विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
कोविड-19 की जांच के लिए आरएनए निष्कर्षण किट अगप्पे चित्रा मैग्ना को वाणिज्यिक तौर पर लॉन्च किया गया
अगप्पे चित्रा मैग्ना परीक्षण के दौरान उपयोग के लिए एक चुंबकीय नैनोकण आधारित आरएनए निष्कर्षण किट है
Posted On:
21 MAY 2020 7:59PM by PIB Delhi
नीति आयोग के सदस्य और श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमएसटी) के संस्था बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. वीके सारस्वत ने आज यहां कोविड-19 की जांच के दौरान उपयोग के लिए चुंबकीय नैनोकण आधारित आरएनए निष्कर्षण किट अगप्पे चित्रा मैग्ना के वाणिज्यिक लॉन्च की घोषणा की। डॉ. वीके सारस्वत द्वारा यह घोषणा एक कार्यक्रम के दौरान डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, एससीटीआईएमएसटी की निदेशक डॉ. आशा किशोर, बायोमेडिकल प्रौद्योगिकी के प्रमुख, डॉ. एचके वर्मा और संस्थान के वैज्ञानिकों की उपस्थिति में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की।
इस आरएनए निष्कर्षण किट को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक राष्ट्रीय महत्व के संस्थान श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीअीआईएमएसटी), त्रिवेंद्रम ने कोच्चि की इन विट्रो डायग्नोस्टिक्स विनिर्माण कंपनी अगप्पे डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर विकसित किया था।
इस किट के लॉन्च की घोषणा करते हुए डॉ. सारस्वत ने कहा, 'इस किट का वाणिज्यिक लॉन्च कोविड-19 की जांच के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया एक प्रमुख कदम है। साथ ही यह परीक्षण की दर को बढ़ाने और लागत घटाने में मदद कर सकता है जो इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दुनिया के लिए एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के त्वरित कार्यान्वयन एवं वाणिज्यिकरण का उदाहरण हो सकता है।'
उन्होंने कहा, 'विशुद्ध रूप से ज्ञान के सृजन को मूल्य के सृजन में बदलने के लिए आवश्यक आरएंडडी बदलाव के लिए अधिक निवेश करने और एक दमदार एवं सशक्त आरएंडडी प्रबंधन प्रणाली की दरकार है। इस परिवर्तित परिवेश में शिक्षाविदों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और उद्योगों के प्रयासों में तालमेल बिठाना सबसे आवश्यक होगा। जब इन्हें एक सुर में पिरोया जाएगा तभी भारत एक तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरेगा।'
प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, 'यह एक उदाहरण है जहां तत्काल आवश्यकता के उद्देश्य से वैज्ञानिक और उद्योग ने मिलकर काम किया। चुंबकीय नैनोपार्टिकल्स के साथ आरएनए को संयुग्मित करने और चुंबकीय क्षेत्र को लागू करके एक जगह पर उनकी एकाग्रता बढ़ाने की अभिनव प्रक्रिया एक ऐसी सफलता है जिसने एससीटीआईएमएसटी को आरटी-एलएएमपी परीक्षण की उच्च संवेदनशीलता को दर्शाने में मदद की है। शुरुआत से ही बहुपक्षीय पार्श्व सोच और उद्योग की भागीदारी ने इस प्रौद्योगिकी को एक ऐसे उत्पाद के रूप में विकसित किया जो समय की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त था।'
डॉ. सारावत और प्रो. शर्मा ने देश की जरूरत को पूरा करने के लिए इस प्रकार का शानदार समाधान प्रदान करने के लिए श्री चित्रा और अगप्पे डायग्नोस्टिक्स की पूरी टीम को बधाई दी।
एससीटीआईएमएसटी की निदेशक डॉ. आशा किशोर ने कहा, 'स्वदेशी चिकित्सा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना इस संस्थान का प्राथमिक उद़देश्य है। इन विट्रो डायग्नोस्टिक्स और पॉइंट ऑफ केयर के विकास के अलावा यह उपकरण एक ऐसी श्रेणी है जहां हमने हाल ही में कदम रखा है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार की अध्यक्षता में आणविक चिकित्सा प्रभाग इस प्रकार के डायग्नोस्टिक प्लेटफॉर्मों पर काम कर रहा है। हम चुंबकीय नैनो-प्रौद्योगिकी आधारित आरएनए निष्कर्षण तकनीक के विकास और उसकी संभावना को लेकर काफी उत्साहित हैं। यह आयात पर हमारी निर्भरता को कम करेगा और सस्ती एवं प्रभावी जांच सुविधा प्रदान करेगा।'
इस लॉन्च कार्यक्रम का आयोजन एससीटीआईएमएसटी ने अगप्पे डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर बायोमेडिकल टेक्नोलॉजी विंग में किया। उसके बाद इस उत्पाद की पहली बिक्री अगप्पे डायग्नोस्टिक्स के प्रबंध निदेशक श्री थॉमस जॉन द्वारा अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोच्चि के अधिकारियों द्वारा को की गई थी।
कोविड-19 वायरस के लिए सस्ती, त्वरित एवं सटीक जांच इसके फैलाव को रोकने और संक्रमित लोगों को उचित सहायता प्रदान करने की बुनियाद है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार थेकुवेट्टील के नेतृत्व में एससीटीआईएमएसटी द्वारा विकसित एक अभिनव आरएनए निष्कर्षण किट चित्रा मैग्ना को अप्रैल 2020 में अगप्पे डायग्नोस्टिक्स को स्थानांतरित किया गया था और अब यह अगप्पे चित्रा मैग्ना आरएनए आइसोलेशन किट के रूप में बाजार में उपलब्ध होगी। कोविड-19 आरएनए आइसोलेशन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में इस उत्पाद को स्वतंत्र रूप से मान्यता दी गई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इस किट के वाणिज्यिकरण के लिए मंजूरी दे दी है। एसएआर-सीओवी-2 का पता लगाने के लिए इस किट का उपयोग आरटी-लैंप, आरटी-क्यूपीसीआर, आरटी-पीसीआर और अन्य आइसोथर्मल और पीसीआर आधारित प्रोटोकॉल के लिए आरएनए निष्कर्षण के लिए किया जा सकता है।
यह रोगी के नमूने से आरएनए को पकड़ने के लिए चुंबकीय नैनोकणों का उपयोग करके आरएनए को अलग करने की एक अभिनव तकनीक का उपयोग करता है। चुंबकीय नैनोकण वायरल आरएनए से जुड़ते हैं और जब वे चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में होते हैं तो अत्यधिक शुद्ध आरएनए को एकत्रित करते हैं। इस जांच विधि की संवेदनशीलता पर्याप्त मात्रा में वायरल आरएनए की प्राप्ति पर निर्भर करती है और यह नवाचार कोविड-19 से संक्रमित मामलों की पहचान करने की संभावना को बढ़ाता है।
भारत को अगले छह महीनों के दौरान प्रति माह लगभग 8 लाख आरएनए निष्कर्षण किट की आवश्यकता होने का अनुमान है। लगभग 150 रुपये कीमत के साथ अगप्पे चित्रा मैग्ना आरएनए आइसोलेशन किट से कोविड-19 की जांच की लागत घटने और लगभग 300 रुपये कीमत वाले आयातित किट पर देश की निर्भरता कम होने की उम्मीद है। अगप्पे डायग्नोस्टिक्स की क्षमता प्रति माह 3 लाख किट के उत्पादन की है।
(अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: सुश्री स्वप्न वामदेवन, पीआरओ, एससीटीआईएमएसटी, मोबाइल: 9656815943, ईमेल: pro@sctimst.ac.in)
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