जल शक्ति मंत्रालय

भारत सरकार ने वर्ष 2020-21 में महाराष्ट्र में ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन के लिए 1,829 करोड़ रुपये मंजूर किए  


महाराष्ट्र ने वर्ष 2023-24 तक राज्य के सभी परिवारों को 100% नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है

‘जल जीवन मिशन’ का उद्देश्य सभी ग्रामीण परिवारों को नियमित रूप से और लंबे समय तक निरंतर पर्याप्त मात्रा में और निर्दिष्‍ट गुणवत्ता वाला नल जल उपलब्ध कराना है


Posted On: 11 JUN 2020 5:48PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा पिछले साल शुरू किए गए एक प्रमुख कार्यक्रमजल जीवन मिशन’ का उद्देश्य सभी ग्रामीण परिवारों को नियमित रूप से और लंबे समय तक निरंतर पर्याप्त मात्रा में और निर्दिष्‍ट गुणवत्ता वाला नल जल उपलब्ध कराना है। विभिन्‍न राज्य वर्ष 2024 तक यह कार्य पूरा करने के उद्देश्‍य से इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को लागू कर रहे हैं, ताकि इसके लिए ग्रामीण महिलाओं, विशेषकर लड़कियों के कठिन परिश्रम या परेशानी को कम करके ग्रामीण लोगों के जीवन स्‍तर को बेहतर किया जा सके।

महाराष्ट्र ने विचार करने एवं अनुमोदन के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग को वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत की। महाराष्ट्र ने वर्ष 2023-24 तक अपने राज्य के सभी परिवारों को 100% नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। महाराष्ट्र में 1.42 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 53.11 लाख परिवारों को पहले ही नल कनेक्शन मिल चुके हैं। यह राज्य वर्ष 2020-21 में 31.30 लाख परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने की योजना बना रहा है।

राज्य ने मौजूदा 8,268 पाइप जलापूर्ति योजनाओं का पुनर्निर्धारण और विस्‍तार करने की योजना बनाई है, जिससे कि 22.35 लाख परिवारों को नल कनेक्शन इसी वर्ष दिए जा सकें और शेष 9 लाख परिवारों को नई योजनाओं के माध्‍यम से नल कनेक्शन प्रदान किए जा सकें। राज्य को यह सलाह दी गई है कि वह इन सभी कार्यों को अभियान मोडमें पूरा करे, ताकि समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े तबकों के शेष परिवारों को शीघ्र ही नल कनेक्शन मिल सके।  राज्य ने 31 दिसंबर, 2020 तक अपनी 100% गुणवत्ता-प्रभावित बस्तियों को कवर करने की योजना बनाई है। सभी घरों को कवर करने की योजना बनाते समय जल की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, एससी/एसटी बहुल बस्तियों/गांवों, आकांक्षी जिलों, सांसद आदर्श ग्रामीण योजना के अंतर्गत आने वाले गांवों, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को प्राथमिकता दी जाती है।

भारत सरकार ने वर्ष 2020-21 के दौरान इस राज्य में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन के लिए 1,828.92 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी है। राज्य के पास मौजूद 285.35 करोड़ रुपये की अव्ययित (खर्च नहीं की गई) शेष राशि और इस वर्ष के केंद्रीय आवंटन तथा राज्य की ठीक इतनी ही हिस्सेदारी के साथ कुल मिलाकर 3,908 करोड़ रुपये इस राज्य के पास जेजेएम के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग ने राज्य को 5,827 करोड़ रुपये के सहबद्ध अनुदान आवंटित किए हैं जिसे इन पर अनिवार्य रूप से खर्च किया जाएगा () पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल के संचयन एवं जल के पुनर्चक्रण, और () स्वच्छता एवं ओडीएफ के दर्जे को बनाए रखना।

संविधान के 73वें संशोधन की भावना का पालन करते हुए जेजेएम के तहत स्थानीय ग्राम समुदाय/ग्राम पंचायतों और/अथवा उपयोगकर्ता समूहों को गांवों में जलापूर्ति प्रणालियों के नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में शामिल किया जा रहा है, ताकि पेयजल की सुरक्षा हासिल करने के लिए दीर्घकालिक स्‍थायित्‍व सुनिश्चित किया जा सके। सभी गांवों में जल जीवन मिशन को सही अर्थों में जन आंदोलन में तब्‍दील करने के लिए सामुदायिक सहयोग के साथ आईईसी अभियान चलाया जाना है। स्वैच्छिक संगठन और स्वयं सहायता समूह इसके लिए समुदाय को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

जल जीवन मिशन के तहत अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जल की गुणवत्ता की निगरानी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही समुदाय को इससे जोड़ने पर विशेष बल दिया जा रहा है, अर्थात हर गांव में 5 व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में मुहैया कराए जा रहे जल की गुणवत्ता का परीक्षण करने हेतु ‘फील्ड टेस्ट किट’ का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हर स्रोत का हर साल एक बार भौतिक एवं रासायनिक मापदंडों पर खरे उतरने के लिए और दो बार जीवाणु संबंधी संदूषण के लिए परीक्षण करने की आवश्यकता होती है।

प्रत्येक ग्राम पंचायत में उसकी उप-समिति यानी ग्राम जल और स्वच्छता समिति या पानी समितियों का गठन ग्राम स्तर पर नियोजन के लिए किया जा रहा है। गांवों की ग्राम कार्य योजनाओं के आधार पर राज्य के लिए वार्षिक कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है। यह राज्‍य जल संसाधनों के सुदृढ़ीकरण, जलभृत के पुनर्भरण, धूसर जल के प्रबंधन, इत्‍यादि से संबंधित कार्य शुरू करने के लिए विभिन्न स्रोतों जैसे कि मनरेगा (एमजीएनआरईजीएस), ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग से अनुदान, एसबीएम, कैम्पा, जिला खनिज विकास कोष, स्थानीय क्षेत्र विकास कोष, इत्यादि से प्राप्‍त धनराशियों में सामंजस्‍य सुनिश्चित कर रहा है।

कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति के दौरान प्राथमिकता के आधार पर ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है, ताकि ग्रामीण लोगों को सार्वजनिक नल-केंद्रों से जल लाने और लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने की परेशानी से न गुजरना पड़े। सरकार का उद्देश्‍य यह है कि समाज के गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों को अपने गृह- परिसरों के अंदर ही नल कनेक्शनों के जरिए पानी मिले और वे सार्वजनिक नल-केंद्रों पर जाने से बचें तथा सामाजिक दूरी सुनिश्चित करें, जिससे कि ग्रामीण समुदायों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।

राज्य द्वारा अच्छी तरह से लागू किया गया जल जीवन मिशन दरअसल ग्रामीण महिलाओं के लिए खुशी का द्वार है जिसके तहत घरेलू परिसरों में जल मुहैया कराने के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं के अनमोल समय की बचत करके आर्थिक गतिविधियों के अवसर सृजित करने और ग्रामीण समुदाय के सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर करने पर फोकस किया जाता है।

 

***

 

एसजी/एएम/आरआरएस- 6657                                               

 



(Release ID: 1630978) Visitor Counter : 742