कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईपीए के 46वें एपीपीपीए कोर्स का उद्घाटन किया


भारत में सिविल सर्विस लोगों को उनके घरों तक सेवा उपलब्ध करवा रही है: डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 01 JUL 2020 4:34PM by PIB Delhi

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोविड महामारी में विशेष रूप से जिला कलेक्टरों और सामान्य रूप से सिविल सेवकों की भूमिका की सराहना की।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) द्वारा आयोजित 46वें एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एपीपीपीए) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित किए गए शुरुआती लॉकडाउन के फलस्वरूप भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई प्रभावकारी साबित हुई है। उन्होंने कहा, शीघ्र प्रशासनिक उपायों ने भारत को दुनिया के कई उन्नत देशों में व्याप्त संकट की स्थिति तक पहुंचने से बचाया है और उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनसंख्या और भौगोलिक क्षेत्र ने एक चुनौती पेश की है, जिसे भारतीय प्रशासन द्वारा बड़ी लगन और मुस्तैदी के साथ निपटा गया है।

 

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्षों से निरंतर चले आ रहे विकास के साथ, अब सिविल सेवकों से जनता के साथ संबंधों का निर्माण करने और जनकेंद्रित और पारदर्शी शासन प्रदान करने का आह्वान किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर प्रायः अपने घर पर आम आदमी के शिकायतों का निवारण करने के लिए सार्वजनिक दरबार लगा रहे हैं।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि पिछले 5 से 6 वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई सुधार किए गए हैं।  मई 2014 के बाद से लेकर अबतक सामान्य प्रचलनों से बाहर जाकर लिए गए कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा दस्तावेजों को सत्यापित करवाने की पुरानी प्रथा को समाप्त करने और दस्तावेजो को स्व-सत्यापन के साथ प्रतिस्थापित करने का निर्णय, निचले पायदान पर चयन के लिए साक्षात्कार की समाप्ति, 1,500 से ज्यादा अप्रचलित नियमों/ कानूनों को समाप्त करना, नौकरी की शुरुआत में आईएएस अधिकारियों के लिए सहायक सचिव के रूप में तीन महीने का केंद्र सरकार में कार्यकाल, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन और 98 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी के साथ डीएआरपीजी के पीएम उत्कृष्टता पुरस्कारों के लिए नया प्रारूप अपने आप में क्रांतिकारी प्रकृति वाले हैं। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता पुरस्कारों को व्यक्तिगत प्रोफाइल से लेकर फ्लैगशिप कार्यक्रमों तक स्थानांतरित करना वास्तव में ऐतिहासिक प्रकृति का है।

 

 

49 प्रमुख संकेतकों के आधार पर 115 आकांक्षी जिलों की अवधारणा पर ध्यान केंद्रित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक रूप से तैयार किए गए तंत्र के आधार पर प्रत्येक आकांक्षी जिले को इन प्रमुख संकेतकों में सुधार लाने और अपनी रेटिंग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना था अर्थात राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले और दिए गए संकेतकों में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले के रूप में। उन्होंने असम के गोलपारा और धुबरी आकांक्षी जिलों की भी सराहना की, जिन्होंने क्रमशः लगभग 100 प्रतिशत और 85 प्रतिशत आयुष्मान भारत कवरेज प्राप्त कर लिया है। इसके अलावा, ग्वालपाड़ा जिले ने छह महीने के अंदर, 150 आकांक्षी जिलों की अखिल भारतीय सूची में अपनी रेटिंग को 68 से बढ़ाकर 16 कर लिया है।

 

कार्यक्रम के दौरान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लिए एक एडवांस वेबसाइट, आईआईपीए और माय आईपीपीए मोबाइल ऐप और आईआईपीए डाइजेस्ट का डिजिटल संस्करण भी जारी किया गया। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अगस्त में हुई उपस्थिति में हिंदी जर्नल लोकप्रशासन का डिजिटल संस्करण और नगरलोक जर्नल का पहला डिजिटल संस्करण भी जारी किया गया।

 

इस अवसर पर, डीओपीटी के सचिव डॉ. सी. चंद्रमौली, आईआईपीए के उपाध्यक्ष, श्री शेखरदत्त, आईआईपीए के निदेशक, डॉ. एन.त्रिपाठी, कार्यक्रम निदेशक डॉ चारू मल्होत्रा, आईआईपीए के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और संकाय-सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर डॉ. मोहन तनेजा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

***

एसजी/एएम/एके/एसके



(Release ID: 1635789) Visitor Counter : 307


Read this release in: English , Urdu , Manipuri , Tamil