स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा ने मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविर में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल की उपस्थिति में ‘लिवर स्वास्थ्य शपथ कार्यक्रम’ का नेतृत्व किया

श्री नड्डा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की खाने के तेल के इस्तेमाल में 10 प्रतिशत तक की कमी लाने व मोटापे से लड़ने के बारे में जागरूकता फैलाने की अपील को दोहराया

फैटी लीवर को रोका जा सकता है तथा स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है: श्री नड्डा

एफएसएसएआई तथा लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान के सहयोग से लिवर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।

Posted On: 21 APR 2025 12:05PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने विश्व लिवर दिवस 2025 के उपलक्ष्य में आज निर्माण भवन में मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविर में "लिवर स्वास्थ्य शपथ कार्यक्रम" का नेतृत्व किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुश्री पुण्य सलिला श्रीवास्तव, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल, लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) एसके सरीन, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सीईओ श्री जी. कमला वर्धन राव भी उपस्थित थे।

इस वर्ष विश्व लिवर दिवस का विषय ‘भोजन ही औषधि है’ जो पोषण और लिवर स्वास्थ्य के बीच महत्वपूर्ण संबंध पर जोर देता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लीवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन और ऊर्जा भंडारण जैसे आवश्यक कार्य करता है। अगर लीवर स्वस्थ नहीं है तो हमारा शरीर कई बीमारियों से प्रभावित होगा।

लिवर के स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि फैटी लिवर न केवल लिवर के कार्य को प्रभावित करता है, बल्कि हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और यहां तक ​​कि कैंसर के जोखिम को भी काफी हद तक बढ़ाता है। उन्होंने यह भी कहा कि फैटी लिवर को रोका जा सकता है और स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ खान-पान की आदतों को अपनाकर काफी हद तक इसे ठीक किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से खाना पकाने में तेल के इस्तेमाल को कम से कम 10 प्रतिशत तक कम करने की अपील की थी। ​​यह छोटा लेकिन शक्तिशाली कदम बेहतर लीवर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने और देश में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। श्री नड्डा ने सभी से ‘लीवर के स्वास्थ्य का ख्याल रखने, नियमित रूप से इसकी जांच करवाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने’ का संकल्प लेने का आह्वान किया।

शिविर में सभी प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर सही भोजन विकल्प चुनने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, खाद्य तेल का सेवन कम से कम 10 प्रतिशत कम करने तथा मोटापे से लड़ने के बारे में जागरूकता फैलाने की शपथ ली।

मंत्रालय ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) के साथ मिलकर मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए लिवर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इसमें आईएलबीएस की विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स और तकनीशियन शामिल बहु-विषयक टीम ने निम्नलिखित सेवाएं प्रदान कीं: नैदानिक ​​​​जांच (बीएमआई, कमर-कूल्हे का अनुपात और रक्तचाप); प्रयोगशाला परीक्षण (फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, लिवर फ़ंक्शन परीक्षण, लिपिड प्रोफ़ाइल, पूर्ण रक्त गणना, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच); फाइब्रोस्कैन; शरीर की संरचना का विश्लेषण और तेल व प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के सेवन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यक्तिगत पोषण परामर्श।

कार्यक्रम के तहत एफएसएसएआई ने एक प्रदर्शनी लगाई जिसमें मिलेट्स और लिवर अनुकूल आहार को प्रदर्शित किया गया, जो इस वर्ष की थीम ‘भोजन ही औषधि है’ के अनुरूप है।

मिलेट्स के पोषण मूल्य को दर्शाते हुए, स्टॉल में लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में उनके लाभों को प्रदर्शित किया गया। फाइबर समृद्ध आहार, एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट्स पित्त स्राव को बढ़ावा देने, सूजन को कम करने, लिपिड प्रोफाइल और पाचन में सुधार करने में सहायता करता है। ये सभी कारक लीवर के स्वास्थ्य से जुड़े हैं। दैनिक आहार में इनका समावेश लीवर विकारों को रोकने में मदद करता है जिसमें नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग भी शामिल है।

इसके साथ ही प्रदर्शनी में क्रूसिफेरस सब्जियों (जैसे ब्रोकोली और फूलगोभी), पत्तेदार साग, तैलीय मछली (ओमेगा-3 से भरपूर), नट्स और बीज, खट्टे फल और स्वस्थ वसा (जैसे जैतून का तेल) को भी बढ़ावा दिया गया, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने, विषहरण प्रक्रिया में मदद पहुंचाने और लीवर के समग्र कार्य-प्रणाली को बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं।

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