कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
जम्मू-कश्मीर कोप्रत्येक जिले में शिकायत पोर्टल स्थापित करने के लिए मदद करेगा केंद्र: डॉ. जितेंद्र सिंह
20 जिलों में से प्रत्येक में ऑनलाइन लोक शिकायत निवारण पोर्टल स्थापित करने के लिए डीएआरपीजी और जम्मू-कश्मीर सरकार के बीच सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा
शिकायत निवारण की बेहतर गुणवत्ता और प्रतिक्रिया देने के समय को कम करने के लिए अंतिम मोर्चे पर शिकायत अधिकारियों की तैनाती के साथ आवाज-ए-आवाम पोर्टल को बेहतर बनाया जाएगा
Posted On:
16 AUG 2020 4:58PM by PIB Delhi
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां घोषणा की कि केंद्र जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों में से प्रत्येक में शिकायत पोर्टल स्थापित करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद करेगा।
जम्मू-कश्मीर में चल रही सुशासन संबंधी गतिविधियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने इस केंद्र शासित प्रदेश में ऑनलाइन लोक शिकायत निवारण पोर्टल के विस्तार के अगले चरण की योजना के बारे में टेलीफोन पर विस्तार से चर्चा की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उस चर्चा के बाद तुरंत लोक शिकायत मामलों से निपटने वाले वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाई जिसमें एआरपीजी के सचिव डॉ. क्षत्रपति शिवाजी और अतिरिक्त सचिव वी. श्रीनिवास शामिल थे। बैठक में जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिला मुख्यालय में शिकायत निवारण पोर्टल स्थापित करने के लिए एक योजना को अंतिम रूप दिया गया ताकि नागरिकों की शिकायतों को दूर किया जा सके और उनके दरवाजे तक निर्बाध रूप से सेवाएं प्रदान की जा सकें।
इस पहल के कार्यान्वयन के लिए निर्णय लिया गया है कि भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (एआरपीजी) जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मौजूदा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए अंतिम मोर्चे पर शिकायत अधिकारियों की तैनाती के साथ आवाज-ए-आवाम पोर्टल को बेहतर बनाने में मदद करेगा। इससे शिकायत निवारण की गुणवत्ता बेहतर करने, कम समय में प्रतिक्रिया देने और मामलों के प्रभावी निपटान में मदद मिलेगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसके लिए आने वाले दिनों में डीएआरपीजी के अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की जाएगी जो जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मिलकर काम करेगी।
यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पारदर्शी, जवाबदेह एवं नागरिकों के अनुकूल प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद डीएआरपीजी ने सुशासन पर दो महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किए हैं। इनमें 15 से 16 नवंबर, 2019 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में सुशासन प्रथाओं के प्रतिकृति पर क्षेत्रीय सम्मेलन और 30 नवंबर से 1 दिसंबर 2019 को जल शक्ति एवं आपदा प्रबंधन पर केंद्रित एक भारत, श्रेष्ठ भारत सम्मेलन शामिल हैं।
डीएआरपीजी द्वारा आयोजित किए गए उपरोक्त सम्मेलन नवनिर्मित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भारत सरकार का पहला महत्वपूर्ण कार्यक्रम था। इसके तहत इन केंद्र शासित प्रदेशों में सुशासन की रूपरेखा तैयार की गई।
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