संस्कृति मंत्रालय
एनजीएमए 7 अगस्त 2020 को अबनिंद्रनाथ टैगोर की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में"द ग्रेट मेस्ट्रो अबनिंद्रनाथ टैगोर" नामक एक आभासी यात्रा (वर्चुअल टूर) का आयोजन करेगा
इस आभासी यात्रा (वर्चुअल टूर) में एनजीएमए के आरक्षित संग्रह में से अबनिंद्रनाथ टैगोर की 77 कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जायेगा
Posted On:
06 AUG 2020 6:44PM by PIB Delhi
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली 7 अगस्त 2020 को अबनिंद्रनाथ टैगोर की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में "द ग्रेट मेस्ट्रो : अबनिंद्रनाथ टैगोर"नामक एक आभासी यात्रा(वर्चुअल टूर) का आयोजन करेगा।
एनजीएमए के महानिदेशक श्री अद्वैत चरण गडनायक ने कहा, "मुझे दिनांक 7 अगस्त 2020 को अबनिंद्रनाथ टैगोर की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में ‘द ग्रेट मेस्ट्रो - अबनिंद्रनाथ टैगोर’ नामक इस आभासी यात्रा के माध्यम से अबनिंद्रनाथ टैगोर की कलाकृतियों को प्रस्तुत करने की बेहद खुशी है।एनजीएमए इस प्रतिष्ठित कलाकार द्वारा बनाई गई 99 कलाकृतियों पर गर्व करता है, जो इसके प्रतिष्ठित संग्रह का एक हिस्सा हैं।इस आभासी यात्रा में एनजीएमए के आरक्षित संग्रह में से अबनिंद्रनाथ टैगोर की 77 प्रमुख कलाकृतियों को चार अलग-अलग विषयों - (i) पोर्ट्रेट्स एवं कैरेक्टर्स(ii) ट्रेडिशन विथ सेंसिबिलिटी (iii) इंडिविजुअल स्टाइल (iv) लैंडस्केप ऑफ़ इंटीरियरीटी - की एक श्रृंखला में वर्गीकृत कर प्रस्तुत किया जायेगा।
श्री अद्वैत चरण गडनायक ने यह भी कहा, “इस आभासी यात्रा (वर्चुअल टूर) की परिकल्पना एवं इसको शुरू करने औरएनजीएमए के ऐसे प्रतिष्ठित संग्रह के साथ अपने सम्मानित आगंतुकों की सुविधा के लिएइसका डिजाइन बनानेएवं विकसित करने के लिए मुझे अपने समस्त आईटी सेल के अथक प्रयासों पर गर्व है। मैं हमारे आदरणीय आगंतुकों से आग्रह करूंगा कि वे इस आभासी यात्रा के माध्यम से अबनिंद्रनाथ टैगोर की कलाकृतियों का अवलोकन करें।
इस आभासी यात्रा में इस महान कलाकार से जुड़ी स्मृतियों पर प्रकाश डालने के लिए ‘जीवनस्मृति’ तथा उनके जीवन एवं कार्यों पर आधारित ‘क्विज’ को भी शामिल किया गया है।आगंतुकएनजीएमए के बैनर तले शुरू किए गए पहले सांस्कृतिक मीडिया मंच -https://so-ham.in/the-great-maestro-abanindranath-tagore/ पर ‘बातचीत में शामिल’ हो सकते हैंऔर अपने विचारों एवंदृष्टिकोण के माध्यम से योगदान कर सकते हैं।
अबनींद्रनाथ टैगोर आधुनिक भारतीय कला की एक विलक्षण प्रतिभा हैं।अबनिंद्रनाथ ने कई विषयों को चित्रित किया।उनका झुकाव ऐतिहासिक या साहित्यिक छंदों के साथ चित्र बनाने की ओर था।उन्हें 'अरेबियन नाइट्स' या 'कृष्ण लीला' जैसे किसी विषय या पाठ से संबंधित चित्र बनाना पसंद था।उन्होंने नाट्य संबंधी विषयोंपर भी चित्र बनाने का आनंद लिया।उनके मन में साहित्य एवं नाटकके लिए बहुत सम्मान था और वो एक सुरुचिपूर्णएवं कुशल लेखक थे।दिल से एक ऐसे आधुनिकतावादी के तौर पर, जो अपने प्रशिक्षण से अधिक अपनी संवेदनशीलता से निर्देशित था, उन्होंने पुनर्जागरण के बाद के अकादमिक यथार्थवाद को बदल दिया।अपनी श्रृंखला के साथजिसप्राच्य कला में वो प्रशिक्षित थे,उसे उन्होंने अपने दिमाग की कल्पनाशील उड़ानोंके प्रति अधिक कोमल और संवेदनशील बना दिया।
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