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केंद्र सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, इससे पिछले कुछ वर्षों में इसके डिजिटल बुनियादी ढाँचे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है


केंद्र सरकार ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए डिजिटल भारत निधि के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है

प्रविष्टि तिथि: 03 DEC 2025 4:46PM by PIB Delhi

सरकार ने देश में दूरसंचार क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं। इससे दूरसंचार क्षेत्र का विकास हुआ है। इन उपायों में समायोजित सकल राजस्व का युक्तिकरण, बैंक गारंटी (बीजी) का युक्तिकरण, ब्याज दरों का युक्तिकरण और दंड को हटाना, किस्त भुगतान सुरक्षित करने के लिए बीजी (15.09.2021 के बाद आयोजित नीलामी के लिए) की आवश्यकता को समाप्त करना, 10 वर्षों के बाद स्पेक्ट्रम के आत्मसमर्पण की अनुमति (भविष्य की नीलामी में); 15.09.2021 के बाद आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) की आवश्यकता को समाप्त करना, स्पेक्ट्रम साझा करने के लिए 0.5% के अतिरिक्त एसयूसी को हटाना, सुरक्षा उपायों के अधीन स्वचालित मार्ग के अंतर्गत दूरसंचार क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति, स्व-घोषणा के साथ वायरलेस उपकरणों के लिए 1953 सीमा शुल्क अधिसूचना के अंतर्गत लाइसेंस की आवश्यकता, दूरसंचार टावरों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आवंटन हेतु स्थायी सलाहकार समिति (एसएसीएफए) की मंजूरी को आसान बनाना तथा स्पेक्ट्रम की अवधि को 20 से 30 वर्ष तक बढ़ाना।

इससे पिछले कुछ वर्षों में इसके डिजिटल बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क मार्च 2018 के 17.5 लाख किलोमीटर से बढ़कर सितंबर 2025 तक 42.36 लाख किलोमीटर हो गया है, जबकि बेस ट्रांसीवर स्टेशनों की संख्या मार्च 2018 के 17.3 लाख से बढ़कर अक्टूबर 2025 में 31.4 लाख हो गई है। अक्टूबर 2025 तक भारत के 6,44,131 गाँवों में से 6,34,019 गाँव मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़े हैं। इनमें से 6,30,676 में 4G सेवाएँ हैं। ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन सितंबर 2018 के 48 करोड़ से बढ़कर जून 2025 में 98 करोड़ हो गए हैं। इसके अतिरिक्त 31 अक्टूबर 2025 तक देश भर में 3.80 लाख पीएम-वाणी वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जा चुके हैं। डेटा की खपत में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो सितंबर 2018 के 8.32 जीबी प्रति ग्राहक प्रति माह से बढ़कर सितंबर 2025 में 25.24 जीबी प्रति ग्राहक प्रति माह हो गई है। जबकि इसी अवधि के दौरान औसत वायरलेस डेटा शुल्क 10.91 रूपये प्रति जीबी से घटकर 8.27 रूपये हो गया है।

इसके अलावा देश भर में समान डिजिटल पहुँच सुनिश्चित करने के लिए सरकार डिजिटल भारत निधि के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है, जैसे 4जी संतृप्ति परियोजनाएँ और ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए संशोधित भारतनेट कार्यक्रम।

यह जानकारी केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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