कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और इजराइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री श्री अवि दिख्तर के बीच बैठक
कृषि क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर
भारत और इजराइल के बीच बागवानी क्षेत्र में कार्ययोजना का आदान-प्रदान
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए निरंतर काम कर रहा है- श्री शिवराज सिंह चौहान
भारत एक ऐसा देश है जो "वसुधैव कुटुम्बकम" के दर्शन के साथ आगे बढ़ता है- श्री शिवराज सिंह चौहान
खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, गुणवत्तापूर्ण बीज, सीओई का विस्तार, अनुसंधान एवं विकास, कीट प्रबंधन, क्षमता निर्माण और फसल-पश्चात प्रौद्योगिकियों को लेकर साथ मिलकर काम करने पर सहमति
कृषि उत्पादकता और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए पंचवर्षीय बीज सुधार योजना (एफवाईएसआईपी) की संभावना तलाशने पर विचार-विमर्श
कृषि क्षेत्र में संयुक्त प्रयासों के माध्यम से, दोनों देश सार्थक परिणाम प्राप्त करेंगे और नवाचार तथा प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे
Posted On:
08 APR 2025 6:42PM by PIB Delhi
कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर स्थित अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह में केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और इजराइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री श्री अवि दिख्तर के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इजराइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री के रूप में श्री अवि दिख्तर की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान यह बैठक हुई।

आज नई दिल्ली में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के दौरान कृषि सहयोग समझौते और कार्य योजना पर हस्ताक्षर करके दोनों देशों ने कृषि क्षेत्र में अपनी साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। इस समझौते से मृदा एवं जल प्रबंधन, बागवानी एवं कृषि उत्पादन, फसल-पश्चात प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी, कृषि मशीनीकरण, पशुपालन तथा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत "सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः" (सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त रहें) और "परहित सरिस धर्म नहीं भाई" (दूसरों की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है) के आदर्शों में विश्वास करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने भारत-इजराइल के बीच कृषि कार्य योजनाओं की सफलता में विशेष रूप से 43 उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के नेटवर्क के माध्यम से माशाव (एमएएसएचएवी) की भूमिका की प्रशंसा की, जिनमें से देश भर में 35 पूरी तरह सक्रिय उत्कृष्टता केन्द्र हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल के उत्कृष्टता गांवों (वीओई) की अवधारणा, जिसका लक्ष्य प्रत्येक उत्कृष्टता केन्द्रों से 30 गांवों को जोड़ना है। यह ग्रामीण कनेक्टिविटी की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। श्री चौहान ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के लिए इजरायल के प्रतिनिधिमंडल को सौहार्दपूर्ण निमंत्रण दिया।
इजराइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री श्री अवि दिख्तर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इजराइल और भारत के बीच गहरे संबंध हैं तथा दोनों देश अधिक उपज देने वाले बीज की किस्मों और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए भविष्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता है।
दोनों पक्षों ने खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के विकास, उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के विस्तार, अनुसंधान और विकास, कीट प्रबंधन, क्षमता निर्माण और फसल-पश्चात प्रौद्योगिकियों के उन्नयन सहित कई प्रमुख क्षेत्रों पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। इसके अतिरिक्त, वे कृषि उत्पादकता और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए पंचवर्षीय बीज सुधार योजना (एफवाईएसआईपी) की संभावना तलाशने पर भी सहमत हुए।

बढ़ती आबादी और घटती हुई जोत की चुनौतियों को देखते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसानों तक उन्नत बीज पहुंचाने के लिए भारतीय और इजरायली वैज्ञानिकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया। बैठक में कृषि से संबंधित विभिन्न नवाचारों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
इजराइली पक्ष ने भारत के डिजिटल कृषि मिशन और उसके द्वारा भारत में किसानों को सशक्त बनाने के तरीके में भी गहरी रुचि दिखाई।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने वैश्विक कल्याण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए यह बताया कि भारत और इजरायल वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट को हल करने में किस तरह महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। निरंतर संवाद सुनिश्चित करने और निर्धारित लक्ष्यों और समय-सीमाओं के साथ एक स्पष्ट रोडमैप के विकास के लिए एक संयुक्त कार्यसमूह की स्थापना की जा रही है।
दोनों पक्षों ने अपने कृषि क्षेत्र में चुनौतियों और प्राथमिकताओं को साझा किया और बागवानी क्षेत्र में चल रहे सहयोग की भी समीक्षा की। उन्होंने बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
इजराइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री के अलावा राजदूत श्री रियुवेन अजार और विदेश व्यापार एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल श्री याकोव पोलेग ने भी इजराइली प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के रूप में भाग लिया। भारत की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रभाग (आईसी), एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच), प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम), पौध संरक्षण (पीपी) के संयुक्त सचिव और विदेश मंत्रालय (एमईए) के संयुक्त सचिव (डब्ल्यूएएनए) ने बैठक में भाग लिया।
बैठक भारत की सफल एवं लाभप्रद यात्रा के लिए हार्दिक शुभकामनाओं के साथ संपन्न हुई।
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(Release ID: 2120181)
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