आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पीएम स्वनिधि योजना

Posted On: 07 AUG 2023 1:00PM by PIB Delhi

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 01 जून, 2020 को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना शुरू की। इस योजना का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को कोविड-19 महामारी में बुरी तरह प्रभावित हो चुके उनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए बिना किसी गारंटी के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं;

I. एक वर्ष की अवधि के लिए बिना किसी गारंटी के 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना। समय पर इस ऋण का पुनर्भुगतान करने पर 20,000 रुपये ऋण की दूसरी और 50,000 रुपए ऋण की किश्त की सुविधा प्रदान करना।

II. प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी के माध्यम से नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना; और

III. प्रति वर्ष 1,200 रुपये तक कैशबैक के माध्यम से डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करना।

पीएम स्वनिधि योजना के तहत, शुरुआत में 10,000 रुपये तक का कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने की शुरुआत की गई थी। बाद में अधिक ऋण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, 20,000 रुपये तक का दूसरा ऋण दिनांक 09 अप्रैल 2021 से और 50,000 रुपये तक का तीसरा ऋण 1 जून 2022 से दिया जाने लगा।

मंत्रालय को ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, मंत्रालय ने कैशबैक योजना को संशोधित किया जो 1 फरवरी, 2023 से प्रभावी है। इसके तहत प्रति डिजिटल लेन-देन पर एक रुपये का कैशबैक प्रदान किया जाता है जो एक महीने में अधिकतम 100 रुपये यानी एक वर्ष में 1200 रुपये है।

02 अगस्त 2023 तक, आंध्र प्रदेश राज्य में पीएम स्वनिधि योजना के तहत कुल 2,62,811 ऋण स्वीकृत किए गए हैं। आंध्र प्रदेश राज्य में योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 (02 अगस्त 2023 तक) के दौरान स्वीकृत ऋणों की कुल संख्या क्रमशः 49,534 और 12,097 है।

योजना के तहत पात्र स्ट्रीट वेंडरों की पहचान और नए आवेदन जुटाने के लिए राज्य/यूएलबी जिम्मेदार हैं। हालांकि, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए, मंत्रालय कई पहल कर रहा है जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों/यूएलबी/ऋण प्रदाता संस्थानों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करना, रेडियो जिंगलटेलीविजन विज्ञापन और समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिये समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाना शामिल हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए वेंडर्स तक पहुंच और लाभ के प्रसार के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को नियमित रूप से स्थानीय भाषाओं में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री भी प्रदान की गई है।

यह जानकारी आज राज्यसभा में आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

***

एमजी/एमएस/आरपी/एके/एसके/एसके



(Release ID: 1946348) Visitor Counter : 20029