कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा 2025: क्षमता विकास आयोग
राज्यों में मिशन कर्मयोगी: राज्य-विशिष्ट क्षमता विकास योजनाओं (सीबीपी) के लिए तीन राज्यों में कार्यशालाएँ आयोजित; अगले वर्ष फरवरी तक 15 राज्यों को शामिल करने का लक्ष्य
वर्ष 2025 के दौरान 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर, जिससे कुल संख्या बढ़कर 28 हो गई
राष्ट्रीय कर्मयोगी-बड़े पैमाने पर जन सेवा कार्यक्रम के तहत 8.5 लाख से अधिक सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया
प्रशिक्षण संस्थानों का अद्यतन मान्यता ढाँचा एनएससीएसटीआई 2.0 लॉन्च
पाँच (5) प्रशिक्षण संस्थान अब 5- स्टार मान्यता प्राप्त है; अद्यतन ढाँचे के तहत पुनः मान्यता प्राप्त सभी आठ (8) प्रशिक्षण संस्थानों में कम से कम एक स्टार का सुधार देखा गया
उन्नत संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभ, जिसके अंतर्गत वर्ष 2027 तक 600 संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य
प्रविष्टि तिथि:
24 DEC 2025 3:54PM by PIB Delhi
क्षमता विकास आयोग (सीबीसी) मिशन कर्मयोगी के कार्यान्वयन के कार्य को आगे बढ़ाते हुए भारत की सिविल सेवा संरचना को मजबूत बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाना जारी रखे हुए है।
वर्ष 2025 के दौरान, आयोग ने एआई टूल का उपयोग करते हुए राज्यों के विभागों के लिए क्षमता विकास योजनाओं (सीबीपी) के जरिए क्षमताओं का सृजन करने के उद्देश्य से अधिक व्यवस्थित दृष्टिकोण के साथ राज्यों तक पहुँच कायम करने पर विशेष ध्यान दिया। इसके अतिरिक्त, आयोग ने नए आयामों को शामिल करते हुए प्रशिक्षण संस्थानों के लिए अपने मान्यता ढाँचे को अद्यतन किया। ‘राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम’ के अंतर्गत सेवा भाव में व्यवहारिक प्रशिक्षण वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों में से एक रहा। इसके अलावा क्षेत्रों की क्षमताओं को लक्षित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में नए पाठ्यक्रमों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
वर्ष 2025 के दौरान, आयोग ने अनेक महत्वपूर्ण पहल की और उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
· राज्यों में मिशन कर्मयोगी:
· तीन राज्य कवर किए गए और जनवरी-फरवरी 2026 के दौरान 15 राज्यों को कवर किए जाने की योजना है
· 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए गए, जिससे कुल संख्या 28 हो गई

आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल, मध्य प्रदेश में 08.12.2025 को राज्य स्तरीय क्षमता विकास योजना पर विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया।
क्षमता विकास आयोग ने राज्य-विशिष्ट क्षमता विकास योजनाओं (सीबीपी) को तैयार करने हेतु राज्यों के साथ संरचित सहभागिता की शुरुआत की। 24–25 सितंबर 2025 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 17 राज्यों एवं प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) ने भाग लिया। इस कार्यशाला के माध्यम से एआई-सक्षम सीबीपी ढाँचे का परीक्षण एवं सत्यापन किया गया। इसके पश्चात, अनुकूलित सीबीपी की तैयारी और सत्यापन के उद्देश्य से राज्यों के एटीआई के सहयोग से सिलसिलेवार राज्य-स्तरीय कार्यशालाएँ आयोजित की गईं।
दिसंबर 2025 के दौरान, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा छत्तीसगढ़ में कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। जनवरी–फरवरी 2026 के दौरान 15 राज्यों को कवर किए जाने का कार्यक्रम है।
अब तक सीबीसी ने 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे मिशन कर्मयोगी का राज्य स्तर पर समन्वित कार्यान्वयन सक्षम बनाया जा सका है। ये एमओयू सहयोगपूर्ण रूप से योजना बनाने, संस्थागत सुदृढ़ीकरण तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दक्षता-आधारित एवं भूमिका-प्रेरित क्षमता विकास पहलों को अपनाने के लिए व्यवस्थित ढाँचा प्रदान करते हैं।
यह कार्यक्रम जनवरी 2025 में प्रारंभ किया गया। वर्ष के दौरान जम्मू -कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, त्रिपुरा, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, मणिपुर, नागालैंड, गोवा और मिज़ोरम के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
· राष्ट्रीय कर्मयोगी-बड़े पैमाने पर जन सेवा कार्यक्रम: ‘सेवा भाव’ व्यवहारिक प्रशिक्षण
· 8.5 लाख से ज़्यादा सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य हासिल किया

सीबीसी ने 06.01.2025 को नई दिल्ली में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ‘राष्ट्रीय कर्मयोगी’- बड़े पैमाने पर जन सेवा कार्यक्रम का शुभारंभ किया
क्षमता विकास आयोग ने राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम के तहत 16,000 मास्टर ट्रेनर्स और 822 लीड ट्रेनर्स के सहयोग से 8.5 लाख से अधिक सरकारी अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया।
कार्यक्रम के चरण-I का शुभारंभ 06 जनवरी 2025 को किया गया, जिसका उद्देश्य सिविल सेवकों में सेवा भाव को पुनर्जीवित करना था। चरण-I के दौरान, 278 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया, जिन्होंने इसके बाद दिल्ली सचिवालय में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के 17,000 से अधिक सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया।
कार्यक्रम के चरण-II का शुभारंभ 5 मई 2025 को किया गया,जिसका उद्देश्य देशभर के केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना था। यह चरण सशक्त राष्ट्रीय सहभागिता प्रदर्शित करते हुए सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस पहल का लक्ष्य सेवा भाव और कर्मयोगी संस्कार की भावना को मज़बूत करना है, जिससे देश भर में अधिक उत्तरदायी, सहानुभूतिपूर्ण और नागरिक-केंद्रित सिविल सेवाओं में मदद मिल सके।
· प्रशिक्षण संस्थानों का अद्यतन मान्यता ढाँचा: एनएससीएसटीआई 2.0
· अब तक पांच प्रशिक्षण संस्थान 5- स्टार मान्यता प्राप्त हैं
· अद्यतन ढाँचे के तहत पुनः मान्यता प्राप्त सभी आठ प्रशिक्षण संस्थानों में कम से कम एक स्टार का सुधार देखा गया है

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 18.07.2025 को नई दिल्ली में सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक 2.0 (एनएससीएसटीआई 2.0) लॉन्च किए
क्षमता विकास आयोग ने मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों (सीएसटीआई) के लिए अद्यतन मान्यता ढाँचा एनएससीएसटीआई 2.0 लॉन्च कर सिविल सेवा प्रशिक्षण में गुणवत्ता और वैश्विक बेंचमार्किंग को आगे बढ़ाया है।
एनएससीएसटीआई 2.0 में कर्मयोगी दक्षता मॉडल, अमृत ज्ञान कोश, और भारतीय ज्ञान प्रणालियों पर आधारित बेहतर लचीलापन, प्रौद्योगिकी संबंधी तत्परता, और समग्र गुणवत्ता ढाँचा शामिल किया गया है, जो निरंतर संस्थागत सुधार और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करता है।
मजबूत मान्यता ढाँचे के तहत, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी को 5-स्टार प्रशिक्षण संस्थान के रूप में मान्यता दी गई, जबकि रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय डाक अकादमी, राष्ट्रीय संचार अकादमी – वित्त, सचिवालय प्रशिक्षण तथा प्रबंधन संस्थान, और राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी को गुणवत्ता सुधार योजनाओं (क्यूआईपी) के सफल कार्यान्वयन के पश्चात 5-स्टार रेटिंग के साथ पुनः मान्यता प्रदान की गई।
अद्यतन ढाँचे के तहत कुल आठ प्रशिक्षण संस्थानों को पुनः मान्यता दी गई, जिनमें से सभी ने कम से कम एक स्टार का सुधार दिखाया है।
ये उपलब्धियाँ भारत के सिविल सेवा प्रशिक्षण संबंधी इकोसिस्टम में उत्कृष्टता, जवाबदेही और भविष्य-उन्मुख क्षमता विकास की संस्कृति को सुदृढ़ करती हैं।
· “केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों की भविष्य की तैयारी' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला

सीबीसी की अध्यक्ष सुश्री एस राधा चौहान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट बनना होगा। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को लगातार परिवर्तित हो रहे प्रशिक्षण संबंधी इकोसिस्टम में अपनी भूमिकाओं की नए सिरे से परिकल्पना करने, उन्हें पुनर्गठित और पुनःपरिभाषित करने की आवश्यकता है।
कार्यशाला का आयोजन 15 दिसंबर 2025 को किया गया, जिसमें भविष्य की तैयारी से जुड़े ज़रूरी पहलुओं पर विशेष चर्चा हुई। इस दौरान भूमिकाओं, जिम्मेदारियों और प्रौद्योगिकी-सक्षम प्रशिक्षण गुणवत्ता के माध्यम से बेहतरीन काम करना, एनएससीएसटीआई ढाँचे को सुदृढ़ बनाना और संसाधन साझा करने की सुविधा प्रदान करना और एआई टूल्स और डोमेन कोर्स पहचान के माध्यम से आई गॉट पर पाठ्यक्रमों को बेहतर बनाना विषयों के बारे में विचार-विमर्श किया गया। चर्चाओं के निष्कर्ष सभी प्रतिभागियों के सामने प्रस्तुत किए गए, जिससे कार्यान्वयन योग्य सिफारिशों और लागू करने के मार्गों पर सहमति स्थापित हुई।
· उन्नत संकाय विकास कार्यक्रम
· 2027 तक 600 संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य

क्षमता विकास आयोग ने सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों (सीएसटीआई) में शिक्षण उत्कृष्टता और नेतृत्व क्षमता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से (नवम्बर 2025 में) इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस, हैदराबाद में उन्नत संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस पहल के माध्यम से सीबीसी की वर्ष 2027 तक 600 संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित करने की योजना है, ताकि मिशन कर्मयोगी के अनुरूप मजबूत और भविष्य के लिए तैयार संकाय इकोसिस्टम तैयार किया जा सके। संकाय विकास कार्यक्रम का पहला बैच 24–28 नवम्बर 2025 को आईएसबी हैदराबाद में आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 32 सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया।
· कर्मयोगी गुणवत्ता ढाँचे पर राष्ट्रीय परामर्शी कार्यशाला
· चार कार्य समूहों का गठन किया जाएगा

सीबीसी ने 19 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आई गॉट पाठ्यक्रमों के लिए गुणवत्ता ढाँचे पर राष्ट्रीय परामर्शी कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में मिशन कर्मयोगी के तहत डिजिटल लर्निंग के लिए गुणवत्ता आश्वासन तंत्र को सुदृढ़ करने के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए लर्निंग इकोसिस्टम के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया।
इसके फॉलो अप के रूप में, सीबीसी कर्मयोगी गुणवत्ता ढाँचे के लिए चार (4) कार्य समूह बनाएगा, जो निम्नलिखित हैं:
a. सीक्यूएफ – सामग्री गुणवत्ता ढाँचा (कॉन्टेंट क्वालिटी फ्रेमवर्क)
b. सामग्री ऑनबोर्डिंग के लिए एसओपी (एसओपी फॉर ऑनबोर्डिंग कॉन्टेंट)
c. सामग्री के लिए डायनामिक हेल्थ चेक (डायनामिक हेल्थ चेक फॉर कॉन्टेंट)
d. समवर्ती सामग्री ऑडिट / समीक्षा (कॉन्करेंट कॉन्टेंट ऑडिट/रिव्यू)
अमृत ज्ञान कोश :
क्षमता विकास आयोग की पहल - अमृत ज्ञान कोश (एजीके) का शासन से संबंधित ज्ञान के एक जीवंत राष्ट्रीय कोश के रूप से निरंतर बढ़ना जारी है । यह कोश केस स्टडीज़ के माध्यम से सर्वोत्तम प्रथाओं को दर्ज करने और साझा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे देशभर के सिविल सेवक वास्तविक अनुभवों और नवाचारी समाधानों से सीख ग्रहण कर सकें।
अब तक, लगभग 70 केस स्टडीज़ प्रकाशित की जा चुकी हैं और आई गॉट कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव हैं, जिन्होंने लगभग 6 लाख शिक्षार्थियों की प्रभावशाली भागीदारी उत्पन्न की है। इसके अतिरिक्त, 110 और केस स्टडीज़ वर्तमान में विकासाधीन हैं, जो इस पहल के प्रति प्रबल गति और रुचि को दर्शाती हैं। एजीके की दस (10) केस स्टडीज़ को एडीबीआई के साथ सह-प्रकाशित किया गया है।

आईआरआईएफ, सिकंदराबाद में दूसरी उन्नत केस लेखन कार्यशाला का आयोजन
इस प्रयास को मजबूती प्रदान करते हुए आयोग ने अपनी उन्नत केस लेखन कार्यशालाओं के माध्यम से केंद्रीय और राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के 150 से अधिक संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित किया है। ये कार्यशालाएँ संकाय सदस्यों को उच्च-गुणवत्ता वाली शासन संबंधी केस स्टडीज़ तैयार करने की क्षमता प्रदान करती हैं, जिससे सार्वजनिक अधिकारियों के लिए अभ्यास-केंद्रित अधिगम संसाधनों का बढ़ता हुआ इकोसिस्टम विकसित हो रहा है।
· सीपीएसई के लिए दक्ष नेतृत्व कार्यक्रम:

दक्ष (आकांक्षा, ज्ञान, उत्तराधिकार और सद्भाव का विकास) के रूपांतरणीय नेतृत्व कार्यक्रम में एक अहम पड़ाव को चिन्हित करते हुए भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएम-ए) ने जुलाई, 2025 में 6-दिन के क्लासरूम इमर्शन प्रोग्राम का उद्घाटन समारोह आयोजित किया। दक्ष (आकांक्षा, ज्ञान, उत्तराधिकार और सद्भाव का विकास), सीबीसी और स्कोप द्वारा संयुक्त रूप से विकसित और अवधारित एक प्रमुख नेतृत्व कार्यक्रम है, जो इन-पर्सन इमर्शन, अनुभवजन्य अधिगम और चिंतनात्मक हस्तक्षेप को एकीकृत करता है। इसका उद्देश्य भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के लिए भविष्य-उन्मुख और चुस्त नेतृत्व तैयार करना है।
· "दक्ष पीएसई @2047 के माध्यम से भारत की विकास गाथा को आकार देना” पर “भारत सीपीएसई परामर्शी सम्मेलन”:

सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव श्री के. मोजेज चैल्लई ने 18.12.2015 को नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला के दौरान इस तथ्य को रेखांकित किया कि नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण है और हमें दूरदर्शी नेताओं की आवश्यकता है।
क्षमता विकास आयोग (सीबीसी),ने वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के सहयोग से 18 दिसंबर को नई दिल्ली में भारत सीपीएसई’ परामर्शी सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का विषय “दक्ष पीएसई @2047 के माध्यम से भारत की विकास गाथा को आकार देना ”था। यह सम्मेलन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई), केंद्रीय मंत्रालयों और प्रमुख संस्थागत हितधारकों के वरिष्ठ नेतृत्व को एक साथ लाया गया।
इस सम्मेलन के फॉलो अप के रूप में सीबीसी द्वारा सीपीएसई के क्षमता विकास के लिए निम्नलिखित विषयगत कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है:
· वित्तीय प्रबंधन: दीर्घकालिक पूंजी नियोजन, जोखिम ढाँचे, शासन की उत्कृष्टता (एफएसआईबी क्षेत्र सहित)।
· अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी और नवाचार इकोसिस्टम: प्रौद्योगिकी अपनाने के मार्ग, नवाचार साझेदारियाँ, डिजिटल परिवर्तन (शैक्षणिक संस्थानों, एएनआरएफ, अनुसंधान परिषदों के साथ)।
· सीएसआर, ईएसजी और स्थिरता नेतृत्व: जिम्मेदार व्यवसाय, ईएसजी मानक, जलवायु-अनुकूल रणनीतियाँ।
· इंजीनियरिंग, परियोजनाएं और संपत्ति प्रबंधन उत्कृष्टता: बेहतरीन परियोजना प्रबंधन मॉडल, मेगा-प्रोजेक्ट निष्पादन, परिचालन संबंधी अनुकूलन।
· अधिगम, विकास और प्रशिक्षण इकोसिस्टम: क्षमताओं को मजबूत करना, पीएसई के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान, अनुसंधान-आधारित प्रशिक्षण मॉडल।
विकसित पंचायत पहल:

असम में बेसलाइन डेटा संग्रह
विकसित पंचायत पहल का उद्देश्य निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत अधिकारियों दोनों की क्षमताओं का विकास कर ज़मीनी स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को सशक्त बनाना है। इसके लिए पीआरआई विशेषज्ञों, राज्य ग्रामीण विकास संस्थानों (एसआईआरडी), व्यवसायियों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक क्षमता-आधारित हस्तक्षेप डिजाइन किया जाएगा।
प्रायोगिक तौर पर , यह पहल 4 राज्यों (आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और ओडिशा) की 60 ग्राम पंचायतों में लागू की जा रही है। वर्ष 2025 के दौरान कई प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गईं, जिनमें :कार्यक्रम डिजाइन को अंतिम रूप देने के लिए 2 गोलमेज चर्चाओं का आयोजन, हितधारकों को शामिल करने के लिए 4 राज्य-स्तरीय परामर्शी कार्यशालाओं का आयोजन शामिल हैं। अप्रैल 2025 में मॉड्यूल विकास के लिए एक लर्निंग डिजाइन कार्यशाला आयोजित की गई, जिसके बाद 14 लर्निंग मॉड्यूल तैयार किए गए।
हस्तक्षेप वाली पंचायतों में मौजूदा क्षमता स्तर और संस्थागत प्रथाओं का आकलन करने के लिए बेसलाइन सर्वेक्षण पूरा किया गया।
· शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की क्षमता का विकास :
सीबीसी ने यूएलबी की क्षमता के विकास के प्रयास जारी रखे हैं। अब तक 1.75 लाख से अधिक यूएलबी अधिकारियों को आई गॉट कर्मयोगी भारत प्लेटफॉर्म पर शामिल किया जा चुका है। उनकी क्षमता विकास संबंधी आवश्यकताओं में सहायता के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए 154 पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जिनमें 60 कार्यात्मक, 64 क्षेत्रीय और 30 व्यवहारिक पाठ्यक्रम शामिल हैं।

सदस्य (प्रशासन) डॉ. अल्का मित्तल ने 10.07.2025 को भुवनेश्वर, ओडिशा में यूएलबी कार्यशाला को संबोधित किया
मिशन कर्मयोगी के तहत वर्ष 2025 के दौरान, शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की क्षमता के विकास के लिए पांच (5) राज्य-स्तरीय कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। ये कार्यशालाएँ असम, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में आयोजित की गईं। इन कार्यशालाओं में 1,200 से अधिक यूएलबी अधिकारियों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त, रोल अलाइन्ड कॉम्पिटेंसी एन्हांसमेंट (आरएसीई) फ्रेमवर्क के तहत 25 विभागों में 125 विशिष्ट पदों का मानचित्रण किया गया है। जिससे 65 कार्यात्मक, क्षेत्रीय और व्यवहारिक क्षमताओं की पहचान हुई और यूएलबी के लिए संरचित क्षमता और प्रशिक्षण आवश्यकताओं की संरचना तैयार हुई।
क्षमता विकास आयोग (सीबीसी) भविष्य के लिए तैयार नागरिक सेवाओं की तैयारी और मिशन कर्मयोगी के कार्यान्वयन में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्षमता से विकास, हमारा संयुक्त प्रयास
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पीके/केसी/आरके
(रिलीज़ आईडी: 2208393)
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