विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

डीएसटी ने साझा नीति और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त साइंस कम्युनिकेशन फोरम का गठन किया

Posted On: 11 JUN 2020 3:56PM by PIB Delhi

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के विज्ञान संचार संस्थानों और एजेंसियों के बीच आपसी बातचीत, सहयोग और समन्वय को  सुविधाजनक बनाने के लिए एक संयुक्त साइंस कम्युनिकेशन फोरम का गठन किया है।

फोरम विभिन्न संस्थानों के विज्ञान संचार प्रयासों को एक साथ लायेगा और व्यापक स्तर पर एक आम नीति और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने में मदद करेगा। इसका लक्ष्य एक राष्ट्रीय विज्ञान संचार की रूपरेखा तैयार करना है। फोरम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अलावा, कृषि, स्वास्थ्य, संस्कृति, रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और सूचना और प्रसारण सहित विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो आशुतोष शर्मा ने कहा कि फोरम देश में वृहद (मैक्रो) और सूक्ष्म (माइक्रो) दोनों ही स्तरों पर विज्ञान संचार कार्यक्रमों की प्रभावी योजना और इसके कार्यान्वयन के लिए रणनीतियां बनाने  पर काम करेगा, जिससे विज्ञान के लिए जागरूकता बढ़ेगी और बड़े पैमाने पर लोगों में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा होगी। एक नवाचार-संचालित समाज का निर्माण होगा जो आत्मनिर्भर भारत के पारितंत्र में योगदान देगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) का सचिवालय, फोरम को सहायता प्रदान करेगा। एनसीएसटीसी देश में विभिन्न संगठनों, कार्यक्रमों और विज्ञान संचार केंद्रित गतिविधियों के समन्वय के लिए कार्य करता है। परिषद, लोगों में विज्ञान की समझ व विज्ञान के प्रति रूचि को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इसपर देश में विज्ञान संचार और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए देशव्यापी कार्यक्रमों के आयोजन, नीतियों के निर्माण और अन्य गतिविधियों की भी जिम्मेदारी है।

भारत में विज्ञान संचार के लिए मजबूत संगठनात्मक संरचना मौजूद है। कम से कम पांच राष्ट्रीय संगठन, विज्ञान संचार के विकास के लिए काम कर रहे हैं। ये हैं - राष्ट्रीय विज्ञान संचार और सूचना स्रोत संस्थान (1951), होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केन्द्र (1974), नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (1978), नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (1982), और विज्ञान प्रसार (1989)। इसके अलावा, विभिन्न वैज्ञानिक संगठनों के अपने विज्ञान संचार विभाग हैं। इनमें विज्ञान प्रसार इकाई (सीएसआईआर), कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय (आईसीएआर), प्रकाशन और सूचना प्रभाग (आईसीएमआर), सार्वजनिक इंटरफ़ेस निदेशालय (डीआरडीओ), सार्वजनिक जागरूकता प्रभाग (डीएई ), मीडिया और जनसंपर्क कार्यालय (इसरो), साइंस प्रकोष्ट, एआईआर आदि शामिल हैं।  लगभग सभी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और वैज्ञानिक संस्थानों में विज्ञान संचार और लोगों तक पहुँचने के लिए कुछ संस्थागत तंत्र हैं।

ये संगठन विभिन्न तरीकों और साधनों का उपयोग करके विज्ञान संचार में योगदान दे रहे हैं और अपनी बात जनता तक पहुंचा रहे हैं। हालाँकि, आम नीतियों को विकसित करने और व्यापक स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए बातचीत और एकीकरण हेतु पर्याप्त गुंजाइश है। देशव्यापी कार्यक्रमों को संयुक्त रूप से आयोजित करने की आवश्यकता है। इससे एक राष्ट्रीय विज्ञान संचार ढांचे की रूपरेखा उभर सकती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सार्वजनिक संचार और लोगों में विज्ञान के प्रति रूचि को बढ़ाने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच बातचीत, सहयोग और समन्वय की आवश्यकता है ताकि बेहतर नीति निर्माण किया जा सके तथा देश में बड़े पैमाने पर विज्ञान संचार कार्यक्रमों का कार्यान्वयन हो सके।

 

 (अधिक जानकारी के लिए, डॉ मनोज कुमार पटैरिया, सलाहकार और प्रमुख, एनसीएसटीसी से संपर्क करें : mkp[at]nic[dot]in  मोबाइल : 9868114548)

 

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एसजी / एएम / जेके 


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