प्रधानमंत्री कार्यालय
आकांक्षी जिलों में युवा अधिकारियों को तैनात करें; आकांक्षी जिलों को राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने ‘प्रगति’ के माध्यम से किया संवाद
कृषि उत्पादों के लिए लॉजिस्टिक सेवाओं का ई-मॉडल विकसित करने के लिए परिवहन और कृषि मंत्रालयों को मिलकर काम करना चाहिए : प्रधानमंत्री
पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कृषि मंत्रालय पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर उपकरण वितरित करेगा : प्रधानमंत्री
Posted On:
06 NOV 2019 7:11PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 'प्रो एक्टिव गर्वनेंस एंड टाइमली इम्पलिमेंटेशन'(प्रगति) की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की।
प्रगति की पिछली बैठक में 17 क्षेत्रों (22 विषयों) से जुड़े 12.15 लाख करोड़ लागत की कुल 265 परियोजनाओं से जुड़े 47 कार्यक्रमों/योजनाओं और शिकायतों की समीक्षा की गई थी।
प्रगति की आज की बैठक में केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और 16 राज्यों की 61 करोड़ रुपये की लागत वाली 9 परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इसमें विदेशों में काम करने वाले भारतीयों की शिकायतों के साथ ही राष्ट्रीय कृषि बाजार और आकांक्षी जिले कार्यक्रम पर भी विचार-विमर्श किया गया।
आकांक्षाओं की पूर्ति -
बैठक में आकांक्षी जिले कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा के बारे में प्रधानमंत्री को 49 प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर बनाये गये डैशबोर्ड की जानकारी दी गई। इसके अनुसार पोषण की स्थिति के संकेतकों के बेहद धीमी गति से बढ़ने के बावजूद इसमें काफी प्रगति होने की बात कही गई। यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में खासी प्रगति देखने को मिली है।
प्रधानमंत्री ने प्रगति को राष्ट्र सेवा का काम बताते हुए शिक्षा,स्वास्थ्य और जनजातीय समुदाय के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने पिछड़े जिलों को राष्ट्रीय औसत के स्तर तक लाने के लिए समयसीमा तय करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि युवा अधिकारियों की नियुक्ति आकांक्षी जिलों में की जानी चाहिए।
कृषि और उससे संबंधित गतिविधियां-
प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय कृषि बाजार प्लेटफॉर्म में प्रगति के बारे में बताया गया, जिसने किसानों की अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य खोजने में मदद की है। ई-भुगतान अब सीधे किसानों के खाते में किया जा रहा है। जम्मू और कश्मीर में दो एकीकृत ई-मंडियों के विकास की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि मांग एग्रीगेशन के ई-मॉडल के आधार पर, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय को विशेष रूप से कृषि उत्पादों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जाने के लिए एक नए स्टार्ट-अप मॉडल पर एक साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी राज्यों को एक साथ आना होगा और सुचारू संचालन के लिए एक एकीकृत मंच का उपयोग करना होगा।
पराली जलाने के मुद्दे पर, प्रधानमंत्री ने कृषि मंत्रालय को उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपकरणों के वितरण में प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
आधारभूत संरचना सम्पर्क का विकास
प्रधानमंत्री ने कटरा-बनिहाल रेलवे लाइन सहित बुनियादी ढांचा सम्पर्क परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने परियोजना को अगले साल तक पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए।
उत्तर-पूर्व की कई परियोजनाओं जैसे आइजोल-तुईपांग राजमार्ग परियोजना को चौड़ा करने और उन्नयन पर भी चर्चा की गई। दिल्ली और मेरठ के बीच तेजी से और सुरक्षित संपर्क व्यवस्था के लिए, प्रधान मंत्री ने कहा कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को मई 2020 की संशोधित समय-सीमा में पूरा किया जाना चाहिए।
प्रधान मंत्री ने इच्छा जताई कि लंबे समय से लंबित परियोजनाओं को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तेजी से पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी परियोजनाओं की प्रगति की नियमित रिपोर्ट उनके कार्यालय को भेजी जाए।
ऊर्जा मांगों को पूरा करना
नवीकरणीय ऊर्जा के मोर्चे पर, प्रधानमंत्री ने 8 नवीकरणीय ऊर्जा संपन्न राज्यों तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम के निर्माण के बारे में चर्चा की। उन्होंने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया सहित नई परियोजनाओं को शुरू करने में सौर और पवन ऊर्जा कंपनियों के समक्ष आ रही कठिनाइयों के बारे में भी जानकारी ली।
.प्रधानमंत्री ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों को वेमागिरी ट्रांसमिशन सिस्टम को समय पर पूरा करने पर बधाई दी।
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आरकेमीणा/आरएनएम/एमएस/जीआरएस – 4089
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