सूचना और प्रसारण मंत्रालय
काशी को रोशन करना
पवित्र शहर, स्मार्ट भविष्य
Posted On:
13 APR 2025 6:58PM by PIB Delhi
“भारत आज विकास और विरासत, दोनों को साथ-साथ आगे बढ़ा रहा है, हमारी काशी इसका सर्वोत्तम मॉडल बन रही है।”
~प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

काशी सिर्फ़ एक नगर नहीं है - यह एक जीवंत आत्मा है। यह गंगा की लहरों और अपने लोगों की शांत शक्ति के माध्यम सांस लेती है। यहां, प्राचीन पत्थर अतीत की कहानियां सुनाते हैं जबकि कांच के सामने वाली इमारतें कल के वादे को दर्शाती हैं। वह शहर जहां मणिकर्णिका घाट पर जीवन और मृत्यु का मिलन होता है, अब चौड़ी सड़कों, स्मार्ट लाइटिंग और आधुनिक गलियारों का स्वागत करता है। यह काशी की यात्रा है - जहां पवित्र और स्मार्ट एक साथ मौजूद हैं, संघर्ष में नहीं, बल्कि सद्भाव में। एक ऐसी जगह जहां हर गली एक कहानी रखती है और हर कदम आत्मा और संरचना के मिश्रण की ओर ले जाता है।
11 अप्रैल को, प्राचीन शहर काशी विकास के एक पल का गवाह बना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की लोकार्पण और शिलान्यास किया। यह विकास का उत्सव था - जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने सच्चा "विकास का उत्सव" कहा।

दस वर्ष पहले, वाराणसी से होकर यात्रा करने का मतलब था अंतहीन यातायात और धूल भरे चक्कर। आज, यह नगर उस कहानी को फिर से लिख रहा है। फुलवरिया फ़्लाईओवर और रिंग रोड जैसी परियोजनाएँ यातायात की समस्याओं को कम कर रही हैं, जिससे दैनिक यात्रियों और लाखों तीर्थयात्रियों का बहुमूल्य समय बच रहा है। जौनपुर, गाजीपुर, बलिया और मऊ जैसे जिलों के बीच यात्रा पहले से कहीं अधिक तेज़ और कनेक्टेड हो गई है।


प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी रिंग रोड और सारनाथ को जोड़ने वाले एक सड़क पुल, भिखारीपुर और मंडुआडीह में लंबे समय से प्रतीक्षित फ्लाईओवर और वाराणसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -31 पर 980 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली एक राजमार्ग अंडरपास सड़क सुरंग का भी शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं केवल कंक्रीट और स्टील की नहीं हैं; बल्कि ये दुनिया के लिए खुलते एक बढ़ते नगर की रीढ़ हैं।
जीवन को रोशन करने और नगर को रोशन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने काशी के विद्युत नेटवर्क को एक बड़ा प्रोत्साहन दिया। उन्होंने 400 केवी के दो और 220 केवी का एक उपकेंद्र का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं की लागत 1,045 करोड़ रुपये से अधिक की है। इसके अलावा चौकाघाट और गाजीपुर में 775 करोड़ रुपये की लागत से नए उपकेंद्रों का निर्माण हुआ है।

लेकिन असली शक्ति सिर्फ़ तारों में नहीं, बल्कि बुद्धि में निहित है। प्रधानमंत्री ने "सभी के लिए शिक्षा" के अपने दृष्टिकोण पर कायम रहते हुए, सीखने के नए दरवाज़े खोले। 356 पुस्तकालयों और 100 आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ ग्रामीण शिक्षा को प्रोत्साहन मिला। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 77 प्राथमिक विद्यालयों के पुनरुद्धार की नींव भी रखी।

पूर्वांचल में सबसे अधिक दिल को छू लेने वाले बदलावों में से एक बदलाव बनास डेयरी के माध्यम से आया है। इसने हज़ारों छोटे डेयरी किसानों को आत्मविश्वास से भरे उद्यमी बनने में सहायता की है। पशुपालक परिवारों को 105 करोड़ रुपये से अधिक बोनस वितरित किए गए - जिनमें से अधिकांश महिलाएँ थीं। ये महिलाएँ, जिन्हें अब गर्व से "लखपति दीदी" के नाम से जाना जाता है, वास्तविक सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट प्रतीक हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किसान क्रेडिट कार्ड, पशुओं के लिए नि:शुल्क टीकाकरण और राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं किस तरह किसानों की सहायता कर रही हैं। वे स्वस्थ पशुओं का पालन-पोषण कर रहे हैं और अपनी उपज के लिए बेहतर बाजार प्राप्त कर रहे हैं।

एक समय था जब पूर्वांचल के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा के लिए दूर-दूर तक यात्रा करनी पड़ती थी। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के लाखों परिवारों को नि:शुल्क उपचार मिला है और उनकी जान बच रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से बुज़ुर्ग नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड प्रदान किए- जिससे 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिल रही है।

काशी में विकास सिर्फ़ सड़कों और अस्पतालों तक सीमित नहीं है - यह सपनों के बारे में भी है। नए स्टेडियम और विश्व स्तरीय खेल परिसर के साथ, वाराणसी के युवा एथलीटों को अब वह मंच मिल रहा है जिसकी उन्हें चमकने के लिए आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को याद दिलाया कि अगर भारत 2036 ओलंपिक की मेज़बानी करना चाहता है, तो हमारे युवाओं को अपनी यात्रा अभी से शुरू करनी होगी - और काशी सुनिश्चित कर रही है कि वे इसके लिए तैयार हों।

तबले की लयबद्ध थाप से लेकर जरदोजी की जटिल डिजाइन तक, वाराणसी की समृद्ध संस्कृति अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर रही है। वाराणसी और आस-पास के जिलों के 30 से अधिक स्थानीय उत्पादों को अब प्रतिष्ठित जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग प्राप्त है, जिसमें प्रसिद्ध ठंडाई, लाल भरवां मिर्च, तिरंगा बर्फी और यहां तक कि जौनपुर की इमरती और पीलीभीत की बांसुरी भी शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एकता मॉल के निर्माण की भी घोषणा की, जहां पूरे भारत के विविध शिल्प और उत्पादों को एक ही छत के नीचे -यहीं काशी में प्रदर्शित किया जाएगा।
वाराणसी परंपरा और परिवर्तन के चौराहे पर खड़ा है, यह शहर एक सरल सत्य साबित करता है: विकास तब सबसे सार्थक होता है जब यह जीवन को छूता है और किसी स्थान की आत्मा को संरक्षित करता है। हाथ जोड़कर और दृढ़ संकल्प के साथ, काशी आगे बढ़ती है - अपने अतीत पर गर्व करती है, और अपने भविष्य के लिए तैयार होती है।
संदर्भ
काशी को रोशन करना
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एमजी/आरपीएम/केसी/एमकेएस/
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