विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

राज्य एसएंडटी परिषदों की भूमिका राज्य में क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान से कहीं आगे तक है : प्रोफेसर आशुतोष शर्मा

Posted On: 24 JUN 2020 12:52PM by PIB Delhi

डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कर्नाटक राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (केएससीएसटी) द्वारा वर्चुअल रूप से आयोजित राज्य एसएंडटी परिषदों की 6ठी वार्षिक बैठक में वैज्ञानिक जागरूकता फैलाने तथा क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान में राज्य एसएंडटी परिषदों की विवेचनात्मक भूमिका को रेखांकित किया।

प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने राज्य एसएंडटी परिषदों के बीच अर्जित सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों एवं ज्ञान के आदान प्रदान को बढ़ावा देने के लिए 18 जून 2020 से 1 जुलाई 2020 तक आयोजित वार्षिक बैठक के उद्घाटन सत्र में जेार देकर कहा कि, ‘ राज्य एसएंडटी परिषदों का महत्व न केवल राज्य विशिष्ट समस्याओं के समाधान में बल्कि क्षेत्र विशिष्ट समस्याओं के समाधान में निहित है।

उन्होंने पंजाब के मोगा एवं पटियाला में धान के तिनकों का उपयोग करने के द्वारा एक ब्रिकेट उत्पादन इकाई की स्थापना के जरिये गांव के स्तर पर पराली जलाने की चुनौती का सामना करने के लिए एक सार्वजनिक निजी साझीदारी बनाने में पंजाब राज्य एसएंडटी परिषद की कोशिशों की सराहना की। उन्होंने राज्य एसएंडटी परिषदों से कर्नाटक के पदचिन्हों पर चल कर राज्य स्थानिक डाटा अवसंरचना (एसएसडीआई) की स्थापना को सुगम बनाने का अनुरोध किया।

प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि राज्य एसएंडटी परिषदों को अनिवार्य रूप से खुद का विकास ज्ञान प्रबंधकों के रूप में एसटीआई परितंत्र के एक उत्प्रेरक के रूप में करना चाहिए तथा उपयुक्त प्रदायगी तंत्र के जरिये राज्य विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य समाधानों के आकलन एवं कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने सभी राज्य एसएंडटी परिषदों को राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवोन्मेषण नीति (एसटीआईपी) 2020 की परामर्शी प्रक्रिया में सक्रियतापूर्वक भाग लेने को आमंत्रित किया तथा उनसे कोविड-19 के बाद की अवधि के दौरान आर्थिक पुनर्विकास के लिए एसटीआई आधारित कार्यनीति विकसित करने का आग्रह किया।

29 राज्यों एवं 2 केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के एसएंडटी परिषदों के पदाधिकारियों ने उद्घाटन सत्र के दौरान भाग लिया। 1974 में आरंभ राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित एक अनूठा केंद्र-राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एसटी) सहयोग तंत्र है। इस साझीदारी के जरिये राज्य स्तर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेषण (एसटीआई) परितंत्र राज्य एवं केंद्र स्तर पर समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरित किया जाता है।

पिछले कई वर्षों से, राज्य एसएंडटी परिषदें जमीनी स्तर पर वैज्ञानिक वातावरण एवं नवोन्मेषण की संस्कृति का सृजन करने के जरिये राज्य विशिष्ट समस्याओं के लिए एसएंडटी अंतःक्षेपों की दिशा में व्यापक रूप से काम करती रही हैं। तथापि, पिछले एक वर्ष में इस समर्थन तंत्र ने प्रणालीगत अंत़क्षेपों के जरिये राज्य एसटीआई परितंत्र को सुदृढ़ बनाने पर फोकस किया है। देश में नवोन्मेषण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कुछ उल्लेखनीय अंतःक्षेपों में विरोलौजी में अत्याधुनिक अनुसंधान करने के लिए आधुनिक अवसंरचना के साथ तिरुवनंतपुरम में विश्व स्तरीय एडवांस्ड विरोलौजी संस्थान की स्थापना, विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 29 बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) तथा एक उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना शामिल है। उद्योग के साथ गठबंधन के लिए साइबर-सुरक्षित अनूकूल वातावरण को बढ़ावा देने, कौशल अंतरालों को पाटने और कर्नाटक में साइबर सुरक्षा के इस उभरते क्षेत्र में नवोन्मेषण को सुगम बनाने के लिए एक सीओई-साइबर सुरक्षा केंद्र (सीवाईएसईसीके) की भी स्थापना की गई है।

Description: Untitled

Description: https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004VLVR.jpg

 

एसजी/एएम/एसकेजे


(Release ID: 1633906) Visitor Counter : 314


Read this release in: English , Urdu , Bengali , Tamil