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संचार साथी ऐप: दूरसंचार सशक्तिकरण अब आपकी उंगलियों पर


पारदर्शी और सुरक्षित मोबाइल सेवाओं को बढ़ाने के लिए जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया

प्रविष्टि तिथि: 02 DEC 2025 8:21PM by PIB Delhi

मुख्य अंश

  • 17 जनवरी 2025 को लॉन्च होने के बाद से, संचार साथी मोबाइल ऐप के 1.4 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं।
  • 42 लाख से अधिक चोरी या गुम हुए मोबाइल उपकरण सफलतापूर्वक ब्लॉक किए गए हैं।
  • 26 लाख चोरी या गुम हुए मोबाइल फ़ोन ट्रेस किए गए हैं, जिनमें से 7.23 लाख सफलतापूर्वक वापस किए जा चुके हैं।
  • यह एक लोकतांत्रिक, पूरी तरह स्वैच्छिक, उपयोगकर्ता-चालित प्‍लेटफॉर्म और निजता-प्रथम ऐप है, जो केवल उपयोगकर्ता की सहमति से

सक्रिय होता है।

 

संचार साथी: भारत के बढ़ते साइबर अपराधों का समयोचित जवाब

एक अरब से अधिक ग्राहकों के साथ, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम ईकोसिस्‍टम बनकर उभरा है। मोबाइल फोन अब बैंकिंग, मनोरंजन, ई-लर्निंग, स्वास्थ्य सेवा और सरकारी सेवाओं के महत्वपूर्ण गेटवे के रूप में कार्य करते हैं, जिससे मोबाइल सुरक्षा हमेशा से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

A white rectangular sign with a cell phone and textAI-generated content may be incorrect.

बढ़ते साइबर ख़तरों ने मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को एक गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय बना दिया है। भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) के अनुसार, साइबर अपराध की घटनाएँ 2023 में हुई 15,92,917 से बढ़कर 2024 में 20,41,360 हो गईं। केवल राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज डिजिटल अरेस्ट स्कैम और संबंधित साइबर अपराधों की कुल संख्या 2024 में 1,23,672 रही, और फरवरी 2025 तक ही 17,718 मामले दर्ज किए जा चुके थे।

इन बढ़ते खतरों के जवाब में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने संचार साथी मोबाइल ऐप पेश किया। यह एक नागरिक-केंद्रित उपकरण है जो सशक्त सुरक्षा सुविधाएँ और धोखाधड़ी रिपोर्टिंग क्षमताएँ सीधे उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफ़ोन तक पहुँचाता है। यह ऐप मौजूदा संचार साथी पोर्टल को पूर्णता देते हुए, पहचान की चोरी, नकली केवाईसी, डिवाइस चोरी, बैंकिंग धोखाधड़ी और अन्य साइबर जोखिमों के खिलाफ सुविधाजनक और कहीं भी-कभी भी संरक्षण प्रदान करता है। इस पहल को मजबूत करने के लिए, दूरसंचार विभाग ने 28 नवंबर 2025 को निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत मोबाइल निर्माताओं और आयातकों के लिए भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए संचार साथी ऐप की उपलब्धता और सुलभता सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया गया है।

नागरिक-प्रथम, निजता-सुरक्षित प्लेटफ़ॉर्म

संचार साथी ऐप नागरिकों को सर्वोपरि रखता है और हर चरण पर उनकी निजता की रक्षा करता है। यह केवल उपयोगकर्ता की

सहमति से काम करता है और उन्‍हें इसके सक्रियण व उपयोग पर पूरा नियंत्रण देता है।

  • ऐप तभी सक्रिय होता है जब उपयोगकर्ता स्वयं पंजीकरण करना चुनता है।
  • उपयोगकर्ता के पास इसे कभी भी सक्रिय, निष्क्रिय करने या हटाने का विकल्प होता है।
  • निजता से समझौता किए बिना भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इसे डिजाइन किया गया है।

 

संचार साथी: असर और ठोस परिणाम

संचार साथी ने लॉन्च के बाद से ही स्पष्ट और निरंतर असर दिखाया है। इस प्लेटफ़ॉर्म ने उपयोगकर्ता सुरक्षा को मजबूत किया है और देशभर में डिजिटल धोखाधड़ी को कम किया है।

इस प्लेटफ़ॉर्म की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:

  • पोर्टल (https://sancharsaathi.gov.in/) पर 21.5 करोड़ से अधिक विज़िट्स
  • 1.4 करोड़ से अधिक ऐप डाउनलोड्स
  • 42 लाख से अधिक चोरी/गुम हुए मोबाइल उपकरणों को सफलतापूर्वक ब्लॉक किया गया है
  • नागरिकों द्वारा “नॉट माइ नम्‍बर” चिह्नित करने के बाद 1.43 करोड़+ मोबाइल कनेक्शन डिस्कनेक्ट किए गए
  • 26 लाख गुम या चोरी हुए फोन ट्रेस किए गए, जिनमें से 7.23 लाख उनके मालिकों को वापस किए गए
  • नागरिकों द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद 40.96 लाख जाली कनेक्शन हटाए गए
  • 6.2 लाख धोखाधड़ी से जुड़े आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल उपकरण पहचान) ब्लॉक किए गए
  • वित्‍तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक ने ₹475 करोड़ के नुकसान को रोकने में मदद की

वित्‍तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (एफ़आरआई)

दूरसंचार विभाग (DoT) ने वित्‍तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (एफ़आरआई)  विकसित किया है, जो एक जोखिम-आधारित मीट्रिक है और मोबाइल नंबरों को वित्तीय धोखाधड़ी के मध्यम, उच्च, या अति उच्च जोखिम में वर्गीकृत करता है। एफआरआई  बैंकों, एनबीएफसी और यूपीआई सेवा प्रदाताओं को उच्च जोखिम वाले नंबरों के लिए प्रवर्तन को प्राथमिकता देने और अतिरिक्त ग्राहक सुरक्षा उपाय अपनाने में मदद करता है।

इन उपलब्धियों को आधार बनाते हुए, इस पहल ने लक्षित कार्रवाईयों के माध्यम से दूरसंचार धोखाधड़ी को और कम किया है, जिससे कई प्लेटफ़ॉर्म पर ठोस परिणाम हासिल हुए हैं। 3 करोड़ से अधिक जाली मोबाइल कनेक्शन समाप्त किए गए, 3.19 लाख उपकरण ब्लॉक किए गए, 16.97 लाख व्‍हॉट्सऐप खाते निष्क्रिय किए गए, और 20,000 से अधिक बल्क एसएमएस भेजने वालों को ब्लैकलिस्ट किया गया, जिससे दूरसंचार से संबंधित धोखाधड़ी में महत्वपूर्ण कमी आई और देशभर में उपयोगकर्ता सुरक्षा में सुधार हुआ।

 

नागरिकों को उपयोग में आसान उपकरण और महत्वपूर्ण सुरक्षा सुविधाओं की रिअल-टाइम एक्‍सेस प्रदान करके, संचार साथी मोबाइल ऐप भारत में बढ़ती साइबरक्राइम चुनौतियों के लिए समयोचित और प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है।

यह एप्लिकेशन हिंदी और 21 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे यह पूरे देश के लिए समावेशी और सुलभ बन जाता है। एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध इस ऐप के लॉन्च के बाद से इसके 1.4 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं।

संचार साथी द्वारा प्रदान की जाने वाली नागरिक-केंद्रित सेवाएँ

संचार साथी मोबाइल ऐप पोर्टल की सभी नागरिक-केंद्रित सेवाओं को सीधे उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन पर ले आता है, जिसमें सुरक्षा, सत्यापन और धोखाधड़ी रिपोर्टिंग सुविधाएँ शामिल हैं।

संचार साथी में निम्नलिखित सुविधाएँ हैं –

  • चक्षु – उपयोगकर्ताओं को कॉल, एसएमएस या व्‍हॉट्सऐप के माध्यम से हुए संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार - विशेष रूप से केवाईसी अपडेटिंग स्कैम्स - की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है। यह सक्रिय रिपोर्टिंग टूल DoT को फर्जी केवाईसी और पहचान चोरी के मामलों पर निगरानी रखने तथा तुरंत कार्रवाई करने में मदद करता है, और नागरिकों को अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

  • आईएमईआई ट्रैकिंग और ब्लॉकिंग – भारत में कहीं भी गुम या चोरी हुए फ़ोन को ट्रैक और ब्लॉक करने की सुविधा प्रदान करता है। यह पुलिस अधिकारियों को चोरी या गुम हुए उपकरणों का पता लगाने में मदद करता है, नकली फ़ोन को ब्लैक मार्केट में प्रवेश करने से रोकता है, और डिवाइस क्लोनिंग के प्रयासों को ब्लॉक करता है।
  • एक और महत्वपूर्ण सुविधा – मोबाइल कनेक्शन के नंबर का सत्यापन करने का विकल्प है। यदि कोई संदिग्ध कनेक्शन — जो संभवतः फर्जी केवाईसी विवरण का उपयोग करके बनाया गया हो — मिले, तो उपयोगकर्ता उसे तुरंत रिपोर्ट और ब्लॉक कर सकते हैं।
  • अपने मोबाइल हैंडसेट की प्रामाणिकता जानें – यह जांचने का आसान तरीका प्रदान करता है कि खरीदा गया मोबाइल उपकरण असली है या नहीं।
  • भारतीय नंबर वाले अंतर्राष्ट्रीय कॉल की रिपोर्टिंग – नागरिकों को +91 से शुरू होने वाले (देश कोड के बाद 10 अंक) नंबरों से घरेलू कॉल प्रतीत होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कॉल की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है। इस तरह की कॉलें विदेशों में अवैध दूरसंचार सेटअप से की जाती हैं।
  • अपने इंटरनेट सेवा प्रदाता को जानें – उपयोगकर्ताओं को पिन कोड, पता, या आईएसपी  नाम प्रविष्‍ट करके भारत भर के वायरलाइन इंटरनेट सेवा प्रदाताओं का विवरण जांचने की सुविधा देता है।

यह पहल नागरिकों को अपनी डिजिटल पहचान सुरक्षित रखने और दूरसंचार धोखाधड़ी से मुकाबला करने में सशक्त बनाकर दूरसंचार सुरक्षा को मजबूत करती है। संचार साथी उपयोगकर्ताओं को सिर्फ़ एक बटन क्लिक करके स्पैम और धोखाधड़ी वाले कॉल तथा मैसेज रिपोर्ट करने की सुविधा देकर ट्राई (टीआरएआई) के दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम (टीसीसीसीपीआर) के प्रवर्तन में भी सहायता करता है।

साइबरक्राइम वह है जिसमें “कंप्यूटर, संचार उपकरण या कंप्यूटर नेटवर्क का उपयोग किसी अपराध को करने या अपराध करने में मदद करने के लिए किया जाता है।”

उपयोगकर्ता सशक्तिकरण

संचार साथी पहल जन भागीदारी — शासन में जनता की भागीदारी — का उदाहरण प्रस्तुत करती है। उपयोगकर्ताओं की रिपोर्ट साइबरक्राइम और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। DoT इन रिपोर्टों पर तेजी से कार्रवाई करता है, और पोर्टल का स्‍टेटस डैशबोर्ड सार्वजनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं।

गोपनीयता एवं सुरक्षा

यह ऐप उपयोगकर्ता के डेटा और उसकी निजता की सुरक्षा करते हुए दूरसंचार सुरक्षा को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (आईटी एक्‍ट) के अनुरूप है, जो भारत का साइबरक्राइम, ई-कॉमर्स, सुरक्षित ट्रांसमिशन और डेटा की गोपनीयता को नियंत्रित करने वाला प्रमुख कानून है। यह कानूनी ढांचा हैकिंग और डेटा चोरी जैसे अपराधों को परिभाषित करता है और इनके लिए दंडित करता है।

संचार साथी उपयोगकर्ता की निजता को प्राथमिकता देता है और केवल सेवाएँ प्रदान करने के लिए आवश्यक न्यूनतम व्यक्तिगत जानकारी ही एकत्र करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म वाणिज्यिक विपणन के लिए प्रोफ़ाइल नहीं बनाता और न ही उपयोगकर्ता डेटा को तीसरे पक्ष के साथ साझा करता है। डेटा साझा करना केवल कानूनी रूप से आवश्यक होने पर कानून प्रवर्तन तक ही सीमित है, जिससे डेटा तक अनधिकृत पहुँच और इसके दुरुपयोग से सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

इस प्लेटफ़ॉर्म की निजता सुरक्षा पद्धतियां  डिजिटल व्‍यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 (डीपीडीपी एक्ट) के अनुरूप हैं, जो व्यक्तिगत नियंत्रण, पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर देती हैं। संचार साथी केवल वैध उद्देश्यों के लिए डेटा संग्रहित करता है, डेटा संग्रह को न्यूनतम रखता है, और सहमति के लिए स्पष्ट तरीके लागू करता है।

निष्‍कर्ष

संचार साथी ऐप भारत के बढ़ते टेलीकॉम ईकोसिस्‍टम को सुरक्षित करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरा है। खोए हुए उपकरणों को ब्लॉक करने, धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने, मोबाइल कनेक्शनों का सत्यापन करने और उपयोगकर्ता की निजता की सुरक्षा जैसी सेवाओं को एकीकृत करके, यह नागरिकों को आसानी से अपनी डिजिटल पहचान सुरक्षित करने में सक्षम बनाता है। इसकी व्यापक भाषा उपलब्धता, साइबर कानूनों के साथ अनुरूपता और मजबूत निजता सुरक्षा इसे समावेशी और भरोसेमंद बनाती हैं। जैसे-जैसे इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है, संचार साथी केवल दूरसंचार धोखाधड़ी को ही कम नहीं कर रहा; यह डिजिटल विश्वास को मजबूत कर रहा है और भारत के मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित, नागरिक-केंद्रित भविष्य को आकार दे रहा है।

संदर्भ

संचार मंत्रालय

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

गृह मंत्रालय

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सूचना और प्रसारण मंत्रालय

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(रिलीज़ आईडी: 2198062) आगंतुक पटल : 26
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