सूचना और प्रसारण मंत्रालय

मुद्रा योजना से पुणे के 9 लाख युवा लाभान्वित हुए: केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर

Posted On: 14 SEP 2019 4:33PM by PIB Delhi

      केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और सूचना और प्रसारण मंत्री  श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुद्रा योजना से पुणे के 9 लाख युवाओं को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि भारतनेट, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना जैसी योजनाएं भी तेजी से प्रगति कर रही हैं। वह पुणे में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की पहली बैठक के बाद बोल रहे थे। इस बैठक आयोजन आज श्री जावड़ेकर की अध्यक्षता में हुई।

मंत्री ने कहा, दिशा की बैठकें योजनाओं की रणनीति बनाने और उनके  निष्पादन की निगरानी करने के लिए आयोजित की जाती हैं। मुद्रा योजना जिले में तेजी से प्रगति कर रही है और जिले के 9 लाख युवाओं को इसके तहत 8000 करोड़ रुपये के ऋण आवंटित किए जा चुके हैं। पुणे डिवीजन के 58 रेलवे स्टेशनों में से 46 को वाईफाई सुविधा से लैस किया गया है। 5 एस्केलेटर भी स्थापित किए गए हैं।

श्री जावड़ेकर ने कहा, बारामती के पासपोर्ट सेवा केंद्र ने अब तक 5000 पासपोर्ट वितरित किए हैं और आम लोगों का जीवन आसान बनाया है। 5 जिलों में 50 स्थानों पर पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। भारतनेट ने जिले के 790 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन दिए हैं और उनमें से 155  औसत 20 जीबी के दैनिक उपयोग के साथ वाईफाई सुविधा से लैस हैं। श्री जावड़ेकर ने कहा कि स्कूलों को खेल सामग्री प्रदान की जा रही है और स्कूलों में खेल के घंटे भी अनिवार्य किए जाएंगे।

मंत्री ने आगे कहा कि आयुष्मान योजना एवं अन्य योजनाओं सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पुणे में शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर, जन्म दर और मृत्यु दर को कम करने में सफल रही है। उन्होंने कहा, पुणे में अब तक 60,000 महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ योजना का लाभ मिला है। शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य भी हासिल कर लिया गया है और स्वच्छता में पुणे की रैंकिंग 10वें स्थान से उछलकर दूसरे स्थान पर पहुंच गई है। लोगों की भागीदारी के कारण आंगनवाड़ी भी तेजी से प्रगति कर रही हैं।

हिंदी दिवस के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए श्री जावड़ेकर ने सभी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की सरकार की नीति को दोहराया। उन्होंने स्थानीय भाषाओं के डर को मिटा दिया और इंटरनेट पर हिंदी के बढ़ते उपयोग का हवाला दिया। उन्होंने आगे कहा कि शायद ही किसी अन्य देश में ऐसी भाषाई विविधता देखी गई है।

इस अवसर पर सांसद श्री गिरीश बापट और श्रीमती सुप्रिया सुले भी उपस्थित थीं।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एसकेसी/एनके3029



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