रेल मंत्रालय

आरपीएफ ने राष्ट्रव्यापी जांच-पड़ताल में ‘रियल मैंगो’ कहे जाने वाले उस सॉफ्टवेयर के संचालन को नाकाम कर दिया है जिसका इस्तेमाल पुष्ट (कन्फ़र्म) रेलवे आरक्षण को बेकार करने में किया जाता था


इस सॉफ्टवेयर को अब पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है

आरपीएफ़ने इस अवैध सॉफ्टवेयर के संचालन में लगे लगभग 50 अपराधियों को पकड़ा है, और 5 लाख रुपये से अधिक के टिकट जब्त किए हैं

Posted On: 08 SEP 2020 4:48PM by PIB Delhi

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ‘रियल मैंगो’ कहे जाने वाले उस अवैध सॉफ्टवेयर के संचालन को नाकाम कर दिया है जिसका इस्तेमाल पुष्ट (कन्फ़र्म) रेलवे आरक्षण को बेकार करने के लिए किया जाता था।

रेल यात्री सेवाओं को फिर से शुरू किए जाने के बाद दलाली गतिविधियों में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए भारतीय रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दलालों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया। आरपीएफ की फील्ड इकाइयोंद्वारा दलालों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई के दौरान 09.08.2020 को अवैध सॉफ्टवेयर ‘रेयर मैंगो’(बाद में इसका नाम बदलकर ‘रियल मैंगो’ कर दिया गया) के संचालन का पता चला। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर),पूर्वी रेलवे (ईआर) और पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यूआर)की आरपीएफइकाइयों ने कुछ संदिग्धों को पकड़ लिया और उनसे रेयर मैंगो /रियल मैंगो सॉफ्टवेयर के संचालन की प्रक्रिया को समझना शुरू कर दिया। अवैध सॉफ्टवेयर के काम करने के व्यवस्थित तरीकों को समझने में यह पाया गया है कि: -

  1. रियल मैंगो सॉफ्टवेयर वी3 और वी2 कैप्चा को बायपास करता है।
  2. यह मोबाइल ऐप की मदद से बैंक ओटीपी से तालमेल कर लेता है और इसे जरूरी फॉर्म में स्वचालित रूप से फीड कर देता है।
  3. यह सॉफ्टवेयर फॉर्म में स्वत:यात्री का विवरण और भुगतान संबंधी विवरणों को भरता है।
  4. सॉफ्टवेयर कई आईआरसीटीसी आईडी के माध्यम से आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉग इन करता है।
  5. अवैध सॉफ्टवेयर पांच स्तरीय संरचना के माध्यम से बेचा जाता था, जैसे सिस्टम एडमिन और उनकी टीम,मावेंस,सुपर विक्रेता,विक्रेता और एजेंट।
  6. सिस्टम एडमिन बिटकॉइन में भुगतान प्राप्त कर रहा है।

आरपीएफ़ की फील्ड इकाइयों ने इस अवैध सॉफ्टवेयर के संचालन में शामिल मुख्य सरगना (सिस्टम डेवलपर) और प्रमुख प्रबंधकों सहित अब तक 50 अपराधियों को पकड़ लिया है और 5 लाख से रुपये से अधिक मूल्य के टिकट जब्त किए हैं। इस अवैध सॉफ्टवेयर के पांच प्रमुख संचालनकर्ताओं को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है। सॉफ्टवेयर अब पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया गया है।

दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के बीच आरपीएफ़ द्वारा समन्वित राष्ट्रव्यापी कार्रवाई का उल्लेख किया जा सकता है,जिसमें 104 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया औरएएनएमएस / रेड मिर्ची / ब्लैक टीएस, टिक-टॉक, आई-बॉल,रेड बुल,मैक, एन-जीईटी,साइकिल,स्टार-वी2 आदि जैसे कई अवैध सॉफ्टवेयर्स को नाकाम किया गया। आरपीएफ़ द्वारा दी गई सूचना से सीआरआईएस / आईआरसीटीसी को पीआरएस सिस्टम में सुरक्षा सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिली जिसके कारणसॉफ्टवेयर्स ने उस समय काम करना बंद कर दिया।

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