वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

भारत इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार करने वाले शीर्ष दस देशों में शामिल; 190 देशों में भारत 63वें स्थान पर स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत 21,778 स्टार्टअप को मान्यता दी गई


वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत 52वें स्थान पर

निर्विकः निर्यातकों के लिए नई ऋण योजना की घोषणा; निर्यात प्रोत्साहन के लिए ईसीजीसी में धन पोषण

राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड स्थापित

Posted On: 16 DEC 2019 6:30PM by PIB Delhi

भारत ने विश्व बैंक की व्यावसायिक सुगम्यता (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) रिपोर्ट 2020 में शानदार छलांग लगाई

भारत 14 रैंकों की छलांग लगाते हुए 190 देशों में 63वें रैंक पर पहुंच गया है। 2019 में भारत का स्थान 77वां था। भारत ने 10 में से 7 संकेतकों में सुधार किया है और अंतर्राष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यवहारों के निकट पहुंच गया है। विश्व बैंक की 2020 की रिपोर्ट में भारत को व्यावसायिक सुगम्यता में सुधार करने वाले 10 शीर्ष देशों में माना गया है और भारत ने यह सुधार लगातार तीसरी बार किया है। तीन वर्षों में भारत ने 67 रैंकों की सुधार की है। 2011 से लेकर अभी तक किसी बड़े देश द्वारा लगाई गई यह सबसे ऊंची छलांग है।

 

 

स्टार्टअप इंडिया – नई ऊंचाई पर, भारत को नवाचार में वैश्विक नेतृत्व दिया   

स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 21,778 स्टार्टअप को मान्यता दी गई है। इनमें से 2,912 स्टार्टअप को एक जून, 2019 से मान्यता मिली है।

स्टार्टअप इंडिया हब में पंजीकृत यूजरों की संख्या 3,42,614 है। इसमें 21,540 यूजर्स एक जून, 2019 से जोड़े गए हैं। एक अगस्त, 2019 को आयकर कानून के अनुच्छेद 54जीबी में किए गए संशोधन के साथ स्टार्टअप में न्यूनतम 50 प्रतिशत शेयर पूंजी रखने या वोटिंग राइट की शर्त में छूट देकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।

 

वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में भारत ने शानदार छलांग लगाई

जीआईआई की 2019 की रिपोर्ट में भारत 52वें स्थान पर पहुंच गया है। 2015 में भारत की रैंकिंग 81 थी। इस तरह भारत ने पिछले चार वर्षों में अपनी रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया है। भारत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) लॉन्च करने वाला पहला विकासशील देश बन गया है।

 

 

नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:

अंतिम पेटेंट (संशोधन) नियम, 2019 – पेटेंट नियम, 2003 को संशोधित करने वाले ये नियम 17 सितंबर, 2019 को प्रकाशित हुए। इससे नियम सरल बने हैं, विशेषकर स्टार्टअप तथा एमएसएमई के लिए।

 

पेटेंट (दूसरा संशोधन) नियम, 2019 से पेटेंट अधिनियम, 1970 के विभिन्न अनुच्छेदों के अंतर्गत छोटे उद्यम/एमएसएमई के लिए पेटेंट आवेदनों की प्रोसेसिंग फीस में कमी आएगी और अधिक पेटेंट के लिए आवेदन करने में एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा।

 

निर्यात प्रोत्साहन के लिए वाणिज्य विभाग ने अनेक कदम उठाए हैं:

निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) ने निर्यातकों के लिए नई निर्यात ऋण बीमा योजना (ईसीआईएस) लागू किया है। इसे निर्विक नाम दिया गया है। इस योजना के तहत निर्यात ऋण के लिए बैंकों द्वारा बीमा कवरेज बढ़ाया गया है। यह कवरेज मूलधन और ब्याज दोनों के लिए वर्तमान 60 प्रतिशत के औसत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया गया है।

80 करोड़ रुपये से नीचे के खातों में प्रीमियम दरें प्रतिवर्ष 0.60 होंगी और 80 करोड़ रुपये से ऊपर के खातों में समान बढ़े हुए कवरेज के लिए प्रीमियम दर प्रतिवर्ष 0.72 होगी। इस पर प्रतिवर्ष 1,700 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे बैंकों को सहजता मिलेगी और पूंजी राहत, कम प्रावधान आवश्यकता और दावों के त्वरित समाधान से तरलता के कारण ऋण लागत में कमी आएगी और एमएसएमई के लिए पर्याप्त कार्यशील पूंजी और राहत सुनिश्चित होगा।

व्यावसायिक सुगम्यता बढ़ाने के लिए ड्रॉबैक शेड्यूल की सभी उद्योग दर पर डीम्ड निर्यात ड्रॉबैक की अनुमति दी गई है।

विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए परिवहन और विपणन सहायता (टीएमए) योजना के अंतर्गत आवेदन दाखिल करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है।

पारदर्शिता के माध्यम से ईसीजीसी के साथ निर्यातकों के दावों को सुगम बनाना

      ईसीजीसी द्वारा सभी लंबित दावों के लिए एक डाटाबेस तैयार किया गया है और दावों की स्थिति पर ऑनलाइन एक्सेस प्रदान किया गया है। यह निर्यातकों को सूचना प्रदान करने का महत्वपूर्ण साधन होगा।

ऑनलाइन ओरिजिन प्रबंधन प्रणाली सभी निर्यातकों को सभी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) वरीयता व्यापार समझौतों (पीटीए) तथा सभी एजेंसियों के लिए एकल एक्सेस प्वाइंट प्रदान करती है। भारत के 15 एफटीए/पीटीए हैं और प्रत्येक वर्ष सात लाख सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन जारी किया जाता है। संबद्ध साझेदार देशों की सहमति के अनुसार एफटीए के लिए प्लेटफॉर्म को लाइव बनाया जाएगा। यह प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक, कागज रहित और पारदर्शी है। इसमें उत्पाद स्तर और देश स्तर पर एफटीए के उपयोग की रियल टाइम निगरानी होगी।  इससे कारोबारी लागत और समय में कमी आएगी।

भारत से वर्तमान मर्चेन्डाइज निर्यात (एमईआईएस) योजना के स्थान पर शुल्क छूट या निर्यात उत्पाद पर कर (आरओडीटीईपी) योजना लाई गई। यह निर्यात को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यूटीओ परिपालन योजना होगी। एमईआईएस के ऊपर 2 प्रतिशत तक प्रोत्साहन पाने वाले वस्त्र तथा सभी अन्य क्षेत्र 01-01-2020 से आरओडीटीईपी के अंतर्गत आ जाएंगे। आरओडीटीईपी सभी क्षेत्रों को कवर करेगी और पूर्व निश्चित राजस्व 50,000 करोड़ रुपये के लगभग होगा।

निर्यात समर्थन के लिए धन पोषण

21 जून, 2019 को निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) में 389 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई गई है। इससे अफ्रीका, सीआईएस, लैटिन अमेरिका तथा एशियाई देशों जैसे उभरते और चुनौतिपूर्ण बाजारों के लिए निर्यातकों को अतिरिक्त समर्थम मिलेगा।

21 जून, 2019 को राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) को 300 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता दी गई। इस तरह चुनौतिपूर्ण बाजारों में निर्यात परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए इसकी जोखिम क्षमता बढ़ेगी।

रत्न और आभूषण निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न विषयों का समाधान किया गया। इन विषयों में वस्तुओं के पुनःआयात पर आईजीएसटी भुगतान की आवश्यकता समाप्त की गई। पहले इन वस्तुओं का प्रदर्शनी उद्देश्य/भेजे गए माल आधार पर निर्यात किया जाता था। आभूषण निर्यातकों को सप्लाई किए जाने वाले सोने के आयात के लिए नामित एजेंसियों/बैंकों द्वारा लागू बांडों के आंशिक निष्पादन की अनुमति दी गई, जिससे अपने निर्यात दायित्व पूरा करने वाले आभूषण निर्यातकों की बैंक गारंटी जारी करने में नामित एजेंसियां और बैंक सक्षम होंगे। इससे अवरोधित कार्यशील पूंजी जारी करने में मदद मिली है।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति, 2019

कुल लॉजिस्टिक्स लागत को देश के जीडीपी के 14 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत पर लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति तैयार की जा रही है। नीति का उद्देश्य व्यवसाय स्पर्धा को प्रोत्साहित करना, आर्थिक विकास में तेजी लाना और भारत को वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब बनाना है।

बहु-मॉडल वस्तु परिवहन विधेयक, 2019 को मंजूरी के लिए अंतिम रूप दे दिया गया है। विधेयक का उद्देश्य निर्यात, आयात और घरेलू व्यापार के लिए वस्तुओं की आवाजाही में सहायता देना है। इससे दायित्व निर्धारित करने और इसके प्रावधानों के उल्लंघन के लिए देनदारियां तय करने में मदद मिलेगी।

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए कौशल विकास

      लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में काम कर रही कौशल विकास मानवशक्ति के लिए 34 क्वालीफिकेशन पैक्स लॉजिस्टिक्स कौशल परिषद के सहयोग से विकसित किए गए हैं और इन्हें अंतिम रूप दिया गया है। पहली बार इस तरह के क्वालीफिकेशन पैक्स विकसित किए गए हैं।

कृषि निर्यात नीति को लागू करना

      वर्ष 2019-20 के लिए 206 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दी गई है। एफपीओ तथा निर्यातकों के बीच संपर्क स्थापित करने के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) द्वारा एक पोर्टल बनाया गया है। किसान कनेक्ट पोर्टल के अंतर्गत लगभग 740 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को पंजीकृत किया गया है।

पिछड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं

      जीएसटी व्यवस्था में सिक्किम सहित जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा पूर्वोत्तर राज्यों में लगाई गई इकाइयों को बजटीय समर्थन दिया गया है। पात्र औद्योगिक इकाइयों में वितरित करने के लिए औद्योगिक और आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 1,700 करोड़ रुपये केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को प्राधिकृत किया गया है। 15 नवंबर, 2019 तक सीबीआईसी द्वारा 1,692 करोड़ रुपये बांटे गए हैं। पिछले छह महीनों में हिमालय राज्यों के लिए विशेष पैकेज के अंतर्गत 420 औद्योगिक इकाइयों को 86 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

घरेलू उद्योग तथा किसानों के लिए बराबरी का स्तर सुनिश्चित करना

      वर्ष 2019 में (01 नवंबर तक) डम्पिंग रोधी मामलों में जांच प्रारंभ करने में लगने वाले दिन घटकर 32 हो गए हैं। 2016 में जांच प्रारंभ करने में 259 दिन लगते थे।

      ट्रेड रेमेडिज महानिदेशक (डीजीटीआर) ने घरेलू उद्योग को क्षति से बचाने के लिए द्विपक्षीय सुरक्षा के दो मामले पहली बार प्रारंभ किए। इससे पहले डीजी सुरक्षा/डम्पिंग रोधी तथा संबद्ध शुल्कों के महानिदेशक द्वारा कोई द्विपक्षीय सुरक्षा प्रारंभ नहीं की गई थी। वैश्विक सुरक्षा के दो मामलों में कार्रवाई प्रारंभ करने के दिनों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। अब कार्रवाई प्रारंभ करने में मात्र 61 दिन लगते हैं, पहले 75 दिन लगते थे।

 

 

एफटीए में भारतीय उद्योग तथा किसानों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) में सफलतापूर्वक अपना दृष्टिकोण रखा। भारत की चिंताएं दूर नहीं की गईं। भारत ने घरेलू उत्पादकों के हित की रक्षा के लिए कठोर रूख अपनाया। इस निर्णय से किसानों तथा डेयरी क्षेत्र और छोटे निर्माताओं सहित कमजोर क्षेत्रों को मदद मिलेगी। इन क्षेत्रों को आरसीईपी नियमों से खतरा उत्पन्न हो सकता था।

 

आसियान एफटीए (आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र – एआईएफटीए) की समीक्षा के लिए भारत ने समझौता सुरक्षित किया। इससे भारतीय उत्पादकों और निर्यातकों को प्रभावित करने वाले नियम समाप्त होंगे और भारतीय निर्यात तथा मेक-इन-इंडिया को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

 

इस्पात आयात निगरानी प्रणाली (एसआईएमएस)

      एसआईएमएस प्रभावी नीति कार्यक्रम के लिए सरकार, इस्पात उद्योग तथा इस्पात आयातकों सहित सभी हितधारकों को इस्पात आयात के बारे में अग्रिम सूचना प्रदान करने में सहायक होगी। विशिष्ट इस्पात उत्पादों के आयातक एसआईएमएस पोर्टल पर आवश्यक सूचना प्रदान करके अग्रिम रूप से अपना पंजीकरण कराएंगे। पंजीकरण ऑनलाइन और स्वचालित होगा और कोई मानव हस्ताक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी।

      एसआईएमएस 01 नवंबर, 2019 से अधिसूचित की गई है।

 

व्यापार सहायता उपाय

      भारत-मॉरीशस आर्थिक सहयोग तथा साझेदारी समझौता (सीईसीपीए) पर वार्ता समाप्त होने से दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

 

बंगलादेश के साथ व्यापार में सुधार – त्रिपुरा और मेघालय में भारत-बंगलादेश सीमा पर चालू बोर्डर हाट के अतिरिक्त, मेघालय में तीन बोर्डर हाट बनाए जा रहे हैं। छह चिन्हित स्थानों में (त्रिपुरा में दो तथा मेघालय में चार) पूरे कर लिए गए हैं।

 

व्यापार और विकास परिषद तथा व्यापार बोर्ड का विलयः हितधारकों की चिंताओं के समाधान के लिए साझा प्लेटफॉर्म

      यह साझा प्लेटफॉर्म निर्यात संबंधित चिंताओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं के समाधान पर फोकस कर रहा है। इस साझा प्लेटफॉर्म की पहली बैठक 6 जून, 2019 को हुई। इस साझा प्लेटफॉर्म में उद्योग, निर्यात संवर्धन परिषदों, भारत सरकार तथा राज्य सरकारों तथा बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के प्रतिनिधि होंगे।

 

विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) विधेयक, 2019; नवगठित सरकार द्वारा पारित पहला विधेयक

      एसईजेड (संशोधन) विधेयक, 2019 संसद द्वारा पारित नवगठित सरकार का पहला विधेयक बना। इससे ट्रस्ट सहित किसी भी प्रतिष्ठान को एसईजेड में इकाई स्थापित करने में मदद मिलेगी। इससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और नये निर्यात और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

      इस वर्ष के प्रारंभ में अध्यादेश लागू किए जाने के बाद से 1.1 बिलियन डॉलर का निवेश प्रस्ताव किया गया है।

 

कर्मचारियों के लिए बेहतर सुविधाएं: व्यावसायिक सुगम्यता की दिशा में उठाए गए कदम के रूप में एसईजेड इकाइयों ने क्रेच, जिम्नाजियम, कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं बनाने की अनुमति दी।

 

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्रोत्साहन

      संबद्ध प्रोसेसिंग अवसंरचना सहित कोयला खनन गतिविधियों के लिए ऑटोमेटिक मार्ग के अंतर्गत 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी गई है।

 

संविदा मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमेटिक मार्ग के अंतर्गत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है।

 

एकल ब्रांड खुदरा व्यापार (एसबीआरटी) प्रतिष्ठानों को संचालन सुगम्यता प्रदान करना। भारत से की गई सभी खरीदारी स्थानीय सोर्सिंग में गिनी जाएगी, भले ही वस्तुएं भारत में बेची जाती हों या निर्यात की जाती हों। पारम्परिक व्यावसाय प्रारंभ करने से दो वर्ष तक ऑनलाइन खुदरा व्यापार की अनुमति।

 

सरकारी खरीद में मेक-इन-इंडिया को प्रोत्साहन

      स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को समर्थन देने के लिए प्रगतिशील संशोधन किए गए हैं। 50 लाख रुपये तक की खरीद स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए (कुछ मामलों में छोड़कर) आरक्षित की गई है। जहां पर्याप्त स्थानीय क्षमता और स्थानीय स्पर्धा है, वहां चाहे खरीद मूल्य कुछ भी हो, केवल स्थानीय आपूर्तिकर्ता खरीद के लिए बोली लगाने के पात्र हैं।

 

साइकिल उद्योग के लाभ के लिए साइकिल विकास परिषद का गठन

      भारत का साइकिल उद्योग विश्व का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल उद्योग है। साइकिल उद्योग तथा छोटे पुर्जे बनाने वाले निर्माताओं को वैश्विक मानक विकसित करने में सहायता के लिए साइकिल विकास परिषद का गठन किया गया है।

 

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (संशोधन) अधिनियम, 2019

      6 अगस्त, 2019 को राज्यसभा में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) संशोधन अधिनियम प्रस्तुत किया गया। इसका उद्देश्य चार एनआईडी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देना था। राज्यसभा ने विधेयक पारित कर दिया है। इसे आगामी सत्र में लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। एनआईडी अहमदाबाद की तर्ज पर आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम और हरियाणा के चार नये एनआईडी को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया जाएगा। 29 जुलाई, 2019 से एनआईडी मध्य प्रदेश तथा एनआईडी असम में अकादमिक सत्र 2019-20 प्रारंभ हो गया है।

 

राष्ट्रीय व्यापार कल्याण बोर्ड की स्थापना (26 जुलाई, 2019)

      बोर्ड के गठन के साथ व्यापारियों की पुरानी मांग पूरी की गई है। इसका उद्देश्य व्यापारियों और कर्मचारियों द्वारा दैनिक व्यवसाय संचालन और उनके कल्याण से संबंधित समस्याओं को समझना है। बोर्ड में व्यापार संगठनों के सदस्य प्रतिनिधि होंगे।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एजी/एमएस-4808



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