विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

डीएसटी सचिव ने एसटीआईपी-2020 सचिवालय टीम के साथ बातचीत की


“ज्ञान सृजन और ज्ञान की खपत प्रणालियों के बीच बहुत अधिक परस्पर संबद्धता है, इन्हें नीतियों में समाहित किया जाना चाहिए”: प्रोफेसर आशुतोष शर्मा

Posted On: 10 JUN 2020 7:32PM by PIB Delhi

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने एसटीआईपी 2020 सचिवालय के साथ बातचीत कीजिसमें नीति अध्येता, डीएसटी अधिकारी और पीएसए अधिकारी शामिल हैं। ये अधिकारी एसटीआईपी 2020 सूत्रीकरण प्रक्रिया में शामिल रहे हैंजो अपनी सिफारिशों के लिए थिंक टैंक में टैपिंग, ज्ञान सृजन और ज्ञान की खपत प्रणालियों के बीच परस्पर संबद्धता और नीति निर्माण प्रक्रिया में विभिन्न क्षेत्रों और कृत्रिम बौद्धिकता (एआई)जैसे उभरते क्षेत्रों के बीच संपर्क के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।

प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने संवादात्मक सत्र के दौरान कहा कि टीआईएफएसी,नीति अनुसंधान केंद्रों जैसे कई मौजूदा ज्ञान केंद्र, सीआईआईI,फिक्की जैसे उद्योग निकायों ने पहले से ही विज्ञान नीति से संबंधित कई मुद्दों के बारे में अध्ययन और विचार कर चुके हैंऔर हम उनसे अच्छी-खासी सिफारिशें हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा,विज्ञान 21 विषयगत समूहों में शामिल किए गए कई क्षेत्रों को सम्मिलित करता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों, कृत्रिम बौद्धिकता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) जैसे विज्ञान के नए और उभरते क्षेत्रों,मशीन लर्निंग,क्वांटम कंप्यूटिंग और पारंपरिक क्षेत्रों के बीच जुड़ाव है। इसके अलावा,ज्ञान सृजन और ज्ञान की खपत प्रणालियों के बीच बहुत अधिक परस्पर संबद्धता है। उन्होंने कहा कि इन्हें नीतियों में समाहित किया जाना चाहिए।

प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने युवा नीति अध्येताओं को प्रोत्साहित किया जो नीति निर्माण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि युवा नीति अध्येताओं की ऊर्जा और उत्साह उनके वरिष्ठों के ज्ञान के साथ मिलकर प्रक्रिया को एक सफल विकेन्द्रीकृत और समावेशी बना देंगे।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय (पीएसए का कार्यालय) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने एक नए राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (एसटीआईपी 2020) के निर्माण के लिए विकेंद्रीकृत, उर्ध्वगामी और समावेशी प्रक्रिया शुरू की है।

एसटीआईपी 2020 सूत्रीकरण प्रक्रिया को आपस में गहराई से जुड़े 4ट्रैकों में व्यवस्थित किया गया है: ट्रैक 1 में नीति प्रारूपण प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद बड़े सार्वजनिक और विशेषज्ञ पूल से जानकारी मंगाने के लिए एक समर्पित मंच-विज्ञान नीति मंच के माध्यम से एक व्यापक सार्वजनिक और विशेषज्ञ परामर्श प्रक्रिया शामिल है।ट्रैक 2 में नीति प्रारुपण प्रक्रिया में साक्ष्यसूचित सिफारिशों का प्रबंध करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा संचालित विषयगत परामर्श शामिल हैं। इसके  लिए इक्कीस (21) केंद्रित विषयगत समूहों का गठन किया गया है। ट्रैक 3 में मंत्रालयों और राज्यों के साथ परामर्श शामिल है,जबकि ट्रैक 4 शीर्ष स्तर के बहु-हितधारक परामर्श का गठन करता है।

विभिन्न ट्रैकों पर परामर्श प्रक्रियाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं और समानांतर रूप से चल रही हैं। ट्रैक-2 विषयगत समूह (टीजी) परामर्श सूचना सत्रों की एक श्रृंखला के साथ शुरू हुआऔर विशेषज्ञों के साथ-साथ जनता से परामर्श एकत्र करने के लिए शीघ्र ही ट्रैक -1 शुरू किया जाने वाला है।

डीएसटी-एसटीआई नीति अध्येताओं के कैडर के साथ इन-हाउस पॉलिसी नॉलेज और डेटा सपोर्ट यूनिट के साथ डीएसटी (प्रौद्योगिकी भवन) में एक सचिवालयस्थापित किया गया है,ताकि पूरी प्रक्रिया और चारों ट्रैकों के बीच परस्पर समन्वय किया जा सके।

 डीएसटी के नीति समन्वय और कार्यक्रम निगरानी प्रभाग के प्रमुखडॉ. अखिलेश गुप्ता ने बातचीत सत्र के दौरानडीएसटी-एसटीआई के नीति अध्येताओं,डीएसटी अधिकारियों और पीएसए कार्यालय के अधिकारियों की मौजूदगी में नीति निर्माण की प्रक्रिया पर एक प्रस्तुति देते हुएइसे वैज्ञानिक विभागों, मंत्रालयों, एजेंसियों,  सामाजिक-आर्थिक मंत्रालयों, विभागों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचाया। इस संवाद से एसटीआईपी 2020 सूत्रीकरण प्रक्रिया के विभिन्न ट्रैकों के लॉन्च के लिए कार्य योजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

 

एसजी/एएम/एके

 



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