Economy
आरबीआई मौद्रिक नीति: रेपो दर में कोई बदलाव नहीं, जीडीपी आउटलुक में सुधार
Posted On:
01 OCT 2025 15:16 PM
- आरबीआई ने तटस्थ रुख के साथ रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत के पहले के अनुमान से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया।
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए अपने सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है।
- वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा घटकर सकल घरेलू उत्पाद का 0.2 प्रतिशत हो गया। यह एक साल पहले 0.9 प्रतिशत था।
- वित्त वर्ष 2025-26 के अप्रैल-सितंबर के दौरान अब तक (26 सितंबर तक), भारतीय इक्विटी बाजार ऊपर की ओर बढ़े हुए हैं।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित मौद्रिक नीति समिति की 57वीं बैठक के बाद अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट (अक्टूबर 2025) जारी की। आरबीआई ने तटस्था रुख के साथ रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। यह संतुलित दृष्टिकोण का संकेत है जो वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए आर्थिक गति का समर्थन करता है। इस रिपोर्ट में लचीली घरेलू मांग, सहायक वित्तीय स्थितियों और एक स्थिर बाहरी क्षेत्र पर प्रकाश डाला गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के सतर्क आशावादी दृष्टिकोण को दर्शाता है।

आगे मजबूत विकास
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत के पहले के अनुमान से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
घरेलू विकास पहले से अधिक खपत, निवेश और सरकारी खर्च के कारण अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इसमें अच्छे मॉनसून, जीएसटी 2.0, बेहतर ऋण प्रवाह और बढ़ती क्षमता उपयोग जैसे सहायक कारक सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखे हुए हैं।
भारत की वास्तविक जीडीपी वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत बढ़ गई, जो पिछली तिमाही में 7.4 प्रतिशत से अधिक थी। मजबूत निवेश और खपत की वजह से सात तिमाहियों में यह सबसे तेज़ गति की बढ़ोतरी है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वृद्धि 6.8 प्रतिशत (पहली तिमाही: 7.8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही: 7.0 प्रतिशत, तीसरी तमाही: 6.4 प्रतिशत, चौथी तिमाही: 6.2 प्रतिशत) अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2026-27 का अनुमान 6.6 प्रतिशत है। यह सामान्य मानसून और स्थिर स्थितियों में अनुमानित हैं।
आगामी वर्ष के लिए उपभोक्ताओं का आशावाद, जिसे भविष्य की उम्मीदों के सूचकांक द्वारा मापा जाता है, शहरी और ग्रामीण दोनों परिवारों के लिए और मजबूत हुआ है।
वैश्विक एजेंसियां इस विकास की पुष्टि करती हैं
कई वैश्विक एजेंसियों ने भारत की मजबूत आर्थिक विकास संभावनाओं को बनाए रखा है, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच देश की सुदृढ़ता को उजागर करता है। आईएमएफ ( वित्त वर्ष 26: 6.4 प्रतिशत), फिच ( वित्त वर्ष 26: 6.9 प्रतिशत, वित्त वर्ष 27: 6.3 प्रतिशत), एसएंडपी ग्लोबल (वित्त वर्ष 26: 6.5 प्रतिशत), संयुक्त राष्ट्र (वित्त वर्ष 26: 6.3 प्रतिशत, वित्त वर्ष 27: 6.4 प्रतिशत), सीआईआई (वित्त वर्ष 26: 6.4-6.7 प्रतिशत) और ओईसीडी (वित्त वर्ष 26: 6.7 प्रतिशत) ने मजबूत घरेलू मांग, बढ़ते निवेश और बाहरी क्षेत्र में स्थिरता को प्रमुख कारक बताया है। मजबूत नीतिगत समर्थन, संरचनात्मक सुधार और जीवंत सेवा क्षेत्र सकारात्मक विकास दृष्टिकोण को और मजबूत कर रहे हैं। ये अनुमान वैश्विक चुनौतियों के बीच उच्च विकास को बनाए रखने की भारत की क्षमता में व्यापक विश्वास को उजागर करते हैं।
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कीमतें स्थिर हैं
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए अपने सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है।

हेडलाइन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति लगातार नौ महीनों तक घटकर जुलाई 2025 में 8 साल के निचले स्तर 1.6 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो अगस्त में 2.1 प्रतिशत तक पहुंच गई। यह आरबीआई मुद्रास्फीति लक्ष्य सीमा के भीतर रही।
जबकि मुद्रास्फीति पहले 3.8 प्रतिशत (चौथी तिमाही वित्त वर्ष 2024-25) और 3.6 प्रतिशत (पहली तिमाही वित्त वर्ष 2025-26) पर अनुमानित थी, लेकिन वास्तविक परिणाम 90 बीपीएस तक कम थे। यह गिरावट 9 महीने की खाद्य कीमतों में 10.5 प्रतिशत की भारी गिरावट से प्रेरित थी, जो सीपीआई श्रृंखला में सबसे लंबी थी।
हल्के गर्मी के तापमान ने मौसमी मूल्य दबावों को और कम कर दिया, जिससे पहली तिमाही और दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 2025-26 में वास्तविक मुद्रास्फीति अपेक्षाओं से कम रही।
22 सितंबर, 2025 से जीएसटी दरों में सुधार ने करों को सरल बना दिया है और उपभोक्ता कीमतों को कम कर दिया है, जो उत्पाद समूहों में सीपीआई बास्केट के लगभग 11.4 प्रतिशत को प्रभावित करता है।
वैश्विक मांग स्थिर

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में देश का चालू खाता घाटा एक साल पहले के 0.9 प्रतिशत से घटकर सकल घरेलू उत्पाद का 0.2 प्रतिशत हो गया। ऐसा मजबूत सेवाओं के निर्यात और 35.3 अरब अमेरिकी डॉलर के मजबूत धन प्रेषण की वजह से है। इससे भारत निजी धन प्रेषण का दुनिया का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना हुआ है।
वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के बीच, भारत का माल निर्यात 2.5 प्रतिशत (अप्रैल-अगस्त 2025) बढ़ गया, जबकि आयात 2.1 प्रतिशत बढ़ा है। सेवा निर्यात में दोहरे अंकों की वृद्धि जारी रही, और पहली तिमाही वित्त वर्ष 2025-26 में वस्तुओं और सेवाओं के वास्तविक निर्यात और आयात में क्रमशः 6.3 प्रतिशत और 10.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान, सकल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 37.7 अरब अमेरिकी डॉलर पर मजबूत रहा, जो एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में भारत की निरंतर अपील को दर्शाता है। सिंगापुर, अमेरिका, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड से शुद्ध प्रवाह 10.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया जो कुल एफडीआई का 76 प्रतिशत योगदान है।
तरलता और स्थिरता

वित्त वर्ष 2025-26 के अप्रैल-सितंबर के दौरान अब तक (सितंबर 26 तक), व्यापार नीति अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के बीच अस्थिरता की एक छोटी अवधि के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजार ऊपर की ओर बढ़ते रहे।
वित्त वर्ष 2025-26 (26 सितंबर, 2025 तक) के अप्रैल-सितंबर में बीएसई सेंसेक्स में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। व्यापक बाजार सूचकांकों ने 2025-26 के दौरान बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 7.7 प्रतिशत और 12.1 प्रतिशत की बढ़त रही।
वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय रुपये में दो-तरफा उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन यह सबसे कम अस्थिर उभरते बाजार मुद्राओं में से एक रहा। कम चालू खाता घाटा, स्थिर सेवा निर्यात, मजबूत धन प्रेषण और स्वस्थ विदेशी मुद्रा भंडार सहित मजबूत बुनियादी बातों से इसकी स्थिरता बनी रही।
निष्कर्ष
भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 के अप्रैल-सितंबर में मजबूत खपत, निवेश और सरकारी खर्च की वजह से काफी अच्छी स्थिति में रही। अनुकूल खाद्य कीमतों और जीएसटी सुधारों की मदद से मुद्रास्फीति अनुमान से नीचे रही। अच्छी तरह से संतुलित बाहरी क्षेत्र के प्रदर्शन, स्थिर तरलता और स्वस्थ वित्तीय बाजारों की वजह से समग्र व्यापक आर्थिक स्थिरता बनी रही।
संदर्भ:
आरबीआई
https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Publications/PDFs/MPR011020257F52BDBF1F184AE0A627BD9CEB1580FB.PDF
आईएमएफ
https://www.imf.org/en/Countries/IND
न्यूज़ ऑन एयर
https://www.newsonair.gov.in/fitch-ratings-upgrades-indias-economic-growth-forecast-to-6-9/
एसएंडपी ग्लोबल
https://www.spglobal.com/en/research-insights/special-reports/india-forward/shifting-horizons/how-indian-economic-growth-realigns-with-shifting-global-trends
पीआईबी मुख्यालय
https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=155121&ModuleId=3
डीडी न्यूज
https://ddnews.gov.in/en/indias-gdp-growth-projected-at-6-4-6-7-for-fy26-cii/
ओईसीडी
https://www.oecd.org/en/publications/oecd-economic-outlook-interim-report-september-2025_67b10c01-en.html
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