श्रम और रोजगार मंत्रालय

कैबिनेट ने पीएमजीकेवाई/ आत्मनिर्भर भारत के तहत जून से लेकर अगस्त 2020 तक की तीन महीने की अवधि के लिए ईपीएफ योगदान को बढ़ाकर 24 प्रतिशत (12 प्रतिशत नियोक्ता का हिस्सा और 12 प्रतिशत कर्मचारियों का हिस्सा) करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

Posted On: 08 JUL 2020 4:31PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोविड-19 महामारी के आलोक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई एवं आत्मनिर्भर भारत) के तहत सरकार द्वारा घोषित पैकेज के एक हिस्से के रूप में, जून से लेकर अगस्त 2020 तक की तीन महीने की अवधि के लिए बढ़ाकर कर्मचारी भविष्य निधि के तहत कर्मचारियों के 12 प्रतिशत एवं नियोक्ताओं के 12 प्रतिशत अर्थात कुल 24 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

यह मंजूरी 15 अप्रैल 2020 को अनुमोदित मार्च से मई के वेतन महीनों की वर्तमान स्कीम के अतिरिक्त है। कुल अनुमानित व्यय 4,860 करोड़ रुपये है। इससे 3.67 लाख प्रतिष्ठानों के 72 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ प्राप्त होगा।

मुख्य विशेषताएं:

प्रस्ताव की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1.  जून, जुलाई एवं अगस्त 2020 के वेतन महीनों के लिए यह स्कीम 100 कर्मचारियों वाले सभी प्रतिष्ठानों तथा 15,000 रुपये मासिक वेतन से कम कमाने वाले ऐसे सभी कर्मचारियों के 90 प्रतिशत तक को कवर करेगी।

2.  3.67 लाख प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लगभग 72.22 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा और संभवतः बाधाओं के बावजूद उनकी वेतन-निधि जारी रहेगी।

3.   सरकार इस प्रयोजन के लिए वर्ष 2020-21 में 4,800 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता उपलब्ध कराएगी।

4.    प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के तहत जून से अगस्त 2020 के महीनों के लिए 12 प्रतिशत नियोक्ता योगदान के हकदार लाभार्थियों को इससे अलग रखा जाएगा, जिससे कि ओवरलैपिंग न हो।

5.    लॉकडाउन की दीर्घ अवधि के कारण, महसूस किया गया कि जब व्यवसायी काम पर लौट रहे हैं तो उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है इसलिए माननीय वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के एक हिस्से के रूप में 13 मई 2020 को घोषणा की कि व्यवसाय एवं श्रमिकों के लिए ईपीएफ सहायता तीन महीने और अर्थात जून, जुलाई और अगस्त 2020 तक बढ़ा दी जाए।

निम्न मजदूरी वाले श्रमिकों के सामने आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर उठाए जाने वाले कदमों को हितधारकों द्वारा अच्छी तरह स्वीकार किया जाता है।

एसजी/एएम/एसकेजे/एसके



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