सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा 2019 : सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण और उनके कल्याण के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 पारित
शराब और मादक द्रव्यों (नशीले पदार्थ)की रोकथाम योजना के अंतर्गत 498247व्यक्ति लाभान्वित
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग नेसुगम्य भारत अभियान की प्रभावी निगरानी के लिए हितधारकों के लिए एमआईएस पोर्टल विकसित किया
दिव्यांगजन खिलाडि़यों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ग्वालियर में दिव्यांग खेल केन्द्र की स्थापना
Posted On:
26 DEC 2019 11:48AM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की कल्पना एक समावेशी समाज का निर्माण करना है जिसमें लक्षित समूहों के सदस्य अपनी वृद्धि और विकास के लिए पर्याप्त समर्थन के साथ उपयोगी, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। इसका लक्ष्य, जहाँ भी आवश्यक हो, शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक विकास और पुनर्वास के कार्यक्रमों के माध्यम से अपने लक्षित समूहों को सहायता देना और सशक्त बनाना है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग का उद्देश्य (i) अनुसूचित जाति (ii) अन्य पिछड़ा वर्ग (iii) वरिष्ठ नागरिकों (iv) शराब और मादक द्रव्यों के सेवन का शिकार व्यक्तियों (v) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (vi) भिखारियों (vii) विमुक्त और खानाबदोशों (डीएनटी)(viii) आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) और (ix) आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) सहित समाज के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से अधिकारहीन वर्ग को सशक्त बनाना है।
1. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण और उनके कल्याण के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 संसद द्वारा पारित
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 संसद ने पारित कर दिया और 5 दिसम्बर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। राज्य सभा ने इसे 26 नवम्बर 2019 को पारित किया और 17वीं लोक सभा इसे 5 अगस्त 2019 को पारित कर चुकी थी। अधिनियम में अंतर्निहित सिद्धांतों की पुष्टि के लिए यह अधिनियम सभी हितधारकों को उत्तरदायी और जवाबदेह बनाएगा। यह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित मुद्दों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों /संघ शासित प्रदेशों के प्रशासन को और अधिक जवाबदेह बनाएगा।विधेयक से बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लाभ मिलेगा, इससे हाशिए पर कर दिए गए इन लोगोंपर लगे लांछन, भेदभाव और इनके खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहार को कम किया जा सकेगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सकेगा। यह अधिक समावेशिता की ओर ले जाएगा और ट्रांसजेंडर समाज के उपयोगी सदस्य बन सकेंगे।
- प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों और संस्थानों को वयोश्रेष्ठ सम्मान
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने ‘अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस’ के अवसर पर 03 अक्तूबर 2019 को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों और संस्थानों को वयोश्रेष्ठ सम्मान-2019 प्रदान किए। यह सम्मान वरिष्ठ व्यक्तियों के कल्याण के लिए उनकी सेवाओं को पहचान प्रदान करने के लिए दिए जाते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों का अनुभव ज्ञान का भंडार है। प्रतिष्ठित वयोश्रेष्ठ सम्मान की शुरूआत वर्ष 2005 में की गई थी और वर्ष 2013 में इसे राष्ट्रीय पुरस्कारों का दर्जा दे दिया गया। राष्ट्रीय पुरस्कार 13 विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं। 2014-15 से मंत्रालय देश भर में वृद्धाश्रमों के रखरखाव के लिए 1595 एनजीओ को 190.62 करोड़ रूपये दे चुका है।
- भारत में मादक पदार्थों के सेवन के प्रसार और आकार पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नेराष्ट्रीय मादक पदार्थ निर्भरता उपचार केन्द्र (एनडीडीटीसी),एम्स नई दिल्ली को भारत में मादक पदार्थों के सेवन के प्रसार और आकार पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराने का काम सौंपा, जो पूरा हो चुका है। वर्ष 2018-25 के लिए नशीले पदार्थों की मांग में कमी (एनएपीडीडीआर) की राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार किया गया और इसे लागू किया गया, जिसका उद्देश्य प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिजनों को शिक्षा, नशा-मुक्ति और पुनर्वास को शामिल करके बहुविध रणनीति के जरिये नशीले पदार्थों के सेवन के प्रतिकूल परिणामों में कमी लाना है। वर्ष 2014-15 से योजना के अंतर्गत लाभान्वितों की कुल संख्या 4,98,247 है।
4. अनुसंधान और दलित उद्यमिता के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सशक्त बनाने के लिए डीएआईसी और डीआईसीसीआई के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत की मौजूदगी में डाक्टर अम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र (डीएआईसी) तथा दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (डीआईसीसीआई) के बीच 20 जून 2019 को नयी दिल्ली में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं और युवाओं में दलित उद्यमिता पर अनुसंधान, सशक्तिकरण, कौशल विकास, क्षमता निर्माण, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों पर सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रभाव और अन्य विषयों के जरिये अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सशक्त बनाना है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का सशक्तिकरण
· डॉ. अम्बेडकर पीठ योजना का उद्देश्य बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और छात्रों को अध्ययन के लिए अच्छी तरह से वित्त पोषित केन्द्र प्रदान करना है ताकि वे डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की कल्पना और विचारों को समझने और प्रसारित करने के इरादे से अध्ययन और अनुसंधान कर सकें।
· सामाजिक एकता के लिए डॉ. अंबेडकर योजना अंतर-जातीय विवाह के माध्यम से नवविवाहित जोड़े द्वारा सामाजिक रूप से एक साहसिक कदम उठाने की सराहना करने और इस जोड़े को वित्तीय प्रोत्साहन देने के लिए हैताकि वह अपने विवाहित जीवन के आरंभिक में अपना घर बसा सकें।
डा. अम्बेडकर फाउंडेशन राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता योजना स्कूलों / कॉलेजों/ विश्वविद्यालयों/ संस्थानों के छात्रों को सामाजिक मुद्दों पर लेखन के लिए प्रोत्सहित करने और सामाजिक न्याय, छुआछूत, जाति आधारित पूर्वाग्रहों को समाप्त करने, असमानता और भेदभाव खत्म करने, सामाजिक लोकतंत्र, राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने जैसे मूलभूत सामाजिक मुद्दों पर डा. अम्बेडकर के विचारों में उनकी दिलचस्पी पैदा करने के लिए है।
- मादक पदार्थों के खिलाफ 17वीं दौड़
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने ‘अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस’ के अवसर पर 26 जून 2019 को ‘मादक पदार्थों के खिलाफ 17वीं दौड़’ में हिस्सा लिया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय वर्ष 2014-15 से अब तकशराब और मादक द्रव्यों (नशीले पदार्थ) की रोकथाम की केन्द्रीय क्षेत्र की योजना के लिए 210.68 करोड़ रूपये की राशि जारी कर चुका है। योजना के अंतर्गत कुल लाभान्वितों की संख्या 4,98,247 है और 2014-15 से अब तक मंत्रालय देश भर के 1082 एनजीओ की 1777 परियोजनाओं के लिए सहायता दे चुका है।
दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्लयूडी)
दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से नीतिगत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और कार्य प्रणाली पर सार्थक जोर देने के लिए डीईपीडब्ल्यूडीका गठन किया गया था। यह विभिन्न हितधारकों : संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों, राज्य / संघ शासित प्रदेशों, गैर सरकारी संगठनों, एनजीओ आदि के बीच प्रभावी नजदीकी सम्न्वय कायम करने सहित दिव्यांगता और दिव्यांग व्यक्तियों से जुड़े मामलों के लिए एक प्रमुख एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
इसकी संकल्पना एक समावेशी समाज का निर्माण करना है जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों की वृद्धि और विकास के लिए पर्याप्त समर्थन के साथ उपयोगी, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।इसका मिशन अपने विभिन्न अधिनियमों / संस्थानों/ संगठनों और योजनाओं के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों को अधिकार सम्पन्न बनाना और एक ऐसा वातावरण बनाना है जो ऐसे व्यक्तियों को समान अवसर, उनके अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करता है और उन्हें समाज के स्वतंत्र और उपयोगी सदस्यों के रूप में भाग लेने में सक्षम बनाता है।
डीईपीडब्ल्यूडी की उपलब्धियां
- मंत्रिमंडल ने मध्यप्रदेश सोसाइटी पंजीकरण कानून, 1973 के तहत 28 मई 2019 को मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के सीहोर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य एक एकीकृत बहु-विषयक दृष्टिकोण का उपयोग करके मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास को बढ़ावा देना और मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास के क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवर विकसित करना है। इसे मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित 25 एकड़ भूमि के एक टुकड़े पर मध्य प्रदेश में भोपाल-सीहोर राजमार्ग पर स्थापित किया जा रहा है। स्थायी जगह का लंबित निर्माण, एनआईएमएचआर ने पुराना जिला पंचायत भवन, सीहोर में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किए गए एक अस्थायी आवास से 30.09.2019 से काम करना शुरू कर दिया है। यह पुनर्वास और नैदानिकसेवाएं प्रदान कर रहा है और देखभाल प्रदान करने के बारे में (सीसीसीजी) सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाता है। सीपीडब्ल्यूडी ने प्राथमिकता / ईपीसी मोड पर भवन निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की है और बोलियों का मूल्यांकन किया जा रहा है।
- अक्षम व्यक्तियों की स्थिति और अक्षम व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के कार्यान्वयन (यूएनसीआरपीडी) पर भारत की पहली कंट्री रिपोर्ट नवंबर, 2015 में प्रस्तुत की गई थी जिसे कुछ सिफारिशों के साथ संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष 03 सितंबर को सफलतापूर्वक स्वीकार कर लिया।
- सरकार ने दुनिया के अग्रणी देशों के तरह दिव्यांग खिलाड़ियों को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करने के लिए ग्वालियर, मध्य प्रदेश में दिव्यांग खेल केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दी है। केन्द्र की स्थापना का कार्य आदेश सीपीडब्ल्यूडी को जारी किया गया है। परियोजना के कार्यान्वयन और समग्र पर्यवेक्षण की निगरानी के लिए विभाग ने 28.08.2019 को एक परियोजना निगरानी समिति और एक शासी निकाय का गठन किया है।
- एक सांस्कृतिक कार्यक्रम "दिव्य कला शक्ति: दिव्यांगता में प्रतिभा के दर्शन" का आयोजन 23 जुलाई, 2019 को किया गया था। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों के दिव्यांग बच्चों और युवाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसका आयोजन भारत के माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय उपराष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधान मंत्री, लोकसभा के माननीय अध्यक्ष, मंत्रिपरिषद और संसद के दोनों सदनों के सदस्यों की उपस्थिति में किया गया था।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्ति सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीएमडी) के विस्तार केन्द्र में सुधार कर उसे 19 जून 2019 को समग्र क्षेत्रीय केन्द्र में बदल दिया गया।
- दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने सुगम्य भारत अभियान की प्रभावी निगरानी के लिए हितधारकों के लिए एमआईएस पोर्टल विकसित कियाहै। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने 18.09.2019 को एमआईएस पोर्टल की शुरूआत की। एमआईएस पोर्टल एआईसी के प्रत्येक लक्ष्य के विरुद्ध की गई प्रगति की निगरानी के लिए सभी केन्द्रीय मंत्रालयों और राज्यों / संघ शासित प्रदेशों को एक मंच पर लाएगा। पोर्टल डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सभी कार्यों को जारी रखने और वास्तविक समय के आधार पर आंकड़ों को अधिकृत करने के लिए उपयोगी होगा।
- डीईपीडब्ल्यूडी सचिव ने जिनीवा में सीपीआरडी पर संयुक्त राष्ट्र समिति के 22वें सत्र (09 सितम्बर 2019) में भाग लिया। भारत दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीपीआरडी) का एक हस्ताक्षरकर्ता है। इसने सम्मेलन के अनुच्छेद 35 का पालन करते हुए 01.10.2007 को इस सम्मेलन की पुष्टि की। भारत ने नवंबर 2015 में भारत में विकलांगता की स्थिति पर अपनी पहली कंट्री रिपोर्ट प्रस्तुत की। सीपीआरडी पर संयुक्त राष्ट्र समिति ने यूएनएचआरसी, जिनीवा में अपने 22वें सत्र में भारत की पहली कंट्री रिपोर्ट को 2 और 3 सितंबर 2019 को विचार के लिए रखा।
- डीईपीडब्ल्यूडी ने 10 अक्टूबर, 2019 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया। विभाग ने अपने विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों की मदद से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सप्ताह के दौरान अनेक कार्यक्रम आयोजित किए। इसमें मानसिक विभाग से पीडि़त व्यक्ति की बीमारी बढ़ने से रोकने के लिए शुरूआती संकेतों की पहचान करना और मानसिक रोगियों के सफल इलाज के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करना शामिल है।
- उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने अंतर्राष्ट्रीय अक्षमता दिवस (3 दिसंबर, 2019) पर दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने की दिशा में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य/जिला आदि को उनकी शानदार उपलब्धियों और निशक्तजनों को सशक्त बनाने की दिशा में किए गए कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, श्री रामदास अठावले और श्री रतनलाल कटारिया भी मौजूद थे। The Vice
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