उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत की
Posted On:
16 MAY 2020 8:00PM by PIB Delhi
आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत, भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि दो महीने अर्थात् मई और जून, 2020 के लिए 5 किलो प्रति माह की दर से मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीएस कार्ड के अंतर्गत नहीं आता है। इस योजना के क्रियान्वयन की कुल अनुमानित लागत लगभग 3,500 करोड़ रुपये है जिसका वहन पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, अखिल भारतीय स्तर पर खाद्यान्न का आवंटन 8 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) है।
इस योजना के अंतर्गत, खाद्यान्न का वितरण भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा पहले से ही शुरू किया जा चुका है। आज तमिलनाडु के लिए 1109 मीट्रिक टन चावल और केरल के लिए 151 मीट्रिक टन चावल निर्गत किया गया, जिससे संबंधित राज्य सरकारें पात्र प्रवासी श्रमिकों के लिए वितरण को आगे भी जारी रख सकें। इस योजना के अंतर्गत, देश भर में खाद्यान्न पहुंचाने के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं पहले ही की जा चुकी है और भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है। देश के किसी भी हिस्से की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, अंडमान और लक्षद्वीप के द्वीपों सहित, देश की लंबाई और चौड़ाई में विस्तृत रूप से फैले हुए 2,122 गोदामों में स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है। खपत वाले राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्यान्न के स्टॉक को रेल, सड़क और समुद्री मार्गों के माध्यम से उत्पादक क्षेत्रों से उत्पादन की आवाजाही करके नियमित रूप से मंगाया जा रहा है।
एएम/एके-
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