुलियन एक्सचेंज विनियमन में व्यापार करने वाले सदस्यों, बाजार मध्यस्थों, बुलियन डिपॉजिटरी, समाशोधन प्रक्रिया में शामिल सदस्यों, वाल्ट मैनेजर आदि के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करने की व्यवस्था की गई है ताकि बुलियन मार्केट में पारदर्शिता और पारगमयता बनी रहे और बुलियन अनुबंधों के लिए एक मानक तय किया जा सके।
बी) सर्विस सेंटर अथॉरिटी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण (ग्लोबल इन हाउस सेंटर्स) विनियम, 2020
16 अक्टूबर, 2020 को भारत सरकार ने आईएफएससीए की सिफारिश पर वित्तीय उत्पादों और वित्तीय सेवाओं से संबंधित सेवाएं की सुविधा के लिए वित्तीय सेवाओं के रूप में ग्लोबल इन हाउस सेंटर्स (जीआईसी) को अधिसूचित किया था।
प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नियमों की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित ब्रांच मोड सहित किसी भी मोड में एक जीआईसी अपना व्यवसाय का संचालन कर सकता है।
- आवेदक इकाई को अपनी वित्तीय सेवाओं को वित्तीय कार्य टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के अनिवार्य क्षेत्राधिकार में ही रखना होगा।
- एक वित्तीय सेवा समूह को एक ऐसी संस्था के रूप में परिभाषित किया गया है जिसका विनियमन किसी ऐसे वित्तीय या अन्य सक्षम नियामक द्वारा किया जा रहा है जो अपने अधिकार क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं का विनियमन करती है। जिसमें होल्डिंग कंपनी, सहयोगी कंपनी या उसकी शाखाएं या होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनी भी शामिल है।
- आवेदक इकाई द्वारा अपने वित्तीय सेवा समूह को प्रदान की जाने वाली सहायता सेवाएं किसी वित्तीय उत्पाद के संबंध में वित्तीय सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से होनी चाहिए।
- आईएफएससी के तहत स्थापित कोई भी जीआईसी आईएफएससी इकाइयों को दिए जाने वाले कर छूट सहित सभी तरह की रियायतों का लाभ उठाने का हकदार होगा।
हाल के वर्षों में भारत में जीआईसी देश में अत्याधिक कुशल प्रतिभाओं के विकास में योगदान देता आ रहा है। भारत बड़ी संख्या में डिजिटल प्रतिभाओं के साथ दुनिया में डिजिटलीकरण के प्रमुख केन्द्र के रूप में उभर रहा है। आईएफएससीए द्वारा जारी किए गए जीआईसी नियम जीआईएफटी–आईएफएससी को वित्तीय प्रौद्योगिकी से युक्त ऐसे शहरों के समूह में खड़ा करने की क्षमता रखते हैं जहां रोजगार के व्यापक अवसर सृजित होते हैं।
उपरोक्त नियमों को भारत सरकार द्वारा नियत समय पर अधिसूचित किया जाएगा।
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