रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 11 फरवरी 2020 को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल 2020 से चिकित्सा उपकरणों को दवाओं के रूप में अधिसूचित किया गया है, जो औषध (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत शासित किए जाएंगे

Posted On: 31 MAR 2020 8:04PM by PIB Delhi

सरकार द्वारा 24 श्रेणियों के चिकित्सा उपकरणों को विनियमित किया जा रहा है, जिन्हें ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1945 के अंतर्गत औषधियों के रूप में अधिसूचित/ विनियमित किया गया है। उपरोक्त में से 4 चिकित्सा उपकरणों जैसे (i) कार्डियक स्टेंट (ii) ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट (iii) कंडोम और (iv) गर्भनिरोधक उपकरण (सीयू-टी) सूचीबद्ध चिकित्सा उपकरण हैं, जिनके लिए अधिकतम मूल्य तय कर दिया गया है। ये 4 चिकित्सा उपकरण मूल्य नियंत्रण के अंतर्गत आते हैं। शेष गैर- सूचीबद्ध चिकित्सा उपकरणों के संबंध में, जिन्हें औषधियों के रूप में अधिसूचित/विनियमित किया जाता है, एनपीपीए द्वारा वर्तमान समय में डीपीसीओ, 2013 के पैरा 20 के अंतर्गत अधिकतम खुदरा मूल्यों (एमआरपी) की निगरानी की जा  रही  है, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी निर्माता/ आयातक इसके मूल्य में बारह महीनों से पहले दस प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि न कर सके।

एनपीपीए द्वारा 11 फरवरी, 2020 की अधिसूचना संख्या एसओ 648 (ई) के अनुपालन में दिनांक 31 मार्च, 2020 को अधिसूचना जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि सभी चिकित्सा उपकरणों को औषध (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 (डीपीसीओ) के प्रावधानों के अतर्गत नियंत्रित किया जाएगा, जो कि 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होगा।

इस प्रकार, 1 अप्रैल, 2020 से, सभी चिकित्सा उपकरणों को गुणवत्ता नियंत्रण और मूल्य निगरानी के लिए सरकार द्वारा औषधियों के रूप में विनियमित किया जाएगा। इसलिए, सभी मेडिकल उपकरणों के अधिकतम खुदरा मुल्यों (एमआरपी) की निगरानी डीपीसीओ, 2013 के पैरा 20 (1) के प्रावधानों के अंतर्गत सरकार द्वारा की जाएंगी, जिससे यह  सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी निर्माता/ आयातक किसी भी दवा के एमआरपी को बारह महीने से पहले दस प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ा सके। जहां पर अधिकतम खुदरा मूल्य में वृद्धि दस प्रतिशत से ज्यादा है, वहां पर अगले बारह महीनों के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य को दस प्रतिशत के स्तर से कम कर दिया जाएगा।

इसके अलावा, डीपीसीओ, 2013 के पैरा 20 (2) के अनुसार आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के साथ पढ़ा जाए कि, निर्माता/ आयातक जुर्माना के अलावा, मूल्य में वृद्धि की तारीख से ब्याज अदायगी के साथ-साथ ज्यादा वसूल की गई राशि को भी जमा करने के लिए उत्तरदायी होंगे।

राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण, औषध विभाग

रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार

31 मार्च, 2020 नई दिल्ली

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एम/एके-



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