उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति ने कहा मैं अपने शिक्षकों और प्रतिपालकों को अपने जीवन कीउपलब्धियों और प्राप्तियों का श्रेय देता हूं
शिक्षक दिवस के अवसर पर उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की
मैंने स्कूल और कॉलेज के दिनों में हर पल के आनंद को प्राप्त किया है: उपराष्ट्रपति
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश के नागरिक कोविड-19 महामारी से बाहर निकलने में कामयाब होंगे
उपराष्ट्रपति ने शिक्षकों और छात्रों के साथ वर्चुअल बातचीत की
Posted On:
05 SEP 2020 4:06PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि वे अपने शिक्षकों और प्रतिपालकों को अपने जीवन की उपलब्धियों और प्राप्तियों का श्रेय देते हैं, जिन्होंने उनके स्कूल और कॉलेज के दिनों में उनका मार्गदर्शित और प्रशिक्षित किया।
वे शिक्षक दिवस के अवसर पर, नेल्लोर मेंस्वर्ण भारत ट्रस्ट द्वारा संचालित अक्षरा विद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों और नेल्लोर, विजयवाड़ा और हैदराबाद में विभिन्न संस्थानों के सहयोग से एसबीटी द्वारा संचालित कौशल पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षकों के साथ बातचीत कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति, श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अपना विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे एक प्रख्यात शिक्षक, दार्शनिक, विद्वान, राजनेता और लेखक थे।
इस अवसर पर, श्री नायडू ने अपने शिक्षकों और प्रतिपालकों को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और याद किया कि उन्होंने गुरु पूर्णिमा के दिन 51 से ज्यादा शिक्षकों और आचार्यों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी, जिन्होंने उनके व्यवसाय और जीवन को सही आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में हर पल का आनंद प्राप्त किया है।
इस बात का अवलोकन करते हुए कि सीखना एक निरंतर प्रक्रिया है, उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि वे शिक्षकों, माता-पिता और अपने दादा-दादी से ज्ञान प्राप्त करें, जिनको जीवन का समृद्ध व्यावहारिक अनुभव प्राप्त है। साथ ही उन्हें किताबों के माध्यम से भी ज्ञान प्राप्त करने की सलाह दी।
श्री नायडू ने ऑनलाइन कक्षाओं और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिए, अक्षरा विद्यालय, एसबीटी, मुप्पवरपु फाउंडेशन और अन्य संगठनों की सराहना करते हुए कहा कि देश के लोग महामारी से बाहर निकल आएंगें। उन्होंने बल देकर कहा कि देश के युवाओं को रोजगार खोजने में सक्षम बनाने या स्वरोजगार प्राप्त करने के लिए कौशल प्रदान करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इस बात का अवलोकन करत हुए कि 'शेयर और केयर' भारतीय दर्शन का मूल मंत्र है, श्री नायडू ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों और आसपास के गांवों के अन्य जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सहायता, भोजन और अन्य वस्तुएं की मदद प्रदान करने के लिए एसबीटी, नेल्लोर की सराहना की।
एमजी/एएम/एके/डीए
(Release ID: 1651661)
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